उत्तर प्रदेश में पीसीएस (जे)शनिवार को घोषित किए गए परिणाम में मुसलमानों के लिए अच्छी खबर है उन्होंने अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन किया है. यूपी पीसीएस जे का रिजल्ट इससे पहले 2016 में आया था। इस बार 610 सीटें थी कुल 38 मुसलमानों ने यूपी पीसीएस (जे) परीक्षा पास की है. इनमे 18 लड़कियां है. सबसे अच्छी रैंक शहनवाज सिद्दीकी को मिली है वो 11 वे स्थान पर रहे हैं.जबकि लड़कियों में हीना कौसर 96 रैंक पर आई है.मुसलमानों का पिछले कुछ वर्षों में न्यायिक सेवा की तरफ रुझान बढ़ा है जिसके परिणाम अब अब सामने आ रहे हैं. इनमे से कई बहुत सकारात्मक परिणाम है।जैसे शामली की मेहनाज़ खान की बुलंदपुर गांव में शादी हुई थी.जबकि वहां नेटवर्क और बिजली की बड़ी समस्या थी मगर वो कामयाब हो गई.
सबसे चौकाने वाली कहानी मेरठ की हुमा की है जिसने आर्थिक समस्या से जूझते हुए बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों में खुद को साबित किया है.हुमा के पिता की असमय मौत हो गई थी और उसके भाई की हत्या कर दी गई थी.इसके बावजूद उसने संघर्ष किया और तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की.
मेरठ के फरहान ने भी अत्यंत संघर्ष किया.मऊ की समरीन फातिमा और सहारनपुर की निशा अली की कहानी भी प्रेरणादायक है.सहारनपुर की नांगल गांव की लड़की फरहा नाज का जज बनना भी एक सुखद बात है.