सिद्धांत मोहन और अमित कुमार, TwoCircles.net
उना(गुजरात) – उना में आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दलित स्वाभिमान यात्रा का आयोजन किया है. इस यात्रा/ मार्च में गुजरात ही नहीं, देश के अलग-अलग हिस्सों से दलित और तमाम संगठनों से जुड़े लोग पहुंच रहे हैं.
लेकिन इस यात्रा में शामिल होने जा रहे लोगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कई दफा उन्हें पुलिस की जांच का सामना तो करना पड़ ही रहा है, साथ में ऊंची जातियों या सवर्णों द्वारा उनके साथ मारपीट की घटनाएं भी हो रही हैं.
उना के रास्ते में पड़ने वाले संतेर में 13 अगस्त की रात से ही ऊंची जातियों से जुड़े लोगों ने मीडियाकर्मियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत दलित मार्च में पहुंचने वाले आम नागरिकों को भी पीटना जारी रखा था.
दलित मार्च में आने वाली गाड़ियों पर पत्थर फेंके जाने और उनके शीशे तोड़े जाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं.
आज दिन में मार्च के दौरान भी जो लोग आसपास के जिलों से उना पहुंचना चाह रहे थे, उनकी भी सवर्णों द्वारा पिटाई की गयी है.
चोटिल और घायल दलितों का आरोप है कि सवर्णों ने ऐसा उन्हें यात्रा में पहुंचने से रोकने के लिए किया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाए हैं कि पुलिस ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की.
आज उना के पुलिस स्टेशन पर दलितों का एक बड़ा हुजूम इन घटनाओं में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग लेकर बैठ गया है. उनका कहना है कि जब तक पुलिस हिंसा कर रहे लोगों की गिरफ्तारी नहीं करती है, तब तक वे इस चक्काजाम को नहीं खोलेंगे.
सूत्रों के मुताबिक़ इस मार्च से वापिस लौट रहे लोगों पर अभी भी हमले होने के पूरे आसार बने हुए हैं.
उना दलित अत्याचार लड़क समिति के समन्वयक सुबोध परमार ने हमसे बातचीत में कहा, ‘जब तक पुलिस गिरफ्तारी नहीं करती है, तब तक धरना चलता रहेगा.’ उन्होंने यह भी कहा है कि हमला करने वाले लोग हमसे डर गए हैं, इसलिए वे इस तरह के काम कर रहे हैं.