By TwoCircles.net staff reporter,
इलाहाबाद: अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए प्रसिद्ध शहर इलाहाबाद के लिए बुधवार का दिन काला था. इलाहाबाद में आज जिला न्यायालय में एक पुलिस अधिकारी ने एक वकील की गोली मारकर हत्या कर दी व एक अन्य वकील को गंभीर रूप से घायल कर दिया. इसके साथ आस-पास खड़े तीन-चार अन्य वकील भी घायल हो गए.
पुलिस की इस करतूत से वकील नाराज़ हो गए और उन्होंने कोर्ट परिसर में तैनात सभी पुलिसकर्मियों और सिपाहियों पर हमला कर दिया. पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ वकीलों ने कई प्रशासनिक अधिकारियों पर भी गोलीबारी, पथराव किया और वाहनों को आगजनी का शिकार बनाया.
घटनाक्रम यदि शुरुआत से देखें तो इलाहाबाद के अतरसुइया थाने के दरोगा शैलेन्द्र सिंह तीन-चार सिपाहियों के साथ एक कैदी के पेशी कराने जिला न्यायालय पहुंचे. सूत्रों की मानें तो जिस कैदी की पेशी कराने शैलेन्द्र सिंह जिला न्यायालय पहुंचे थे, उस पर सात साल की बच्ची के साथ बलात्कार व उसके क़त्ल का आरोप था.
पेशी के बाद जब दरोगा शैलेन्द्र सिंह कैदी को लेकर बाहर निकले तो कुछ युवा वकीलों ने आक्रोश में कैदी को लताड़ना और उससे हाथापाई शुरू कर दी. प्रमुख तौर वकील आरिफ़ नबी दरोगा से बहस कर रहे थे. कैदी की सुरक्षा को लेकर जब शुरुआती बातचीत से बात नहीं बनीं तो शैलेन्द्र सिंह ने आनन-फानन में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से फायरिंग कर दी.
इस फायरिंग का अंजाम यह हुआ कि गोली लगने से वकील आरिफ़ नबी की मौके पर ही मौत हो गयी और आरिफ़ को बचाने गए वकील रवि गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके साथ दो-तीन अन्य वकील भी घायल हो गए. प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि फायरिंग करने के बाद वकीलों का गुस्सा फूटता देख दरोगा शैलेन्द्र सिंह जिला न्यायालय के सामने स्थित एसएसपी ऑफिस में दीवार फांदकर घुस गए.
पहले वकील शैलेन्द्र सिंह के साथ आए सिपाहियों पर टूट पड़े और इसके अलावा कचहरी परिसर में उपस्थित हरेक पुलिसकर्मी को मारपीट व पथराव का निशाना बनाने लगे. इस हिंसक कार्रवाई में एक सिपाही की मौत हो गयी व अन्य घायल हो गए. चूंकि जिला न्यायालय और इलाहाबाद हाईकोर्ट में दूरी बहुत ज़्यादा नहीं है, इसलिए आंच को आग़ में बदलने में ज़्यादा देर नहीं लगी. धीरे-धीरे जिला न्यायालय का मसला जब हाईकोर्ट तक पहुंचा तो तनाव और उग्र हो गया.
हाईकोर्ट के वकीलों ने पुलिसकर्मियों समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को अपने गुस्से का निशाना बनाया और कोर्ट परिसर व आसपास खड़ी गाड़ियों को आग़ के हवाले कर दिया. तनाव से भरा तमाशा यहीं खत्म नहीं हुआ, इसके बाद पूरे इलाहाबाद में जगह-जगह पर वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़पें होती रहीं. सिविल लाइन्स में पीएसी के जवानों और कुछ वकीलों के बीच हिंसक झड़प होने की भी खबर सामने आई है.
इलाहाबाद के एसएसपी दीपक कुमार का कहना है कि मामले की जांच के बाद दोनों पक्षों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल स्थिति को कंट्रोल किया जा रहा है. उधर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने कहा है कि संगठन गोली मारने के विरोध में मंगलवार से हड़ताल पर चला जाएगा.
फिलहाल शहर का यह इलाका एक ख़ास किस्म के तनाव में है. पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फ़ोर्स की जगह-जगह तैनाती की जा रही है. लोगबाग सहमें हैं, दुकानें बंद हैं और इलाहाबद कुछ मासूम मौतों का सामना कर चुका है.