पत्रकार सैय्यद इफ़्तिखार गिलानी को मिला 12वां शाह वलीउल्लाह अवार्ड

TwoCircles.net News Desk

नई दिल्ली : इंस्टीट्यूट आॅफ आॅब्जेक्टिव स्टडीज़ (आईओएस) की ओर से 12वां शाह वली उल्लाह अवार्ड अंग्रेज़ी दैनिक डीएनए के स्ट्रेटेज़िक अफेयर्स के सम्पादक सैय्यद इफ़्तिखार गिलानी एवं जूनियर कैटेगिरी का अवार्ड एएमयू की असिस्टेंट प्रोफेसर इम्तियाज़ नशीद को आज जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित एक समारोह में पूर्व मुख्य न्यायाद्यीश ए.एम. अहमदी के द्वारा दिया गया.


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इस अवसर पर ‘वाॅयस आॅफ अमेरिका’ के नुमाईन्दे सुहेल अंजुम द्वारा लिखी ‘दीनी पत्रिकाओं की सेवाएं’ नामत पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया जिसपर भारतीय दर्शन के विशेषज्ञ मौलाना हमीद नौमानी ने अपनी समीक्षा पेश की.

इस समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मुख्य न्यायाधीश ए.एम. अहमदी ने कहा कि, ‘आज स्वंतत्र आवाज़ को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं है. ज़रूरत ऐसे पत्रकारिता की है जो साहस और सच्चाई से अपना काम कर सके और जनता को वास्तविकता से रूबरू करा सके.’

उन्होंने आगे कहा कि, ‘लोकतंत्र का अर्थ यह है कि सभी को समान अवसर उपलब्ध कराए जाएं और पत्रकारों को चाहिए कि देश की ज्वलंत समस्याओं पर ईमानदारी से अपने विचारों को पेश करें.’

वरिष्ठ पत्रकार व अंग्रेज़ी दैनिक ट्रिब्यून के पूर्व एडीटर शास्त्री रामचन्द्रन ने कहा कि, ‘भारतीय मुसलमान दुनिया में एक अच्छी क़ौम के तौर पर जाने जाते हैं, क्योंकि वह अनेकता में एकता की एक मिसाल हैं.’

आगे उन्होंने कहा कि, ‘आज विश्वभर में मीडिया विकल्प सामने आ रहे हैं जिनमें व्हाट्सअप, ट्यूटर, फेसबुक और टेलीविज़न आदि हैं और ये सब मीडिया की हत्या कर रहे हैं और पत्रकारिता लुप्त हो रही है.’

इस अवसर पर सैय्यद इफ़्तिखार गिलानी ने अपने भाषण में कहा कि, ‘मुसलमान आज अपनी बात को दूसरी क़ौमों के बीच नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिसके लिए उन्हें पश्चिमी देशों की तरफ़ देखना पड़ता है, इससे ग़लतफहमियां पैदा होती हैं. आज ज़रूरत इस बात की है कि हम अपने पड़ोसियों से सम्पर्क बनाएं और उन तक अपनी बात पहुंचायें और इसी तरह से इस्लाम और मुसलमानों के बारे में फैली ग़लतफहमियां दूर हो सकती हैं.’

आईओएस चेयरमैन डॉ. मोहम्मद मंजूर आलम ने कहा कि, ‘समाज के हित के लिए ज़रूरी है कि हम साथ बैंठे, साथ सोचें और साथ काम करें. ऐसे में हम जल्द ऐसा प्रोग्राम रखेंगे जिसमें संजीदा पत्रकार अपने विचारों को स्वतंत्र रुप में इज़हार कर सकेंगे.’ इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि आईओएस ऐसे तीन या चार छात्रों को छात्रवृत्ति देगा जो पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण करेंगे.

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