अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
नई दिल्ली : 2013-17 हज पॉलिसी अब समाप्त हो चुकी है. सरकार अब 2018-22 की नई हज पॉलिसी पर काम कर रही है. इस हज पॉलिसी को लेकर जहां एक तरफ़ भारतीय मुसलमानों की कई सारी उम्मीदें हैं तो वहीं इस पॉलिसी को लेकर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी भी मुसलमानों को कई तरह के सपने दिखाने में मशग़ूल हैं.
इसको लेकर उनके कई बयान आ चुके हैं. उनका साफ़ तौर पर कहना है कि, नई हज पॉलिसी का उद्देश्य हज की संपूर्ण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है. इस नई पॉलिसी में हज यात्रियों के लिए विभिन्न सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
बताते चलें कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने हज पॉलिसी —2013-17 की समीक्षा करने तथा हज पॉलिसी —2018-22 के लिए रूपरेखा का सुझाव देने के लिए 31 जनवरी, 2017 को एक समिति गठित की.
इस समिति में सेवानिवृत्त आईएएस, भारत सरकार के भूतपूर्व सचिव व जेद्दा में भारतीय कौंसलावास के पूर्व महावाणिज्यदूत अफ़ज़ल अमानुल्लाह, बॉम्बे हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधिश न्यायमूर्ति एस.एस. पार्कर, भारतीय हज समिति के पूर्व अध्यक्ष व सेवानिवृत्त आईआरएस क़ैसर शमीम, प्रसिद्ध चार्टर्ड अकाउंटेन्ट व मुस्लिम विद्वान कमाल फ़ारूक़ी, एयर इंडिया के भूतपूर्व सीएमडी माइकल मस्कारेन्हास, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव व हज प्रभारी जे. आलम शामिल हैं.
स्पष्ट रहे कि इस समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए इसके गठन से तीन महीने तक का समय दिया गया था, लेकिन क़रीब 7 महीने गुज़र जाने के बाद भी ये समिति अब रिपोर्ट पेश नहीं कर सकी है.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी के ताज़ा बयान के मुताबिक़ नई हज पॉलिसी 2018 का काम अंतिम चरण में है और मंत्रालय 31 अगस्त तक रिपोर्ट पेश कर देगी, लेकिन अभी तक ये रिपोर्ट मंज़र-ए-आम नहीं आ सकी है.
इस हज पॉलिसी के संबंध में बात करने पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉ. ज़फ़रूरल इस्लाम खान बताते हैं कि, हज के नाम भारतीय मुसलमानों को ठगा जा रहा है. सरकार चाहे तो पूरा हज एक लाख रूपये में भी करा सकती है. देखना दिलचस्प होगा कि हज पॉलिसी 2018 के लिए गठित समिति में शामिल लोग हज के नाम पर होने वाले घोटालों पर कितना ध्यान देते हैं.
हज कमिटी ऑफ़ इंडिया को विदेश मंत्रालय से हटाकर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अन्तर्गत करने के फ़ैसले को भी गलत मानते हैं. वो हज के नाम पर कई घोटालों की ओर भी इशारा करते हैं. (डॉ. ज़फ़रूल इस्लाम खान के साथ पूरी बातचीत को आप नीचे देख व सुन सकते हैं.)
TwoCircles.net ने भी अपनी इस #HajFacts सीरीज़ के ज़रिए हज के नाम पर भारतीय मुसलमानों के ‘ठगने’ की जो पूरी दास्तान अपने पाठकों के समक्ष रखी है. उम्मीद है कि इन भ्रष्टाचार के ऊपर ज़रूर ध्यान दिया जाएगा और इसे हमेशा-हमेशा के लिए दूर कर लिया जाएगा. इसका दूर होना भारतीय मुसमलानों के साथ-साथ देश व केन्द्र सरकार के भी हक़ में है.
TwoCircles.net की ये ख़ास सीरीज़ #HajFacts आगे भी जारी रहेगा. अगर आप भी हज करने का ये फ़र्ज़ अदा कर चुके हैं और अपना कोई भी एक्सपीरियंस हमसे शेयर करना चाहते हैं तो आप [email protected] पर सम्पर्क कर सकते हैं. हम चाहते हैं कि आपकी कहानियों व तजुर्बों को अपने पाठकों तक पहुंचाए ताकि वो भी इन सच्चाईयों से रूबरू हो सकें. साथ ही हम आगे हज पॉलिसी —2018-22 की प्रमुख बातों को भी आपके समक्ष रखने की कोशिश करेंगे.
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