TwoCircles.net News Desk
नई दिल्ली : आॅल इंडिया मिल्ली काउंसिल के एक शिष्टमण्डल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मुलाक़ात की और विभिन्न समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित कराते हुए उन्हें 28 बिन्दुओं पर आधारित एक मांग-पत्र सौंपा.
शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री से वक़्फ़ से संबंधित समस्याओं के हल करने और यथाशीघ्र नई कमेटी गठित करने की मांग करते हुए कहा कि वक्फ़ की ज़मीनों को डीडीए और सरकारी संस्थाओं के क़ब्ज़े से मुक्त कराकर राज्य वक्फ़ बोर्ड के हवाले किया जाए.
शिष्टमंडल ने सरकारी स्कूलों में शिक्षण की स्थिति को सुधारने और उर्दू टीचरों के पदों को बहाल करने की भी मांग की. मिल्ली काउन्सिल ने मांग-पत्र में यह भी मांग की कि सरकारी दफ्तरों से कम से कम 600 उर्दू नोडल अफ़सरों और उर्दू अनुवादकों के पद बहाल किए जाय, क्योंकि 1999 में उर्दू का दिल्ली की दूसरी सरकारी भाषा का दर्जा दिया गया था. लेकिन उन आदेशों के अनुपालन में अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई. यह सिर्फ़ काग़ज़ों तक ही सीमित रह गया.
शिष्टमंडल ने इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया कि मुस्लिम इलाक़ों में सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल खोले जाएं. दिल्ली में पिछले 22 वर्षों से मुस्लिम इलाक़ों में एक भी सीनियर सकेन्ड्री स्कूल नहीं खोला गया है.
शिष्टमंडल ने यह भी कहा कि दिल्ली में लगभग 24 उर्दू मेडियम स्कूल हैं, जिनमें से 22 स्कूलों के प्रिंसिपल ऐसे हैं, जिन्हें उर्दू नहीं आती है और न ही उर्दू को बढ़ावा देने के लिए उनके पास कोई योग्यता है. यह भी बताया गया कि सरकार मुस्लिम इलाक़ों में स्थापित गैर-उर्दू स्कूलों में भी उर्दू की शिक्षा का इन्तज़ाम करे.
मिल्ली काउन्सिल के शिष्टमंडल ने दिल्ली सरकार को यह भी याद दिलाया कि 2009 में दिल्ली के मदरसों की समीक्षा के लिए एक तीन-सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी, जिसने 250 ऐसे मदरसों की सूची तैयार की थी, जिन्हें कम्प्यूटर दिया जाना था. लेकिन अब तक उस पर अमल नहीं हो सका है.
शिष्टमंडल ने अल्पसंख्यकों को शिक्षा में आरक्षण देने, द्वारका में हज हाउस का जल्द निर्माण, मुस्लिम क्षेत्रों में अस्पतालों का निर्माण, स्वाइन फ्लू तथा अन्य संक्रामक बीमारियों के फ़ैसले के समय हेल्थ सेन्टर स्थापित करने की मांग सहित अन्य समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने मिल्ली काउंसिल के शिष्टमण्डल द्वारा पेश किए मांग-पत्र में प्रस्तुत सभी बिन्दुओं पर कार्यवाही करने और बहुत जल्द समस्याओं के हल का आश्वासन दिया.
उन्होंने कहा कि सरकार हज हाउस के निर्माण, वक़्फ़ जायदादों की सुरक्षा और अल्पसंख्यकों के विकास सहित तमाम समस्याओं के प्रति गम्भीर है और उन्हें अमली जामा पहनाने के लिए हर सम्भव कोशिश की जाएगी.
उन्होंने यह भी कहा कि हमारी कोशिश है कि जनता को सरकारी सुविधाएं मिलें और कहीं कोई कमी-कोताही दिखाई देती है तो हमसे मिलें. आप लोग मिलने आए, अपनी बात रखी. आप इसी तरह मिलते रहें. हम जनता की सेवा के लिए ही आए हैं. हमारी सरकार तमाम मुद्दों पर ध्यान देगी. मांग-पत्र की एक प्रति दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में भी दी गई.
मुलाक़ात के दौरान शिष्टमंडल ने गत 30 जुलाई को आॅल इंडिया मिल्ली काउंसिल के तत्वावधान में ‘संविधान बचाओ और देश बनाओ’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में पारित 11 सूत्री प्रस्ताव की एक प्रति भी उन्हें दी.
शिष्टमंडल का नेतृत्व ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. परवेज़ मियां कर रहे थे. उनके साथ मिर्ज़ा इस टीम में ज़की अहमद बेग (महासचिव, प्रदेश मिल्ली काउंसिल), हसीना हाशिम, क़ारी असजद क़ासमी, जत्थेदार सरदार दर्शन सिंह, क़ारी महमूद हुसैन, इम्तियाज़ अहमद, डारिस फ्रांसिस, विक्टर फ्रांसिस, मो. इमरान, मिस्टर देवेन्द्र भारती तथा सैय्यद अशरफ़ रिज़वी शामिल थे.