By TCN News,
अहमदाबाद/पोरबंदर : गुजरात सरकार द्वारा जारी ‘महिला सशक्तिकरण’ के हाल ही जारी किए गए पोस्टर में लड़कियों को आदेशित किया गया है कि वे ‘अयोग्य’ कपड़े पहनकर घर से न निकलें. पोस्टर में इस्तेमाल किए गए स्लोगन के साथ जींस टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनी कुछ विदेशी लड़कियों की तस्वीरें भी चस्पा हैं.
रोचक तथ्य यह है कि पोस्टर में गुजरात की वर्तमान मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की तस्वीर भी है. इससे यह सन्देश लोगों में पहुंच रहा है कि गुजरात सरकार की नज़र में लड़कियों के जींस टी-शर्ट या शॉर्ट्स ‘अयोग्य’ पहनावों की श्रेणी में आते हैं. गुजरात के पोरबंदर में पुलिस की ओर से यह पोस्टर लगाया गया है, जिसे लेकर नगर में बेहद भ्रम की स्थिति है.
यह किंचित विरोधाभासी और दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां एक तरफ़ गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहते हैं कि लोग अपने बेटों पर नजर रखें ताकि देश में लड़कियों के साथ बलात्कार न हों और वे सुरक्षित रह सकें, वहीं दूसरी ओर उन्हीं के द्वारा गुजरात की मुख्यमंत्री नियुक्त की गईं श्रीमती आनंदीबेन पटेल का प्रशासन लड़कियों को वस्त्र संबंधी हिदायतें दे रहा है.
इस लिहाज़ से प्रश्न उठता है कि ‘योग्य’ और ‘अयोग्य’ कपड़ों को किस प्रकार परिभाषित और पृथक किया जाए? हालांकि, भाजपानीत राज्यों में ऐसा होना कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी गोवा में भाजपा सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री सुदीन धवलीकर महिलाओं के कपड़ों पर टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर चुके हैं. पिछले महीने गोवा के उन्होंने समुद्री तट पर बिकनी और पब में मिनी स्कर्ट्स पर बैन लगाने की बात कही थी. मंत्रीजी का तर्क था कि महिलाओं के ऐसे पहनावे भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं.
रोचक घटना है कि एक दफ़ा समाजवादी पार्टी के नेता अबु आज़मी ने भी महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी. आजमी ने कहा था कि बलात्कार की घटनाएं फैशन और कम कपड़ों की वजह से होती हैं. ध्यान देने वाली बात है कि आज़मी के इस बयान की भाजपा ने भी कड़ी निंदा की थी. भाजपा का कहना था कि ऐसे बयान देकर महिलाओं को और प्रताड़ना नहीं देनी चाहिए.