आस मौहम्मद कैफ़, Twocircles.net
मीरापुर। मुजफ्फरनगर जनपद के मीरापुर कस्बे में बच्चे को दूध न मिलने की बेबसी की रिपोर्ट को पढ़कर कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी और प्रियंका गांधी ने सीधे ज़रूरतमंद परिवार के लिए बड़ी मदद भेज दी। मदद पाकर परिवार का चेहरा न केवल खिल उठा बल्कि बच्चें की मां फ़िरदौस भावुक होकर रोने भी लगी। शाक़िब के परिवार की तक़लीफ़ की यह कहानी एक्सकलूज़िव तौर पर टीसीएन ने कवर की थी।
बता दें कि मंगलवार को टीसीएन में मीरापुर के मौहल्ले नमक मंडी में लॉकडाऊन के दौरान एक बेबस परिवार की पीड़ा प्रकाशित हुई थी। इसका शीषर्क था “ढाई महीने का मेरा बच्चा भूख से बिलखता है एक दिन भी इफ़्तार में फल नही देखा।” 3 मई को प्रकाशित इस रिपोर्ट के बाद कई लोगों ने इस परिवार की मदद करने की ख़्वाहिश ज़ाहिर की थी। टीसीएन की ओर से भी इस परिवार की मदद की गई थी। इस रिपोर्ट को प्रियंका गांधी के नोटिस करने के बाद आज इस परिवार को स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता मदद करने पहुंच गए।
बता दें कि इस परिवार के मुखिया शाक़िब एक ढ़ाबे में वेटर का काम करता था और 330₹ रोज़ कमाता था। पिछले डेढ़ महीने से लॉकडाऊन के चलते यह ढाबा बंद हो गया था। इसलिए वो मुसीबत से जूझ रहा था। शाक़िब की पत्नी फिरदौस के गोद मे एक ढाई महीने का बच्चा भी था। फिरदौस के मुताबिक उसके बच्चें को दूध और इफ़्तार में फल नही मिल पा रहे थे।
हताश और निराशा में डूबे शाक़िब को क़र्ज़ भी नही मिल पा रहा था। शाक़िब ने बताया था कि उसका परिवार एक सप्ताह सिर्फ नमक के चावल और एक सप्ताह तक सिर्फ रूखी रोटी खा रहा था। शाक़िब की इस व्यथा को एक टीसीएन ने प्रकाशित किया था। प्रकाशन के बाद इस रिपोर्ट को अलीगढ़ के एक यूजर नासिर मिर्ज़ा ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस को ट्वीट किया।
वहां से यह मामला कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के संज्ञान में आया उन्होंने टीसीएन रिपोर्टर से इस परिवार का संपर्क मांगा और मुजफ्फरनगर कांग्रेस से बात की गई। आज उन्होंने मदद भेज दी। कांग्रेस सोशल मीडिया प्रभारी मोहित पांडेय के अनुसार प्रियंका दीदी ने उन्हें इस परिवार की मदद के लिए कहा था जिसके बाद तुरंत कांग्रेस के मुजफ्फरनगर अध्यक्ष जुनैद रउफ को निर्देश जारी किए गए।
जुनैद रउफ ने इसके लिए मीरापुर के पुराने कांग्रेस कार्यकर्ता तारिक सिद्दीक़ी को परिवार की मदद करने के लिए भेज दिया। तारिक़ बुधवार की शाम शाक़िब के घर पहुंचे वहां उन्होंने प्रियंका गांधी के द्वारा उनकी परेशानी को संज्ञान में लिया जाने की बात। बाद में राशन,फल,ड्राई फ्रूट्स जैसी खाने पीने की वस्तुओं को शाक़िब को दे दिया गया। शाक़िब ने बताया कि उसे मंगलवार को ही कांग्रेस दफ़्तर से कॉल आ गई थी। मदद आज पहुंच गई।
अपनी बदहाली के आंसू रो रहे शाकिब और उसके परिवार के चेहरे पर लौट आई खुशी के साथ शाक़िब और उसकी पत्नी फ़िरदौस ने प्रियंका गांधी का आभार भी जताया।
शाक़िब के अनुसार उन्हें इसकी उम्मीद नहीं थी मगर आज की दुनिया मे कब क्या हो जाएं कहा नही जा सकता! शाक़िब की पत्नी फ़िरदौस का चेहरा भी इसके बाद खिल गया उसने बताया उसे इस बात की बहुत खुशी है कि अब उसका बच्चा दूध की कमी से रोयेगा नही। शाक़िब के तीन बच्चें है। पिछले साल वो ऋषिकेश में पुताई का काम करता था। वहां से वो पिछले साल मीरापुर लौट आया। यहां आकर उसके बच्चों की पढ़ाई भी छूट गई। शाक़िब के तीन बच्चे हैं। रमज़ान का महीना होने के बावजूद शाक़िब के घर इफ़्तार में फल नही आएं थे। इससे उसके बच्चें उदास होकर रोने लगते थे।
शाक़िब की बदहाली की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद उसकी कुछ और लोगो ने भी मदद की। मगर प्रियंका गांधी का शाक़िब के परिवार की मदद करने में रुचि लेना काफी सुखद अहसास दिला गया।
मुजफ्फरनगर कांग्रेस के अध्यक्ष जुनैद रऊफ़ ने बताया कि उन्हें बुधवार की रात कांग्रेस दफ़्तर से फ़ोन आया कि ‘दीदी’ (प्रियंका गांधी को अब कांग्रेस कार्यकर्ता अब इसी नाम से पुकारते हैं) चाहती है कि तत्काल इस परिवार को सहायता उपलब्ध कराई जाएं। कई बार ख़ुद्दार आदमी शर्म की वजह से पड़ोस में कुछ बता नही पाता।इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद उनकी जानकारी में यह मामला आया।
शाकिब के पड़ोसी जानमोहम्मद मेवाती ने प्रियंका गांधी के इस कदम की सराहना की है।उन्होंने कहा कि ऐसे मुश्किल समय पर जब सारे देश के गरीब लोग इसी तरह की समस्या से जूझ रहे हैं तो इस स्तर की हमदर्दी उनको गरीबों का हितेषी साबित करती है।हमें पड़ोस में रहने के बावजूद यह सब पता नहीं चला और वो दूर बैठकर भी मदद कर रही है।
मदद लेकर पहुंचे तारिक़ सिद्दीकी ने कहा कि”उन्हें बहुत अच्छा अहसास हुआ है, वो 35 साल से कांग्रेस में हैं। पहली बार किसी बड़े नेता ने इतनी बारीकी से नज़र रखी है, प्रियंका जी का शुक्रिया। कांग्रेस इतनी सक्रिय नहीं रही। इसका हमें नुकसान हुआ मगर प्रियंका गांधी जी का काम का अंदाज अलग है।”