स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net
पंजाब के शाही इमाम और मजलिस ए एहरार के अध्यक्ष मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी का लुधियाना के एक अस्पताल में इलाज़ के दौरान देर रात निधन हो गया। शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी काफ़ी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शुक्रवार सुबह लगभग 8: 30 बजे फील्ड गंज चौक जामा मस्जिद कब्रिस्तान में मौलाना हबीब उर रहमान को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मौलाना हबीब उर रहमान के निधन पर पंजाब सरकार के कई मंत्रियों ने दुःख जताया है।
मजलिस ए अहरार के अध्यक्ष और शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी का शुक्रवार देर रात लगभग 12:30 बजें लुधियाना के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में निधन हो गया। मौलाना हबीब उर रहमान काफ़ी लंबे समय से कई गंभीर बिमारियों की गिरफ्त में थे। मौलाना हबीब उर रहमान हाल ही में कुछ दिन पहले चेन्नई के एक बड़े अस्पताल से इलाज़ करवाकर वापस लुधियाना आए थे। चेन्नई में उनका लगभग एक महीने तक इलाज़ चला था।
चेन्नई से इलाज़ करवाकर वापस आने के बाद भी उनकी तकलीफ बढ़ती जा रही थी।डायलिसिस के चलते उन्हें लुधियाना केक्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में एडमिट किया गया था, जहां इलाज़ के दौरान उनका निधन हो गया। जैसे ही उनके निधन की खबर शहर में फैलीं अस्पताल के बाहर उनके चाहने वालों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। शुक्रवार को 8.30 बजें जनाजे की नमाज के बाद फील्ड गंज चौक जामा मस्जिद मौलाना हबीब उर रहमान को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
पंजाब शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान स्वतंत्रता सेनानी परिवार से थे और उनके परिवार ने आजादी के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दिया था। वे लुधियाना के मशहूर मौलाना शाह अब्दुल क़ादिर लुधियानवी के पोते थे, जिन्होंने 1857 में अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ फ़तवा दिया था।मौलाना हबीब उर रहमान सानी, पंजाब में शाही इमाम थे। इसलिए उनके हर आदेश को पूरे प्रदेश में मुस्लमान भाईचारे के लोग मानते थे।
शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान पंजाब में मुसलमानों की एक बुलंद आवाज़ के तौर पर भी जानें जाते थे। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन तलाक कानून का उन्होंने जमकर विरोध किया था। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा लाए गए गैर संवैधानिक कानून सीएए के भी वे खिलाफ रहें थे। यहीं नहीं तीन कृषि कानूनों का भी विरोध उनकी ओर से दर्ज किया गया था और तीन कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने किसानों के समर्थन में एक मार्च भी निकाला था।
उनके बीमार होने के कारण उनके बेटे नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी कामकाज देख रहे थे। मौलाना हबीब उर रहमान के निधन पर पूरे प्रदेश की मस्जिदों के मौलवियों और मस्जिद कमेटी के जिम्मेदारों को आादेश दिए गए हैं कि जुमे की नमाज के समय उनके लिए दुआ की जाए और साथ ही यह भी कहा गया था कि जनाजे की नमाज से एक घंटा पहले ही लोग यहां पहुंच जाएं। उनके जनाजे की नमाज में पंजाब के हजारों मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए।
शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी के निधन से मुस्लिम समाज को काफ़ी धक्का लगा हैं। शाही इमाम के निधन पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु, सांसद रवनीति सिंह बिट्टू, विधायक सुरिंदर डावर, विधायक राकेश पांडे, मेयर बलकार सिंह संधू व अन्य नेताओं ने शाेक जताया है।