सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net
दिल्ली: सबसे पहले हम पाठकों को बताना चाहते हैं कि इस खबर के साथ लगी हुई तस्वीरें थोड़ी आपत्तिजनक हो सकती हैं. दिल्ली में बीते 7 जून को मणिपुर ट्राइबल फोरम के सदस्यों ने तीन विवादास्पद बिलों के विरोध में मणिपुर भवन पर प्रदर्शन शुरू किया. इस प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस और मणिपुर राइफ़ल्स के जवानों द्वारा प्रदर्शनकारी नागरिकों पर जमकर लाठीचार्ज किया गया, जिसमें लगभग 15 लोग घायल हुए हैं.
दरअसल बीते मंगलवार को दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित मणिपुरी भवन पर प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित हुए. इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य विधानसभा द्वारा पारित तीन विवादास्पद बिलों का विरोध करना था. प्रदर्शन में करीब 400 मणिपुरी नागरिक शामिल हुए थे, जो फिलहाल दिल्ली में रह रहे हैं.
इसके साथ ही मणिपुर के ये नागरिक उत्तर-पूर्व के राज्यों को दिए गये ‘इनर लाइन परमिट’ की डिमांड कर रहे थे. इन नागरिकों, जिसमें मूलतः छात्र संगठनों से जुड़े हुए छात्र शामिल थे, पर देर शाम लाठीचार्ज कर दिया गया, जिसमें लगभग 25 लोग घायल हो गए.
प्रदर्शन कर रहे समूह के प्रवक्ता ने अखबार इन्डियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा था, ‘हम प्रदर्शन कर रहे थे. हमसे कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल हमसे शाम को मिलेगा. लेकिन शाम सात बजे भवन के गेट बंद कर दिए गए. हमें अन्दर घुसने से मना किया जाने लगा. हमने विरोध किया तो मणिपुर राइफ़ल्स के जवानों ने हमें लाठियों से पीटना शुरू कर दिया. इसके बाद दिल्ली पुलिस भी वहां आ गयी और उन्होंने भी लाठीचार्ज शुरू कर दिया.’
इस बर्बर कार्रवाई में घायल छात्रों में 5 महिलाएं भी शामिल हैं. कुल घायल में से 10 छात्र बुरी तरह घायल हुए हैं.
दरअसल पिछले साल 31 अगस्त को मणिपुर विधानसभा में 3 बिल पास किए गए, जिसके विरोध में पूरे मणिपुर में तब से ही आंदोलन जारी है. मणिपुरी जनता का मानना है कि इन बिलों के चलते उनके अधिकारों पर बाहरी लोगों का अतिक्रमण हो जाएगा. साथ ही बाहरी लोगों को भी मणिपुर में जमीन खरीदने व बेचने का अधिकार मिल जाएगा, जिसे मणिपुरी जनता अपनी संस्कृति और अपने अधिकारों पर हमला मानती है. मणिपुर सरकार द्वारा आंदोलन का जर्बदस्त दमन किया गया, जिसके चलते अब तक 8 लोग मारे जा चुके हैं. इससे पहले मणिपुरी ट्राइबल फोरम दिल्ली (MTFD) के नेतृत्व में सैकड़ों ओदोलनकारियों द्वारा अपनी मांगों के संबंध में 4 नवम्बर 2015 से जंतर-मंतर पर शांतिपूर्वक धरना दिया जा रहा था, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों के संबंध में कोई कदम नही उठाया. 7 जून को मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के नेतृत्व में एक डेलीगेशन राष्ट्रपति और गृहमंत्री से इन बिलों पर सहमति प्राप्त करने के दिल्ली आया हुआ था, जिसके विरोध में MTFD द्वारा मणिपुर भवन, नई दिल्ली पर एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया था.
इस बारे में परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने बयान जारी करके कहा है, ‘पिछले साल से मणिपुर में और नवंबर से दिल्ली में मणिपुरी आंदोलनकारी अपनी मांगों के संबंध में संघर्षरत हैं फिर भी मणिपुर सरकार द्वारा इस पर कोई कार्रवाई न करना सरकार के दमनकारी चरित्र को उजागर करता है. वहीं इस पूरे ही आंदोलन का मीडिया द्वारा बायकाट किया जाना मीडिया की पक्षधरता को भी उजागर करता है.’
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