By TwoCircles.net Staff reporter,
नई दिल्ली: घर-वापसी, जिसे हिन्दू दक्षिणपंथी दल धर्म-परिवर्तन कहने से बच रहे हैं, अब सरकार के लिए दोमुंहे सांप सरीखा बनता जा रहा है. एक ओर जहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्षी ‘सेकुलर’ दलों को धर्म-परिवर्तन कानून के खिलाफ़ करार दिया था, वहीं वे यह स्पष्ट कर पाने में असमर्थ रहे कि भाजपा ‘घर-वापसी’ को धर्म-परिवर्तन मानती है या नहीं.
जैसे-जैसे भाजपा के हाथ से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद् की लगाम छूटती जा रही है, वैसे-वैसे भाजपा और ज़्यादा गहरे में समाती नज़र आ रही है. संघ, विहिप और भाजपा के प्रमुखों के बयानों से यह तो साफ़ होता ही जा रहा है कि वे धर्म-परिवर्तन के लिए ‘कानून’ के लिए सरकार तत्पर है, लेकिन साथ में यह भी साफ़ होना ज़रूरी है कि सरकार ‘घर-वापसी’ को धर्म-परिवर्तन मानती है या नहीं.
(Courtesy: hindi.oneindia.com)
अमित शाह जिस समय धर्म-परिवर्तन कानून की पैरवी कर रहे थे, उस समय उनसे घर-वापसी को लेकर प्रश्न किया गया तो उन्होंने या कहकर प्रश्न को टाल दिया कि, ‘मामला अदालत में है, मैं इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा.’ उन्होंने यह कहा कि भाजपा ने धर्मांतरण पर अपना रुख साफ़ कर दिया है. कुछ लोग पार्टी को विकास के एजेंडे से भटकाने की तैयारी में हैं, लेकिन पार्टी या सरकार को उसके एजेंडे से कोई भटका नहीं सकता.
भाजपा के करीबी माने जाने वाले संगठन विश्व हिन्दू परिषद् के नेता प्रवीण तोगड़िया ने अपने ताज़े बयान में कह दिया है कि हम जल्द ही देश में हिन्दुओं को 82 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक ले जायेंगे. भोपाल में रैली को संबोधित करते हुए तोगड़िया ने कहा कि, ‘मुसलमानों को हज करने के लिए 22,000 रुपयों की सब्सिडी मिलती है, आप लोगों को महाकाल के दर्शन करने के लिए कितनी सब्सिडी मिलती है? क्या है आपकी औकात? शून्य.’
तोगड़िया ने यह भी कहा कि, ‘इस समय दुनिया में हिन्दुओं की आबादी 700 करोड़ होनी चाहिए थी, लेकिन अभी सिर्फ़ 100 करोड़ है. हमें विश्व को फ़िर से हिन्दू राष्ट्र बनाना होगा.’ विहिप के सचिव और संघ के पूर्व प्रचारक दिनेश गुप्ता ने कहा कि, हम हिन्दू हैं, हिन्दुस्तान हमारा है. हम यहां के मालिक़ हैं.’
इसके पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने और सभी को हिन्दू बनाने का बयान दिया था, जिससे गुबार और ज़्यादा बड़ा हो गया था.
संसद में फजीहत
इधर संसद का शीतकालीन सत्र खत्म होने की कगार पर है और उधर केन्द्र सरकार धर्मांतरण के मुद्दे पर एक चुप तो हज़ार चुप साधे बैठी है. विपक्षी दलों ने सरकार को आड़े हाथों ले लिया है. सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने जहां नरेन्द्र मोदी को वादाखिलाफ़ी करने, काले-धन के वादे से भटकने और ‘घर-वापसी’ पर बयान न देने का आरोप लगाया, वहीं तृणमूल के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने मोदी पर यह ताना कस दिया कि सदन में आने के लिए छप्पन इंच का सीना नहीं, चार इंच का दिल चाहिए. सीताराम येचुरी ने मोहन भागवत के बयान पर चर्चा कराने का आग्रह सदन से किया है.
Related:
Conversion: Politics of Religion