पंच-नामा : आलम-गिलानी, तीस्ता सीतलवाड़, राहुल गांधी, किसान और नारायण साईं

By TwoCircles.net staff reporter,

कुछ दिनों के बाद, आज के पांच….कश्मीर में अलगाववाद के ताज़े सुरों से उपजते सवाल, तीस्ता सीतलवाड़ की परेशानियां, घर आए राहुल अब क्या करेंगे, उत्तर प्रदेश में कौन है खतरों का असल खिलाड़ी और नारायण साईं की जमानत के परिणाम क्या हो सकते हैं?


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1. पुराने रंग में आए मसरत आलम और गिलानी
केन्द्र में भाजपा की सरकार आने के बाद कट्टरपंथी सुरों ने जो रवैया अपनाया वह तो ज़ाहिर ही है, साथ ही साथ जिन-जिन राज्यों में भाजपा की सरकार बनी, वहां किस तरीके से अराजकता का दौर शुरू हुआ वह भी देखने लायक है. हालांकि जम्मू-कश्मीर में भाजपा पूरी तरह से सरकार नहीं बनाती है, लेकिन पीडीपी के साथ संगठन और भी बड़े स्तर की अराजक करतूतों को अंजाम दे रहा है. अलगाववादी नेता मसरत आलम को रिहा करने के बाद राज्य सरकार के साथ-साथ भाजपा ने भी आलोचना का सामना किया था. लेकिन अब मसरत आलम और सैयद अली गिलानी की स्वागत रैली में समर्थकों द्वारा पाकिस्तान का झण्डा फहराए जाने के बाद मामला फ़िर से गर्म हो गया है. दरअसल गिलानी चार महीनों बाद दिल्ली से वापिस कश्मीर लौटे थे. अपने समर्थकों और लावा-लश्कर के साथ मसरत आलम गिलानी के घर उनसे मिलने पहुंचे. जो जत्था आलम के साथ चल रहा था, उसमें लोग पाकिस्तान के झंडे फहरा रहे थे और भारत-विरोधी नारे भी लगा रहे थे. इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि आलम को रिहा करने वाली पीडीपी सरकार फ़िर से उन्हें नज़रबंद करने की संभावनाओं पर विचार कर रही है. आलम तो यह है कि मसरत आलम द्वारा स्पष्टीकरण देने के बाद भी पीडीपी इन संभावनाओं पर विचार कर रही है.



2. तीस्ता सीतलवाड़ की परेशानियां
सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की मुश्किलें भाजपा की सरकार आने के बाद बढ़ती ही जा रही हैं. पहले से ही उन पर और उनके एनजीओ पर पैसों की धांधली का आरोप है, अब गुजरात की गृहराज्यमंत्री रजनी पटेल ने तीस्ता सीतलवाड़ पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अमरीका स्थित ‘फोर्ड फाउन्डेशन’ से मिले पैसों का दुरुपयोग किया है और इसकी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भी सौंप दी गयी है. रजनी पटेल ने कहा है कि तीस्ता के एनजीओ को जो पैसे दिए गए, उन्हें सही कार्यों में न खर्च करके उन्होंने गुजरात सरकार के खिलाफ़ झूठ के प्रसार में लगा दिया. इससे अंतर्राष्ट्रीय पटल पर गुजरात और भारत की बदनामी हुई. बकौल रजनी पटेल, राज्य गृह मंत्रालय ने केन्द्र से सिफारिश की है कि जल्द से जल्द तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ़ उचित कार्रवाई की जाए. इसके उलट तीस्ता कहती हैं कि उन्होंने गुजरात सरकार और केन्द्र सरकार की जांच में पूरी सहायता की है और उन्हें हरेक रिकॉर्ड मुहैया भी करवाए गए हैं. तीस्ता सीतलवाड़ का सही या गलत साबित होना तो अदालत तय करेगी लेकिन यह मानना ज़ाहिर है कि ‘फाइव स्टार’ एक्टिविस्टों पर सरकार की नज़र ज़रूर तिरछी हो गयी है.

3. राहुल गांधी की घर-वापसी
कांग्रेस उपाध्यक्ष की घर-वापसी हो चुकी है. लगभग दो महीनों का वक्त किंचित संदिग्ध और गुपचुप तरीके से गुज़ारने के बाद वे आज सुबह दिल्ली लौट आए. बाज़ार की पत्रकारिता का जो सबब हैं, उसके तहत राहुल गांधी के हवाई जहाज का टिकट भी न्यूज़ चैनलों पर सार्वजनिक किया गया जिससे यह साफ़ हो गया कि वे अभी तक बैंकाक में थे. विरोधी-विपक्षी जो भी कह रहे हों, लेकिन सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी एक बड़ी कार्ययोजना पर काम करने के वास्ते लोगों की आँखों से ओझल हुए थे. यदि यह कयास सही भी हैं तो देखने लायक बात होगी कि आगे आ रहे बिहार विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी की नयी रणनीति क्या नया बदलाव ला पाती है? राजनीतिक नादानी का दंश झेल रहे राहुल गांधी के लिए ज़रूरी है कि वे देश के सभी चुनावों में औंधे मुँह गिर रही पार्टी को नए और ऊर्जावान ढंग से सहारा दें. यदि किसी भी व्यक्ति की छुट्टी इतना ही बड़ा विषय है तो यह साफ़ कर देना चाहिए कि या तो इस छुट्टी के अवदान को सही साबित करना होगा या तो छुट्टी को एक पर्सनल डिस्कोर्स बताकर टाल ही देना होगा.



(Credit: IndiaTV)

4. उत्तर प्रदेश के किसानों के बुरे दिन
उत्तर प्रदेश के लिए मौजूदा समय अच्छा नहीं गुज़र रहा है. खासकर उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए. तीन दिनों से उत्तर प्रदेश में बुरी तरह से बारिश हो रही है और कई जगहों पर ओले भी पड़े हैं. वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई इलाकों में अधिक बरसात हुई है. इसका सबसे बुरा परिणाम इन इलाकों के किसानों को झेलना पड़ा है. मौसमी फसलों के साथ-साथ सब्जियों की भी फसलों को ख़ासा नुकसान हुआ है. आम की पैदावार को भी व्यापक नुकसान पहुँचने की आशंका व्यक्त की जा रही है. कहा जा रहा है कि यदि आम की पैदावार घट गयी तो दक्षिण भारत से आम का आयात हो सकता है. लेकिन उधार के पैसों से बीज खरीदकर बुआई करने वाले किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या भरपाई और कमाई की है. उत्तर प्रदेश सरकार ने दो दिनों पहले आपदा की घोषणा कर दी है. अकेले वाराणसी के लिए 40 करोड़ की मदद केन्द्र से माँगी गयी है. केन्द्र सरकार ने 500 करोड़ से अधिक की धनराशि उत्तर प्रदेश को दी है, लेकिन इससे उस नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी जो क़र्ज़ में दबे किसानों की आत्महत्या से हुई है.

5. नारायण साईं की जमानत
हां, यह सही है. दुष्कर्म के आरोपी आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं, जो खुद भी यह आरोप झेल रहे हैं, को गुजरात हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है. साईं ने अपनी माँ की तबीयत का हवाला दिया था. साईं की याचिका कई बार ख़ारिज की गयी लेकिन इस बार याचिका को मंज़ूर करते हुए साईं को जमानत दे दी गयी. फ़िर भी उन्हें लगातार पुलिस की निगरानी में रखा जाएगा. यह आदेश 4 मई से प्रभाव में आएगा. नारायण साईं ने अपनी हालिया याचिका में कहा था कि उनकी माँ रीढ़ की हड्डी की बीमारी से जूझ रही हैं, जिसका ऑपरेशन करवाना ज़रूरी है. साईं की जमानत इसलिए ज़रूरी है कि गिरफ़्तार होने के पहले लगभग दो महीनों तक नारायण साईं ने पुलिस को लगातार चकमा दिया, फ़िर अदालत द्वारा फरार घोषित किए जाने के बाद वे पुलिस की गिरफ्त में आए. उन पर बलात्कार, यौन-अत्याचार, अप्राकृतिक शारीरिक सम्बन्ध और बंधक बनाने सरीखे मामले दर्ज हैं. इसके पहले आसाराम बापू कई बहानों से जमानत की गुज़ारिश करते रहे हैं. उनके केस के कई सारे गवाह मार दिए जा चुके हैं. ऐसे में नारायण साईं को जमानत पर बाहर भेजना खतरे का खेल हो सकता है.

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