अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
बेतिया: देश के नेता हमेशा ही अपनी राजनीतिक उम्र लंबी करने की दुआएं मांगते हैं. तमाम तिकड़में भिड़ाते हैं. जी तोड़ मेहनत करते हैं. मगर अपनी असली उम्र का कोई हिसाब नहीं रखते.
नेताओं के घटती-बढ़ती उम्र पर हमने तो कहानियां खूब लिखी हैं, लेकिन यह पहला मामला सामने आया है, जहां एक एक नेता जी उम्र पिछले सालों से ठहरी हुई है. और दिलचस्प बात यह है कि यह कहानी किसी ऐसे नेता की नहीं है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की है.
यह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इन दिनों बेतिया की विधायक हैं और पिछले चार बार से जीत दर्ज कर रही हैं. इन विधायक का नाम है रेणु देवी… रेणु देवी को अमित शाह का क़रीबी माना जाता है. इनके समर्थक बताते हैं कि अगर इस बार एनडीए चुनाव जीत जाती है तो रेणु देवी को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
रेणु देवी ने चुनाव आयोग को दिए खुद के हलफ़नामें ही यह बताया है कि 2015 में उनकी उम्र सिर्फ़ 52 साल है. जबकि यही जानकारी उन्होंने चुनाव आयोग को 2010 विधानसभा चुनाव में भी दिया था. यानी पांच साल पहले भी वो 52 साल की ही थी.
कहानी यहीं ख़त्म नहीं. अक्टूबर 2005 में रेणु देवी चुनावी हलफ़नामे में अपनी उम्र 46 साल बताई थी. यानी अक्टूबर 2005 से सितंबर 2010 के बीच उनकी उम्र 6 साल बढ़ गई. जबकि जनवरी 2005 चुनाव में इन्होंने अपनी उम्र 47 साल बताई थी.
रेणु देवी की उम्र भले ही रूकी गई लेकिन सम्पत्ति चुनाव के बाद बढ़ी हुई ज़रूर दिखी. 2005 चुनाव में रेणु देवी के पास सम्पत्ति के नाम पर 41.31 लाख रूपये था. लेकिन 2010 चुनाव में ज़बरदस्त उछाल आया. इनकी सम्पत्ति इतनी तेज़ी से बढ़ी कि आप सोच भी नहीं सकते. यानी अब वो 2.11 करोड़ की मालकिन बन चुकी थी. जबकि 2015 में इनकी सम्पत्ति 2.45 करोड़ हो चुकी है.