आकिल हुसैन।Twocircles.net
कानपुर के बर्रा में हुई एक मुस्लिम रिक्शेवाले के साथ मारपीट का मामला अब गर्माता जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने पांच नामजद समेत आठ अज्ञात के ऊपर मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। गिरफ्तार हुए आरोपियों में अजय,अमन गुप्ता और राहुल कुमार शामिल हैं। बाकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। इस गिरफ्तारी के विरोध में तमाम हिंदू संगठन डीसीपी कार्यालय पहुंच कर नारेबाज़ी करने लगे और आरोपियों को छोड़ें जाने की मांग करने लगे।
बुधवार को बर्रा थाने के कच्ची मडैया के रहने वाले अफसार अहमद के साथ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा जबरन मारपीट करी गई थी। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ था। वीडियो में लोग जय श्रीराम का नारा लगाते हुए जबरन अफसार अहमद की पिटाई कर रहे और पूरे इलाके में घुमा रहें हैं। इस दौरान अफसार अहमद की मासूम बेटी अपने पिता से लिपटकर छोड़े जाने की गुहार लगा रही थी।
पुलिस ने इस मामले में पीड़ित अफसार अहमद की तहरीर पर आरोपी अजय,डान,केशु नेता,रमेश,रानी व 10 अन्य अज्ञात के खिलाफ बलवा, मारपीट, धमकी की धारा लगाकर एफआईआर दर्ज करी थी। पुलिस ने दर्ज एफआईआर में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपी अजय,अमन गुप्ता और राहुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। अमन गुप्ता हिंदूवादी संगठन विश्व हिन्दू परिषद से जुड़ा है और विश्व हिन्दू परिषद का नगर मंत्री हैं।
जैसे ही गिरफ्तारी की भनक तमाम हिंदूवादी संगठनों को लगी, सब डीसीपी कार्यालय पहुंच कर नारेबाज़ी करने लगें और आरोपियों को छोड़े जाने की मांग करने लगे। देर रात विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने डीसीपी कार्यालय को घेरकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान इन लोगों ने डीसीपी कार्यालय पर हनुमान चालीसा का भी पाठ करा। देर रात तक ऐसा ही चलता रहा और पुलिस द्वारा आरोपियों को छोड़े जाने के आश्वासन के बाद हिंदूवादी संगठनों द्वारा अपना विरोध खत्म किया गया। एक न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने हिंदूवादी संगठनों के दबाव में आरोपियों को छोड़ भी दिया है। हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि अमन गुप्ता निर्दोष हैं।
आरोपियों को छोड़े जाने के बाद अब कानपुर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले कानपुर डीसीपी रवीना त्यागी पीड़ित अफसार अहमद के घर भी पहुंची थी। डीसीपी रवीना त्यागी ने अफसार अहमद की मासूम बच्ची से भी मिली थी जो पिटाई के दौरान आरोपियों से अपने अब्बू को छोड़ने की गुहार लगा रहीं थीं। इस दौरान डीसीपी रवीना त्यागी ने पीड़ित के परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा भी दिया था।
दरअसल बैट्री रिक्शा चालक अफसार अहमद की भाभी कुरैशा बेगम से पड़ोसी रानी का किसी बात को लेकर लड़ाई चल रही थी। इसी मामले कुरैशा बेगम ने रानी पर मारपीट की एफआईआर दर्ज करवाई थी तो वहीं रानी ने कुरैशा बेगम के लड़कों सद्दाम, सलमान पर छेड़खानी का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाईं थी। रानी का आरोप है कि कुरैशा बेगम के लड़के उसकी 14 साल की बेटी के साथ छेड़खानी करतें थे। और शिकायत करने पर मारने पीटने की धमकी देते थे और धर्म परिवर्तन का दबाव भी बनातें थे। रानी का कहना है कि पुलिस को दी शिकायत में उसने धर्मांतरण की बात कही थी, लेकिन पुलिस ने एफ़आईआर में सिर्फ़ छेड़खानी की धारा लगाई।
पुलिस अधिकारियों द्वारा रानी की शिकायत पर ध्यान न देने पर रानी ने बजरंग दल से इस मामले की शिकायत करी थी। जिसके बाद बजरंग दल कुरैशा बेगम के लड़कों की तालाश में पहुंचा था, लेकिन कुरैशा बेगम और उसके लड़कों के न मिलने के चलते कुरैशा बेगम के देवर अफसार अहमद को पकड़ लिया और जबरन मारपीट करने लगें और जय श्रीराम का नारा लगाने लगें। यहां तक की पुलिस की मौजूदगी में अफसार को पीटा गया। हालांकि रानी द्वारा दर्ज एफआईआर में न तो अफसार अहमद का नाम हैं और न ही अफसार अहमद कुरैशा बेगम के इस मामले में कहीं भी शामिल हैं। कुरैशा बेगम के अनुसार बजरंग दल इस मामले को जबरन संप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहा है।
पहले तो अफसार अहमद को पुलिस के सामने पीटा गया। पुलिस मूकदर्शक बनी रही। फिर पुलिस ने जैसे-तैसे तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अब हिंदूवादी संगठनों के दबाव के कारण उन्हें छोड़ जाने की ख़बर आ रहीं हैं। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं। घटना से इलाके में संप्रदायिक तनाव बना हुआ है। सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए पूरे इलाक़े में पुलिस बल को बढ़ा दिया गया है और पीएसी को भी तैनात किया गया है।