अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
पटना: बिहार में दलितों की हालत भले ही बद से बदतर होती जा रही है, लेकिन खुद को दलितों का सबसे नेता कहलाना पसंद करने वाले नेता जीतन राम मांझी दिन-दोगुनी रात-चौगुनी तरक़्की करते नज़र आ रहे हैं.
चुनाव आयोग को दिए हलफ़नामों के आंकड़े बता रहे हैं कि मांझी की सम्पत्ति काफी तेज़ गति के साथ लगातार बढ़ रही है. 2005 के चुनाव में चुनाव आयोग को दिए अपने हलफ़नामें में मांझी के कुल सम्पत्ति मात्र 2.5 लाख रूपये थी, वहीं 2015 में मांझी की सम्पत्ति बढ़कर 53.7 लाख हो गई. हालांकि मई, 2014 लोकसभा चुनाव के समय जीतन राम मांझी के पास 23.6 लाख की सम्पत्ति थी.
जबकि जीतन राम मांझी ने दिसंबर 2014 में बतौर मुख्यमंत्री जो हलफ़नामा दिया था, उसमें उन्होंने अपनी सम्पत्ति 66.8 लाख बतायी थी. 2013 के हलफ़नामें में उनकी सम्पत्ति 47.6 लाख रूपये थी. जबकि 2010 के विधानसभा चुनाव के समय जीतन राम मांझी सिर्फ़ 18.1 लाख के मालिक थे.
जीतन राम मांझी अपने सम्पत्ति को लेकर पिछले दिनों विवादों में रहे हैं. दिसंबर, 2013 में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एलान किया था कि उनके पास गांव में 5 एकड़ ज़मीन है. लेकिन मई, 2014 में लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मांझी ने अपने हलफ़माने में बताया कि उनके पास खेती लायक एक एकड़ ज़मीन भी नहीं है. फिर दिसंबर, 2014 में सीएम मांझी ने अपनी संपत्ति का ब्योरा फिर से बदल दिया और घोषणा की कि वे 5 एकड़ कृषि भूमि के मालिक हैं. लेकिन 2015 विधानसभा चुनाव में सोमवार को दाखिल किए गए हलफ़नामें मांझी ने फिर से इसकी जानकारी नहीं दी है.
मांझी के पैतृक मकान पर भी कुछ इसी प्रकार का पेंच फंसा था. मांझी ने दिसंबर 2013 में कहा कि उनके पास जो मकान है वो 2500 स्कवॉयर फीट का है, लेकिन फिर उन्होंने मई 2014 में अपने मकान के बारे में 4000 स्कवॉयर फीट की बात कही. लेकिन फिर उन्होंने दिसंबर 2014 में एलान किया कि उनका घर 2500 स्कवॉयर फीट में ही बना हुआ है. लेकिन 2015 विधानसभा के हलफ़नामे में मांझी ने बताया है कि उनके घर का कुल एरिया 4000 स्कवॉयर फीट है और घर 3000 स्कवॉयर फीट में बना हुआ है. 2014 के अंत में जीतन राम मांझी के पास अपनी निजी गाड़ी नहीं थी, लेकिन अब मांझी के पास स्कार्पियो व एम्बेसडर गाड़िया हैं.