सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net
लखनऊ: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन(एआईएमआईएम या एमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों उत्तर प्रदेश के तीन दिनों के दौरे पर हैं. ओवैसी के इस दौरे के बारे में कहा जा रहा है कि वे उत्तर प्रदेश में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफ़ज़ाल अंसारी के बुलावे पर आए है.
ज्ञात हो कि बीते दिनों अंसारी बंधुओं की पार्टी कौमी एकता दल का विलय समाजवादी पार्टी में हुआ लेकिन जल्द ही यह समझौता रद्द कर दिया गया. इसके बाद अफ़ज़ाल अंसारी ने समाजवादी पार्टी पर मुस्लिमविरोधी होने के आरोप भी लगाए थे.
बहरहाल ओवैसी के प्रदेश दौरे के बाद से प्रदेश की मुस्लिम राजनीति करने वाले दलों की बेचैनी साफ़ देखी जा सकती है. कौमी एकता दल के साथ-साथ पीस पार्टी के बारे में यह खबरें आ रही हैं कि वे भी ओवैसी के साथ जा सकते हैं. यदि ओवैसी उत्तर प्रदेश में कौमी एकता दल और पीस पार्टी के साथ किसी चुनावी समीकरण को बनाने की कोशिश करते हैं तो इससे साफ़ है कि प्रदेश में मुस्लिम वोटों का जबरदस्त बँटवारा हो सकता है.
इसके साथ यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तर्ज पर ओवैसी इस बार उत्तर प्रदेश में अपने चर्चित ‘जय भीम-जय मीम’ के नारे को सार्थक बनाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं. इस दिशा में संभव है कि वे बसपा सुप्रीमो मायावती से भी मिल सकते हैं.
बीते दिन 12 अगस्त को ओवैसी ने लखनऊ में शहर के कुछ विशिष्ट लोगों के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग में कुछ चुनिन्दा पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन इन सभी पत्रकारों को कैमरा वगैरह लाने के मनाही थी.
ओवैसी आज लखनऊ में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. पहले उन्होंने कानपुर में रैली करने की इजाज़त मांगी लेकिन दो दिनों बाद पड़ने वाले स्वतंत्रता दिवस का हवाला देकर उनकी इस मांग को ठुकरा दिया गया. इसके बाद उन्हें लखनऊ में कार्यकर्ताओं को संबोधित करने की इजाज़त दी गयी.
उत्तर प्रदेश के सियासी समर में यदि ओवैसी उतरते हैं तो जानकारों के मुताबिक परिणाम कुछ-कुछ बिहार जैसे होंगे. बिहार के सीमांचल से लड़ने वाले ओवैसी की पार्टी ने कोई उपलब्धि तो नहीं पायी लेकिन मुस्लिम वोटों का बँटवारा होने से एनी उम्मीदवारों को बिखराव का सामना करना पड़ा.
ओवैसी का यह यूपी दौरा लगभग अंधेरे में रखा गया है और इस दिशा में कोई भी पुख्ता जानकारी मुहैया नहीं करायी जा रही है. फिर भी तमाम अखबारों को दिए गए एमआईएम के प्रदेश मुखिया शौक़त अली के बयानों का रुख करें तो अंदाज़ लगता है कि ओवैसी अभी उत्तर प्रदेश में अपनी चुनावी ज़मीन की तलाश करने के दौरे पर हैं.