स्टॉफ रिपोर्टर।Twocircles.net
सहारनपुर। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत युवराज को सहारनपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने ख़ासी मशक्कत के बाद उन्हें उनके निवास रंनहरा गांव से गिरफ्तार किया। उनका गांव मथुरा जनपद मे है। संत युवराज को मोदी और योगी विरोधी बयानों के लिए जाना जाता है।
सहारनपुर के एक डीएसपी यतेंद्र नागर की अगुवाई में पुलिस की एक टीम मथुरा गई थी। वहां से गिरफ़्तारी के बाद उन्हें यहां दर्ज मुक़दमे के चलते सहारनपुरर लाया गया।
पचलिस सज मिली जानकारी के अनुसार यह गिरफ्तारी 25 अप्रैल को हुई। गिरफ्तारी से पहले ही मथुरा जनपद की शेरगढ़ पुलिस ने उनकी निगरानी करनी शुरू कर दी थी। शेरगढ़ थाना प्रभारी प्रदीप कुमार के अनुसार उन्हें सहारनपुर पुलिस ने संत युवराज के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने की जानकारी दी थी। उसके बाद उनकी टीम आई और वो गिरफ्तार करके ले गई।
यह मुक़दमा नकुड़ थाने में दर्ज हुआ था। नकुड़ थाने के प्रभारी सुशील सैनी के मुताबिक उन्ही के थाने क्षेत्र के एक व्यक्ति से उन्होंने आपत्तिजनक बातचीत की थी। जो कि वायरल हो गई। यह ऑडियो अत्यंत आपत्तिजनक थी। इसमें मुस्लिम समाज को गुमराह किया जा रहा था।
जानकारी के अनुसार इस ऑडियो में सन्त युवराज किसी व्यक्ति से बात कर रहे और कह रहे हैं कि कोरोना का बहाना बनाकर केंद्र और राज्य की मुस्लिम विरोधी सरकार मुसलमानों को योजनाबद्ध तरीक़े से टारगेट कर रही है उनके ख़िलाफ़ साजिश कर रही हैं।
बता दें कि यह ऑडियो ख़ासकर मुसलमानों में बड़े पैमाने पर वायरल हुई है और मुरादाबाद में पुलिस पर पथराव के मामले में जांच कज दौरान इसी तरह की अफवाहों की जानकारी प्रशासन को मिली थी।
सहारनपुर के एसपी सिटी विनीत भटनागर के मुताबिक सहारनपुर पुलिस ने हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर नफ़रत फैलाने वालों के विरूद्ध निष्पक्ष त्वरित कार्रवाई की है। पिछले एक सप्ताह में वो चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई कर चुके हैं।
संत युवराज उर्फ युवराज शर्मा हिन्दू सेना नाम का एक संगठन चलाते हैं और सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों में भी वो बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे थे। संत युवराज कई तरह के विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं एक बार उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के लिए मोदी और शाह की जोड़ी जिम्मेदार है। जांच होने पर अगर यह सत्य नहींं निकलता है तो वो फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार हैंं।अक्सर वो अपने भाषणों में दंगो के लिए भी इन्हें जी ज़ीम्मेदार ठहराते रहते हैं।
23 अप्रैल को नकुड़ थाने में पुलिस ने यह मामला दर्ज किया था और उसके बाद से गिरफ्तारी की तैयारी में जुट गई थी।