आतंकवाद के आरोपों से बरी हुए लोगों व उनके परिजनों की सुरक्षा की गारंटी करे सरकार

TwoCircles.net News Desk

लखनऊ : रिहाई मंच ने आतंकवाद के आरोप से बरी हुए कानपुर के वासिफ़ हैदर की बेटी के अपहरण की कोशिश को गम्भीर आपराधिक मामला बताते हुए दोषियों को पकड़ने की मांग की है.


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मंच के प्रवक्ता शाहनवाज़ आलम ने बताया कि वासिफ़ हैदर की 12 वर्षीय बेटी मनाल को स्कूल के सामने से उठाने की कोशिश करने में नाकाम लोगों ने धमकी दी कि पिता से कह दो की मुक़दमा न लड़े. इस घटना के बाद से वह दो दिनों तक लगातार बेहोश रहीं और आज भी वह इतना डरी हुई हैं कि घंटों के लिए बेहोश हो जा रही हैं. इस घटना के वक्त वासिफ़ हैदर मुक़दमे के सिलसिले में दिल्ली गए हुए थे और सूचना मिलते ही वापस लौट आए थे.

रिहाई मंच के प्रवक्ता ने बताया कि वासिफ़ हैदर बरी होने के बाद से ही एक हिंदी दैनिक के खिलाफ़ मानहानि का मुक़दमा लड़ रहे हैं, जिसके खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट ने भी उक्त अख़बार को नोटिस भेजा है.

रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा है कि सपा सरकार ने वादा किया था कि वह आतंकवाद के आरोपों से बरी लोगों के पुर्नवास और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्रवाई करेगी जो उसने नहीं किया. पर जो बेगुनाह दोषी पुलिस व मीडिया के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं उनको व उनके परिजनों पर जिस तरह से हमले हो रहे हैं, वो साबित करता है कि सरकार के दोषियों के खिलाफ़ कार्रवाई न करने से दोषियों का मनोबल बढ़ गया है.

उन्होंने कहा कि ऐसे ही आर.डी. निमेष कमीशन पर रिपोर्ट को सरकार द्वारा छिपाने और दोषियों को बचाने के चलते आपराधिक पुलिस व आईबी के अधिकारियों का मनोबल बढ़ गया था, जिन्होंने मौलाना खालिद की हत्या करवा दी थी.

मंच ने मांग किया कि आतंकवाद के आरोपों से बरी युवकों और उनके परिजनों की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चत करते हुए उनके पुर्नवास और फंसाने वाले पुलिस व खुफिया अधिकारियों के खिलाफ़ कार्रवाई सुनिश्चित करे.

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