आकिल हुसैन। Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के एक डिग्री कॉलेज में एक प्रोफेसर के कैंपस में नमाज़ अदा करने पर विवाद उत्पन्न हो गया हैं। दरअसल प्रोफेसर का कालेज कैंपस के पार्क में नमाज़ अदा करते हुए वीडियो किसी ने बना लिया था और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। नमाज़ पढ़ते हुए वीडियो सामने आने के बाद एबीवीपी और हिंदूवादी संगठनों ने अपना विरोध दर्ज कराया है और साथ ही प्रोफेसर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। वहीं कालेज प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए एक जांच कमेटी का गठन किया हैं। फिलहाल प्रोफेसर को कालेज प्रशासन ने एक महीने की छुट्टी पर भेज दिया है।
मामला अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय डिग्री कॉलेज का हैं।कॉलेज के विधि विभाग के सहायक प्रोफेसर एस आर खालिद का कालेज कैंपस में नमाज़ अदा करते हुए वीडियो सामने आया था। वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी की छात्र इकाई एबीवीपी और अन्य हिंदूवादी संगठनों कैंपस में नमाज़ अदा करने को मुद्दा बना दिया। एबीवीपी ने इस मामले की शिकायत कालेज प्रशासन और पुलिस से करते हुए प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है।
एबीवीपी से जुड़े छात्रों व हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि अगर प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया तो वह कॉलेज प्रांगण में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। एबीवीपी ने अपनी शिकायत में लिखा है कि, “प्रोफ़ेसर द्वारा नमाज़ पढ़ने से छात्रों के बीच अलगाववाद पैदा हो रहा है, प्रोफ़ेसर के इस कृत्य से साज़िश की बू आ रही है। उनकी मानसिकता माहौल बिगाड़ने और यूपी सरकार को बदनाम करने की है”।
एबीवीपी और हिंदूवादी संगठनों का तर्क है कि प्रोफेसर खालिद रोज़ कैंपस में नमाज़ अदा करते हैं, लेकर न्यूज़ क्लिक की रिपोर्ट के अनुसार प्रोफेसर खालिद को उस दिन ड्यूटी के लिए देरी हो रही थी और उनकी कमर में दर्द भी था जिसके चलते वो मस्ज़िद नहीं जा पाए और कालेज कैंपस के मैदान के कोने में ही नमाज़ अदा कर ली।
कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्ता ने इस मामले में एक जांच कमेटी का गठन किया हैं। प्राचार्य अनिल कुमार गुप्ता का कहना है कि जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल प्रोफेसर एस आर खालिद को एक महीने की छुट्टी पर भेज दिया गया है। छात्र संगठन एबीवीपी की ओर से क्वार्सी पुलिस थाने में एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है। जिसपर पुलिस का कहना है कि कॉलेज से रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
मामले पर डिग्री कॉलेज के प्राचार्य अनिल कुमार गुप्ता का कहना है कि, कॉलेज में पढ़ाई के अलावा धार्मिक गतिविधियां नहीं बर्दाश्त की जाएंगी। प्रोफेसर ने मुझे बताया कि वह उस दिन हड़बड़ी में थे और उन्होंने पार्क में नमाज पढ़ी। इस मसले को लेकर जांच बैठेगी और सारे पहलुओं पर गौर किया जाएगा। पैनल के निर्णय के मुताबिक, जरूरी कार्रवाई की जाएगी”।
अलीगढ़ का यह वार्ष्णेय डिग्री कॉलेज अक्सर चर्चा में रहता हैं , एबीवीपी और हिंदूवादी संगठन कभी यहां मुस्लिम छात्राओं के हिजाब-बुर्क़ा पहन कर कॉलेज आने को मुद्दा बनाते तो कभी नमाज़ का। बीते 12 मार्च को वार्ष्णेय कॉलेज में कुछ मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिजाब-बुर्क़ा पहन कर आने पर हिन्दू छात्रों ने विरोध किया था और भगवा गमछे बांध लिए थे।
प्रोफेसर खालिद ने कॉलेज के मैदान के एक कोने में अकेले शांतिपूर्वक नमाज अदा की थी। और अगर कोई अकेले बैठ कर, बिना किसी से कुछ कहे नमाज़ पढ़ रहा है या पूजा कर रहा है तो यह धार्मिक स्वतंत्रता हैं न कि कोई अपराध।