By TCN News,
लखनऊ: तेलंगाना के नालगोंडा, वारंगल और आंध्र प्रदेश के चित्तूर में पिछले चार दिनों में 28 लोगों के फर्जी मुठभेड़ों में मार दिए जाने के खिलाफ़ आज हज़रतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज की निगरानी में सभी मामलों की सीबीआई जांच की मांग की गयी.
यह दिखता है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में गुजरात के फर्जी मुठभेड़ों का मॉडल कार्यशील रूप में दिख रहा है. प्रदर्शन में मुठभेड़ों की सीबीआई जांच कराने, फर्जी मुठभेड़ों की राजनीति बंद कराने और लखनऊ एटीएम लूट कांड को ‘सिमी’ से जोड़ कर आतंक का माहौल बनाना बंद कराने के साथ-साथ लखनऊ के एसएसपी यशस्वी यादव को तत्काल निलंम्बि तत्काल निलंबित करने की आवाजों पर ज़ोर दिया गया. प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने आने के बाद सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को हिंसा की खुली छूट दे दी है. कहीं गरीब मजदूरों को तस्कर बता कर मारा जा रहा है तो कहीं मुस्लिम युवकों की हिरासत में हत्या की जा रही है.
लोगों ने कहा कि गृहमंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह खुलेआम सुरक्षा एजेंसियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर फर्जी मुठभेड़ों के लिए उकसा रहे हैं ताकि जनता का ध्यान मोदी सरकार की नाकामियों से भटकाया जा सके. लखनऊ में हुए एटीएम लूट कांड के दोषियों को पकड़ने में नाकाम पुलिस उसे सिमी से जोड़कर दहशत का माहौल बनाना चाहती है और यह सब कुछ प्रदेश सरकार की इशारे पर किया जा रहा है. जिसे किसी भी कीमत पर लखनऊ का नागरिक समाज बर्दाश्त नहीं करेगा.
प्रर्दशन में रिहाई मंच के सदस्यों से कन्धा मिलाकर आईएनएल, नागरिक परिषद, जन संस्कृति मंच, ऑल इंडिया वर्कर्स काउंसिल, एसएफआई के लोगों के साथ बहुत सारे लोग मौजूद थे.