अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
नई दिल्ली : अयोध्या की विवादित बाबरी मस्जिद-राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आए अहम टिप्पणी के बाद एक बार फिर से ये मुद्दा चर्चे में है. सुप्रीम कोर्ट ने इस विवादित मामले पर अहम टिप्पणी करते हुए मंगलवार को कहा कि दोनों पक्ष आपस में मिलकर इस मामले को सुलझाएं.
सुप्रीम कोर्ट के इस टिप्पणी के बाद TwoCircles.net ने अब इस मामले के मुद्दई मो. इक़बाल अंसारी से बातचीत की.
उन्होंने इस बातचीत में बताया कि, ‘सुप्रीम कोर्ट के हर फ़ैसले का हम एहतराम करते हैं. लेकिन आपको बता दें कि मेरे मरहूम पिता हाशिम अंसारी इसके लिए कई बार कोशिश कर चुके हैं. कई बैठकें व मीटिंगे इसके लिए हो चुकी हैं. लेकिन नतीजा निकलने को तैयार नहीं हुआ.’
वो बताते हैं कि, ‘पूरी दुनिया ये बात बखूबी जानती है कि वहां 1992 के पहले तक मस्जिद था और बाक़ायदा नमाज़ होती थी.’
इक़बाल अंसारी कहते हैं, ‘लेकिन सुप्रीम कोर्ट चाहती है तो हम फिर से बैठकर इस मसले पर बात कर सकते हैं. लेकिन बातचीत एकतरफ़ा नहीं होनी चाहिए.’
हालांकि वो ये भी कहते हैं कि, वो इस मसले पर अपने क़ौम के रहनुमाओं के साथ पहले बैठकर बातचीत करेंगे, फिर कोई कार्रवाई आगे करेंगे.
वो ये भी बताते हैं कि किसी भी मुसलमान को राम मंदिर से कोई समस्या नहीं रही है. लेकिन मस्जिद भी वहीं बननी चाहिए. वैसे इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करता तो अधिक बेहतर रहता. वैसे हम कोर्ट के हर फैसले को मानने को तैयार हैं.
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के संवेदनशील मसलों का हल आपसी सहमति से निकाला जाना बेहतर है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम मंदिर का मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है. इसलिए इस पर खास ध्यान देना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हो सके तो कोर्ट मध्यस्थता कर सकता है.
दरअसल, बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या विवाद पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. जिसके मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.
गौरतलब रहे कि अयोध्या का ऐतिहासिक चैत्र रामनवमी मेला आगामी 28 मार्च से शुरू हो रहा है. 9 दिवसीय यह उत्सव श्रद्धाकर्षण का केन्द्र होता है. इस रामनवमी मेले में देश-विदेश से लगभग 15 से 20 लाख श्रद्धालु इस समारोह में शामिल होने आते हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक़ योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद इस बार इस मेला को लेकर उत्साह अधिक है.