AMU के अल्पसंख्यक दर्जा के लिए सड़क पर उतरेगी कांग्रेस : रहमानी

TwoCircles.net Staff Reporter

पटना : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जा के मसले पर केन्द्र के मोदी सरकार के ‘यू-टर्न’ के बाद अब पूरे देश में इस मसले पर सियासत अब धीरे-धीरे गर्म होना शुरू हो गया है.


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आज पटना में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष व प्रवक्ता मिन्नत रहमानी ने अपने एक प्रेस बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार के इस स्टैंड के ख़िलाफ़ पूरी कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतरेगी.

मिन्नत रहमानी सरकार के इस क़दम को साज़िश बताते हुए कहा कि –‘भारतीय उपमहाद्वीप के अल्पसंख्यकों की भावनाओं का केंद्र एएमयू पर भाजपा का रुख हमेशा से सौतेलापन रहा है. जिस तरह यहां से बड़ी संख्या में मुसलमानों ने शिक्षा ग्रहण कर कई क्षेत्रों में विश्वपटल पर एक मिसाल क़ायम किया है, उसको समाप्त करने की साजिश केंद्र की मौजूदा सरकार रच रही है.’

आगे उन्होंने कहा कि –‘केंद्र सरकार द्वारा जिस तरह से माननीय सर्वोच्च न्यायलय से एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा समाप्त करने का आग्रह किया, इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि मौजूदा केंद्र सरकार अल्पसंख्यक विरोधी है.’

रहमानी के मुताबिक़ अल्पसंख्यकों के हित को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने 1968 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को प्रभावहीन करते हुए 1981 में संविधान संसोधन विधेयक लाकर एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा दे दिया था. पुनः इलाहबाद उच्च न्यायलय में मामला पहुंचने के बावजूद मौजूदा यूपीए सरकार ने सच्चर कमिटी के रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए कि मुसलमानों की शैक्षणिक स्थिति अत्यधिक लचर है, मनमोहन सरकार ने 25 फ़रवरी 2004 को अधिसूचना जारी करके एएमयू में मुसलामानों को 50% आरक्षण देने का फैसला कर लिया था.

रहमानी का स्पष्ट तौर पर कहना है कि –‘यह संस्था भारतीय समाज में सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े हुए मुसलमानों के शिक्षा और तरक़्क़ी से जुड़ा हुआ है. इसलिए अगर मोदी सरकार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को ख़त्म करने की कोशिश किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

TwoCircles.net से बात करते हुए रहमानी ने बताया कि -‘हम पूरे देश में पढ़े-लिखे मुसलमानों को इसके लिए एकत्रित कर रहे हैं. अगर केन्द्र सरकार ने अपना स्टैंड नहीं बदला तो पूरी कांग्रेस पार्टी इसके लिए सड़क पर उतरेगी. इसके देश-व्यापी आन्दोलन चलाएगी. ज़रूरत पड़ी तो संसद का घेराव भी करेगी. इसकी शुरूआत हमने बिहार से कर दी है. जल्द ही पार्टी आलाकमान की ओर से भी इस सिलसिले में व्यापक आन्दोलन शुरू किया जाएगा.’

यह पूछने पर 2006 के बाद आपकी पार्टी ने क्या किया? तो इस सवाल पर रहमानी बताते हैं कि –‘केन्द्र में जब हमारी पार्टी की ही सरकार तो एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा मिला. बल्कि ज़रूरत पड़ी तो क़ानून में संसोधन भी किया. फिर अदालत के फैसले के खिलाफ़ एएमयू के साथ हर समय खड़ी रही. अब सुप्रीम कोर्ट तो सरकार के हाथ में थी नहीं, अगर होती तो उसी समय सुनवाई कराकर अलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलट देती.’

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