शुक्रवार को बिजनौर के कस्बे नहटौर में प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से सुलेमान और जाहिद की मौत हो गई थी आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अचानक उनके परिजनों के बीच पहुंच गई।कड़ाके की ठंड में 3 बजे नहटौर पहुंची प्रियंका गांधी ने कहा कि वो इस मुश्किल वक़्त में परिवार के साथ खड़ी है।सरकार अत्याचार कर रही है।
गौरतलब है शुक्रवार को नहटौर में भारत सरकार द्वारा लाएं गए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में कई जगह प्रदर्शनकारी उग्र हो गए थे।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नहटौर में इसके बाद पुलिस ने फायरिंग की थी इसमे दो युवक सुलेमान और अनस की गोली लगने से मौत गई थी जबकि तीन युवक घायल हो गए थे।प्रदेश भर में इस दौरान 17 मौत हुई जिनमे अकेले मेरठ में 6 लोगो की मौत हो गई।यूपी पुलिस ने इन सभी को खुद की गोली से मरने से इंकार किया है।
घटना के बाद से बिजनोर सहित उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में इंटरनेट बंद है।इस मामले को नहटौर मेंलेकर कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने आज मृतकों के घर पर पहुंचकर जहां मृतकों के घरवालों को सांत्वना दी।उन्होंने वहीं परिवार वालों से इस घटना को लेकर बातचीत की प्रियंका गांधी ने कहा कि यह बिल देश हित में नहीं है।जीडीपी इतनी नीचे कभी भी नहीं गई। इस घटना में जो लोग मरे हैं वह बहुत अजीब परिस्थितियों में है। इस पूरे घटना की इन्वेस्टीगेशन होनी चाहिए।परिजनों ने बताया कि जब वो मुकदमा लिखवाने के लिए थाने गए तो पुलिस ने उल्टा ही परिवार वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात कहकर उन्हें वहां से भगा दिया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि यह कानून गरीबों की जिंदगी को बेहद मुश्किल बना देगा।उन्होंने कहा कि झोपड़ी झुग्गी में रहने वाले लोग इन्हें 1971 का कागज कहां से लाकर दिखाएंगे!उधर प्रधानमंत्री और सरकार के बारे में बताया कि इन्हें विरोध सुनने की आदत नहीं है।
बिजनौर में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि यहां पर कई लोगों की जानें गई हैं। सबके सब गरीब-मजदूर घर के लोग थे। अब इनके परिवार में कमाने वाले नहीं बचे हैं। छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनका ख्याल रखने वाला कोई नहीं है।
उन्होंने जांच की मांग करते हुए कहा कि इनकी मौतें कैसे हुईं? कई लोगों की मौतें हुईं हैं, कई लोग अस्पताल में हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से उनके घर कोई आया तक नहीं। किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। आज समय इनकी बात सुनने का है। इनको गले लगाकर इस दुख की घड़ी में इनका साथ देने का है।
उन्होंने कहा कि आज जिस कानून की एकदम जरूरत नहीं है, वैसा कानून लाया जा रहा है। भयंकर बेरोजगारी है। अर्थव्यवस्था पूरी तरह ढह चुकी है। भाजपा सरकार के लोग इन समस्याओं का हल देने की बजाय हर भारतीय से कह रहें हैं कि साबित करो कि तुम भारतीय हो। जिन्होंने इस मिट्टी के लिए इतना कुछ किया उन सबसे बोला जाएगा कि इस मिट्टी से अपना रिश्ता साबित करो। ये कानून एकदम गरीब विरोधी है। गरीब इतने पुराने कागज कहाँ से लाएगा? सरकार फिर उसको लाइन में लगा लगा देगी।
महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमन्त्री को अर्थव्यवस्था सुधारने, लोगों को रोजगार देने में ध्यान लगाना चाहिए। वो फेल हो चुके हैं तो फूट डालकर बच नहीं सकते। उनको देश के लोगों की बात सुननी चाहिए और असल समस्याओं के हल जनता को देने चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं आज उन परिवारों से मिली जिनके वहां से किसी की जान चली गई। आज इन परिवारों पर दुख का अंबार टूट पड़ा है। उनकी मदद करने के लिए प्रशासन से कोई नहीं आया है।
उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार की भाषा ऐसी है कि लोग दुख झेल रहे, अन्याय झेल रहे लेकिन सरकार से अपनी बात कहने से डरते हैं। सरकार अपने लोगों की बात ही सुनना नहीं चाहती।