उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बेहद दरिन्दगी का एक मामला सामने आया है। यहां पकरिया गांव में दलित समुदाय की एक नाबालिग़ लड़की की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। घटना के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस से जवाब देते नही बन रहा है हालांकि खीरी पुलिस का दावा है कि उन्होंने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और वो हत्या के मामले में जेल भेजे जा चुके हैं। बलात्कार की पुष्टि आज स्वयं खीरी पुलिस कप्तान सतेंद्र कुमार ने की है। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अब जेल में बंद दोनों आरोपियों पर वो बलात्कार की धारा बढ़ा देंगे। इसके अलावा दोनों आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई भी की जा रही है।
हत्या के कारणों का पुलिस पता नही लगा सकी है। यह घटना ऐसे समय हुई है जब हापुड़ में लगभग 8 साल की एक बेटी अपनी साथ हुई दरिंदगी के बाद अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। उसके बलात्कारी दलपत सिंह को पुलिस ने एक पखवाड़े के बाद गिरफ्तार करने का दावा किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस हापुड़ की घटना को लेकर बेइंतहा आलोचना झेल रही है अब लखीमपुर खीरी की घटना के बाद तो वो बुरी तरह से घिर गई है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस घटना के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यूपी के पकरिया गांव में दलित नाबालिग़ के साथ बलात्कार के बाद फ़िर उसकी नृशंस हत्या अति दुःखद व शर्मनाक है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा शासनकाल में उत्तर प्रदेश की बच्चियों और नारियों पर उत्पीड़न चरम पर है। खीरी में एक बेबस किशोरी से दुष्कर्म की यह घटना इंसानियत को झकझोर देने वाली है।
बता दें कि पहली बार यह मामला शुक्रवार की देर रात सामने आया था जब दो लोग इस किशोरी की लाश को गन्ने के खेत के पास फेंक कर भाग गए थे। लड़की का गला उसके ही दुप्पटे से घोंट दिया गया था। यह घटना ईशानगर थाने के इलाक़े में हुई है। किशोरी को हत्या के बाद खेत में भी घसीटा गया है। लड़की के परिजनों के मुताबिक लड़की शौच के लिए बाहर गई थी। लड़की की उम्र सिर्फ 13 साल बताई गई है। पुलिस ने संतोष और संजय यादव नाम के दो आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। घटना ने समाजवादी पार्टी की सरकार में हुई दर्दनाक बंदायू की घटना और दिल्ली के निर्भया कांड की याद दिला दी है। खीरी में 13 साल की लड़की के साथ बेहद बर्बरता की गई है।
भीम आर्मी के चंद्रशेखर आज़ाद ने इसे दलितों पर अत्याचार बताया है। उन्होंने कहा कि बीजीपी की सरकार में दलित उत्पीड़न चरम पर है। उत्तर प्रदेश में जंगल राज चल रहा है। हमारी बेटियां सुरक्षित नही है। हमारे घर सुरक्षित नही है। हर तरफ भय का माहौल है। आज़मगढ़ में सवर्णों द्वारा एक दलित प्रधान की हत्या कर दी गई। दलितों के प्रति घृणित मानसिकता के चलते ऐसी शर्मनाक और बर्बर घटना सामने आ रही है।
लखीमपुर खीरी के पुलिस कप्तान सतेंद्र कुमार ने बताया कि परिजनों द्वारा 14 अगस्त शुक्रवार को दोपहर 2 बजे से लड़की को ग़ायब बताया जा रहा था। देर शाम उसकी लाश मिल गई थी । हमने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आज हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली जिसमे बलात्कार की पुष्टि हुई है। हमने अग्रिम कार्रवाई करने जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि इस घटना ने समस्त उत्तर प्रदेश को शर्मसार किया है। बुलंदशहर, हापुड़, जालौन की घटनाओं के बाद अब लखीमपुर खीरी में बेहद झिंझोड़ने वाली घटना हुई है।उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बर्बाद हो चुकी है। राज्यपाल महोदय को तत्काल इसमे दखल देना चाहिए।