TwoCircles.net Staff Reporter
नई दिल्ली : देश के जान-माने सियासतदां, कई राज्यों के पूर्व राज्यपाल और इंदिरा गांधी के दौर में केन्द्रीय रेल मंत्री रह चुके मुहम्मद शफ़ी कुरैशी का रविवार के दिन तीन बजे निधन हो गया. वो 86 बरस के थे. इन्हें आज इशा की नमाज़ के बाद दिल्ली गेट क़ब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
उन्होंने नई दिल्ली के बत्रा अस्पताल में अपनी आख़िरी सांस ली. उनका पिछले एक साल से यहां इलाज चल रहा था. वो अपने पीछे अपनी पत्नि, दो लड़के व तीन लड़कियों को छोड़ गए हैं.
बताते चलें कि 24 नवंबर 1929 को जन्मे शफ़ी क़ुरैशी देश के जाने-माने सियासतदां रहे हैं. वह जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस के संस्थापक थे. माना जाता है कि क़ुरैशी देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के काफी क़रीबी रहे हैं. केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में उन्हें जम्मू में रेल पहुंचाने का पूरा श्रेय जाता है. जम्मू तवी रेलवे स्टेशन पर पहली ट्रेन सेवा को क़ुरैशी ने ही हरी झंडी दिखाई थी. वो दो बार जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग ज़िला से विधायक चुने गए और दो बार लोकसभा के सांसद रह चुके हैं.
क़ुरैशी अपने लंबे राजनीतिक करियर में कई अहम मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी संभाल चुके हैं. वह 28 जनवरी 1966 से 14 फरवरी 1969 तक केंद्र में वाणिज्य विभाग के उप-मंत्री, 15 फरवरी 1969 से दो मई 1971 तक इस्पात उप-मंत्री, 10 अक्टूबर 1974 से मार्च 1977 तक पर्यटन व नागरिक उड्डयन मंत्री रहे. उसके बाद 19 मार्च 1991 से 13 अगस्त 1993 तक वह बिहार के राज्यपाल रहे. 4 जनवरी से लेकर 25 जनवरी, 1992 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे. दुबारा 29 अक्टूबर से 29 नवम्बर, 1992 तक वो इसी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहें. उसके बाद 24 जून 1993 को वह मध्य प्रदेश के राज्यपाल बने. 3 मई 1996 को वह उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर नियुक्त हुए. अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में वह क़ानून विभाग में सेक्रेटरी भी रहे. तीन मई 2007 को अल्पसंख्यकों के राष्ट्रीय आयोग के चेयरमैन बने और वज़ाहत हबीबुल्लाह के आने तक इस पद पर बने रहे.
उनके निधन पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, राज्यसभा सांसद मीसा भारती, पूर्व मंत्री योगेश साहनी, जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर सहित कइयों ने शोक जताया है.