महान शिक्षाविद् पद्मश्री डॉ. सैय्यद हसन नहीं रहे

TwoCircles.net News Desk

पटना : पद्मश्री शिक्षाविद् व ‘इनसान स्कूल’ के संस्थापक सैय्यद हसन अब नहीं रहें. 91 साल के सैय्यद हसन ने आज किशनगंज में अपनी अंतिम सांस ली. जनाज़े की नमाज मंगलवार यानी 26 जनवरी को दोपहर दो बजे इनसान स्कूल के कैम्पस में अदा की जाएगी.


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महान शिक्षाविद् सैय्यद हसन के इस मौत के बाद पूरे देश का मुस्लिम समाज काफी सदमें है. इनके पीछे परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटे व एक बेटी हैं.

Dr. Syed Hasan

किशनगंज के सांसद मौलाना असरारूल हक़ क़ासमी ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि –‘हसन साहब ने ख़ासकर शिक्षा के क्षेत्र में किशनगंज में जो कोशिशें की हैं, उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता. इस इलाक़े पर उनके बड़े अहसान हैं. उन्होंने ही यहां एक तालीमी इंक़लाब बरपा किया और उसी के ज़रिए यहां के मुसलमानों को शिक्षा के मैदान में आगे बढ़ने का सुनहरा मौक़ा हासिल हुआ.’

उन्होंने कहा कि हसन साहब के साथ मेरे काफी अच्छे संबंध थे. वो एक ईमानदार, विनम्र और अच्छे किरदार वाले व्यक्तित्व थे. उनकी मौत से किशनगंज एक गंभीर तालीम रहनुमा से वंचित हो गया है. उनकी मौत पूरे मुस्लिंम समाज के लिए एक बड़ा नुक़सान है.

ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत, बिहार चैप्टर के महासचिव अनवारूल होदा ने एक प्रेस विज्ञप्ति के ज़रिए बताया कि –‘महान शिक्षाविद् पद्मश्री डॉ. सैय्यद हसन की अचानक मौत मुस्लिम समाज के लिए एक गहरा आघात है.’

उन्होंने कहा कि –‘श्री हसन एक महान धर्मनिरपेक्ष और दूरदर्शी शिक्षाविद् थे, जिन्होंने पिछले पांच दशक से सीमांचल के वंचित इलाक़ों में पिछड़े मुसलमानों के उत्थान के लिए ज़बरदस्त काम किया. वो धर्मनिरपेक्षता, सांस्कृतिक बहुलवाद और सांप्रदायिक सद्भाव में यक़ीन रखने वाले इंसान और गरीबों के सशक्तिकरण के चैम्पियन थे.’

Insan school

स्पष्ट रहे कि सैय्यद भाई के नाम से मशहूर डॉ. सैय्यद हसन एक भारतीय शिक्षाविद्, मानवतावादी और इनसान स्कूल के संस्थापक हैं. उन्हें खासतौर पर बिहार में शैक्षिक रूप से पिछड़े ज़िला किशनगंज के लोगों में शिक्षा की अलख जगाने के प्रयासों के लिए जाना जाता है. वो 2003 में भारत की ओर से नोबेल शांति पुरस्कार के नामित किया गया था. भारत सरकार ने 1991 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया. इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में सेवाओं के लिए उन्हें जवाहरलाल नेहरू एजुकेशन पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

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