TwoCircles.net News Desk
‘आरएसएस द्वारा संचालित केन्द्र की मोदी सरकार का हमेशा से दो चेहरा रहा है. एक दिखाने का, तो दूसरा अंदर ही अंदर इस देश के अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ षड्यंत्र रचने का. पहले चेहरे के तहत पीएम मोदी व उनकी सरकार मुसलमानों के हाथ में क़ुरान और कम्यूटर की बात करते हैं. और अपने दूसरे चेहरे के तहत मुसलमानों को हर तरीक़े से कमज़ोर करने की साज़िश रची जाती है.’
यह बातें आज दिल्ली की संस्था ‘तंज़ीम-ए-इंसाफ़’ के जनरल सेक्रेटरी अमीक़ जामेई ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहीं.
उन्होंने TwoCircles.net से बात करते हुए कहा कि –‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया पर जिस तरह से संघ हमलावर हुआ है, इससे साफ़ पता चलता है कि सेक्युलर ताक़तों के ज़रिये क़ायम इदारों के साथ-साथ इस देश के अल्पसंख्यक समुदाय के जितने भी इदारे क़ायम किये गए हैं, या तो वो इन्हें भगवा रंग में रंग देना चाहती हैं, और अगर वो भगवा रंग से रंगने में कामयाब नहीं हो सके तो उस संस्थान का इतिहास आरएसएस व उसकी सरकार हमेशा के लिए मिटा देने की सोच रखता है.’
जामेई ने कहा कि –‘मोदी सरकार के इस कारनामे से उन्हें कोई आश्चर्य नहीं है. यह उनके एजेंडे का हिस्सा रहा है. हुकूमत के जितने संस्थान हैं, आज उन्हें भगवा रंग में रंग दिया गया है.’
जामेई कहते हैं कि –‘पूरे देश में अल्पसंख्यक, पिछड़े और दलित निशाने पर हैं. और भाजपा को परास्त करने का सही तरीक़ा यही होगा कि बिहार मॉडल पर अल्पसंख्यक, पिछड़े और दलित एक हो जायें और जातिगत लाभ को भूल पहले मुल्क के संविधान को बचा लें. क्योंकि इस समय सबसे बड़ी चुनौति मुल्क के सेकूलरिज़्म व संविधान को बचाना है.’
जामेई ने बताया कि आगामी 25 फ़रवरी सेशन के दौरान ऑल पार्टी और मुल्क के तमाम दानिश्वरों की एक बैठक दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में ‘तंज़ीम-ए-इंसाफ़’ आयोजित करेगी और मुल्क के संविधान पर मंडराने वाले ख़तरा से निपटने के लिए आगे की कार्य-योजना तय करेगी.