By TCN News,
कानपुर: रविवार से कानपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक जारी है. यह बैठक छः दिनों तक चलेगी. आरएसएस इसे बैठक न कहकर चिंतन-मंथन शिविर करार दे रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों के मद्देनज़र यह बैठक बहुत अहम है. इस बैठक में संघ अपने स्वयंसेवकों को संगठित रूप से भाजपा के पक्ष में प्रचारकार्य का जिम्मा सौंप सकता है.
[Photo Courtesy : Times Of India]
इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत और सर कार्यवाहक भैया जी जोशी समेत 41 प्रान्तों के संघ प्रमुख बैठक स्थल पर पहुंच गए हैं.
लेकिन इस बैठक के अलावा जिस मसले ने सबसे अधिक शोर मचाया है, वह है ऑल इंडिया सुन्नी उलेमा काउन्सिल के सवालों ने. उलेमा काउन्सिल ने संघ से हिन्दू राष्ट्र और इस्लाम को लेकर उसकी नीयत के बारे में छः सवाल पूछे हैं. जो इस प्रकार हैं:
१. आप हम मुसलमानों से कैसा राष्ट्रप्रेम चाहते हैं?
२. धर्म परिवर्तन पर आरएसएस के क्या विचार हैं?
३. आप इस्लाम के बारे में क्या जानते-समझते हैं?
४. आरएसएस क्या देश को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहता है?
५. संघ इस्लाम से क्या चाहता है?
६. आरएसएस यदि भारत को हिन्दू राष्ट्र मानता है तो क्या वह हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार देश चलाना चाहता है?
दरअसल मीटिंग के दौरान मोहन भागवत से मिलने के लिए रविवार शाम उलेमा काउन्सिल ने अपना एक नुमाइंदा भेजा, लेकिन स्वयंसेवकों ने उसे गेट पर ही रोक दिया. बाद में उलेमा काउन्सिल की ओर से आरएसएस प्रमुख को पत्र सौंपा गया, जिसमें यह छः सवाल मौजूद थे.
हाजी मोहम्मद सलीम ने जानकारी दी कि उन्होंने पहले भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रमुख इन्द्रेश कुमार से ये सवाल किए थे, लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी. इस बार भी वे उत्तर की आस में बैठे हुए हैं.