By आस मोहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
सहारनपुर- भीम आर्मी के नम्बर ‘दो’ कमल वालिया और ‘नम्बर तीन’ मंजीत नौटियाल के विरुद्ध गैंगस्टर ऐक्ट की कार्रवाई के बाद से भीम आर्मी कार्यकर्ताओं के बीच मे गहरी हलचल देखी जा रही है और स्थानीय ख़ुफ़िया विभाग इसे लेकर अर्लट है।
भीम आर्मी के कार्यकर्ता गैंगस्टर ऐक्ट निरस्त करने की माँग कर रहे हैं।
हाल ही में पेशी पर आए भीम आर्मी के राष्ट्रीय महासचिव कमल वालिया और प्रवक्ता मंजीत नौटियाल ने कहा है कि जेल उनके हौसलों को तोड़ नही सकती वो अपने संघर्ष को जारी रखेंगे। भीम आर्मी के कमल वालिया और मंजीत नौटियाल फिलहाल जेल में बंद है और पुलिस ने उनपर गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्रवाई की है।भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद के तिहाड़ जेल से वापस आने के बाद से सहारनपुर में भीम आर्मी के प्रदर्शन की संभावना है जिसके चलते प्रशासन काफी अर्लट है।
गौरतलब है पिछले दो सालों से भीम आर्मी ने दलितों के बीच गहरी जज्बाती पकड़ बनाई है। भीम आर्मी के विरुद्ध स्थानीय प्रशासन कड़ी कार्रवाई कर रहा है। भीम आर्मी के संयोजक चंद्रशेखर रावण हाल ही में तिहाड़ जेल से बाहर आ पाएं है जबकि उनके सिपहसलारों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा जा रहा है।
भीम आर्मी के महासचिव कमल वालिया और राष्ट्रीय प्रवक्ता मंजीत नौटियाल के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसते हुए गैंगस्टर ऐक्ट का मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमे में इन दोनों पदाधिकारियों के साथ दो कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया गया है। मुकदमे का आधार दो साल पहले हुई सहारनपुर हिंसा को बनाया गया है।
बता दें सहारनपुर के गाँव शब्बीरपुर में हुई हिंसा में दलितों की बस्ती पर हमला हुआ था जिसमे दलितों के दर्जनों घर जलाकर राख कर दिए गए थे।इस हमले में महिलाओं,बच्चों समेत डेढ़ दर्जन से ज्यादा दलित घायल हुए थे।
इस घटना के चार दिन बाद हमलावरों की गिरफ्तारी की माँग कर रही भीम आर्मी ने हिंसक प्रदर्शन किया था।
अब उसी हिंसा मामले में दर्ज मुकदमों के आधार पर गैंगचार्ट बनाया गया है।जिसमे मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने एक अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया,जबकि भीम आर्मी के राष्ट्रीय महासचिव कमल सिंह वालिया जेल में ही बंद है।पुलिस की इस कार्रवाई से भीम आर्मी पदाधिकारियों और उसके समर्थकों में खलबली मच गई है।वहीं पुलिस के शिकंजा कसने के बाद से पदाधिकारी और आर्मी के सदस्य छिप गए हैं।
भीम आर्मी एकता मिशन के मंडल अध्यक्ष दीपक बौद्ध के अनुसार समाज के हित मे आवाज़ उठाना उनका अधिकार है और भीम आर्मी ऐसा कर रही है तो उसकी आवाज़ को ही कुचला जा रहा है।उनके नेताओं पर ग़लत तरीके से गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है।
जिन पुराने मुकदमों को आधार बनाकर यह कार्रवाई हुई है वो दो साल पहले रामनगर गांव में हुई हिंसा में पुलिस ने भीम आर्मी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे। उसी आधार पर पुलिस ने जिला जेल में बंद भीम आर्मी के राष्ट्रीय महासचिव कमल वालिया और राष्ट्रीय प्रवक्ता मंजीत सिंह नौटियाल के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया है। इसमें शिवम उर्फ कदम निवासी लाडवा व राजन हलालपुर देहात कोतवाली को भी निरुद्ध किया गया है।
सीओ मुकेश मिश्र के अनुसार कमल सिंह वालिया एक दूसरे बवाल के मामले में जेल में बंद है जबकी प्रवक्ता मंजीत सिंह नौटियाल ने प्रधानमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके लिए उसे गिरफ्तार किया गया था। अब जनकपुरी थाने की ओर से इन दोनों के विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है।
पुलिस ने इसी मामले में एक अन्य युवक शिवम उर्फ कदम को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है ।भीम आर्मी के एक और कार्यकर्ता राजन की पुलिस तलाश कर रही है। इतना ही नहीं भीम आर्मी के राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय प्रवक्ता मंजीत के खिलाफ रिमांड भी जेल में तामिल करा दिया गया है। मंजीत नौटियाल पर प्रधानमंत्री के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। पुलिस की कार्रवाई के बाद भीम आर्मी मे हड़कंप है।
भीम आर्मी के महासचिव का जेल से लिखा हुआ एक पत्र वायरल हो रहा है और अत्यधिक चर्चा में है इस पत्र में भीम आर्मी महासचिव ने यह लिखकर सनसनी फैला दी है कि वो तो कल भी विद्रोही थे और आज भी है आगे भी विद्रोही ही रहेंगे।पत्र के लेखक कमल सिंह वालिया और मंजीत नौटियाल लिखा हुआ है। जेलर वीरेश शर्मा जेल से किसी पत्र का बाहर जाने से इंकार कर रहे है वो कह रहे हैं कि यह पत्र उन्होंने पहले लिखा होगा।
पत्र में लिखा है कि संतो और महापुरुषों से उन्हें हमेशा अन्याय के विरुद्ध लड़ने की शिक्षा मिली है जिसपर वो जीवन पर्यंत चलने के लिए तैयार है। उनके बताए हुए रास्ते पर ही वो चल रहे हैं। दलित युवाओं में यह पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पहले चन्द्रशेखर ने भी 19 सितंबर को जेल से इसी तरह का पत्र लिखा था जिसमे दलित युवाओं से अन्याय के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया था।
भीम आर्मी के पश्चिम यूपी प्रभारी देवेंद्र सिंह के मुताबिक किसी भी तरह की कोई कार्रवाई भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं का मनोबल ध्वस्त नही कर पाएगी। अपने हक़ के लिए आवाज उठाना भी आज अपराध की श्रेणी में आ गया है।