अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में बच्चों की गुमशुदगी में हर साल इज़ाफ़ा हो रहा है. हज़ारों की संख्या बच्चे उत्तर प्रदेश से ग़ायब हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के पुलिस अधिक्षक राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो कार्यालय, लखनऊ से आरटीआई के ज़रिए हासिल महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बताते हैं कि पिछले तीन साल यानी 2015-17 में कुल 8695 बच्चों के गुमशुदगी के रिपोर्ट दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 4834 बच्चों को बरामद कर लिया गया, लेकिन अब भी इन तीन सालों में 3861 बच्चे ग़ायब हैं.
ये दस्तावेज़ बताते हैं कि साल 2015 में गुमशुदा बच्चों की संख्या 2660 थी, लेकिन साल 2016 में यह बढ़कर 2884 तो साल 2017 में 3151 हो गई. आंकड़ें यह भी बताते हैं कि पुलिस क़रीब 60 फ़ीसद बच्चों को ही तलाश कर पाई, बाक़ी बच्चे अभी भी ग़ायब है. ग़ायब रहने वाले बच्चों की संख्या 2015 में 1124 है, वहीं साल 2016 में यह संख्या 1195 और साल 2017 में 1542 है.
आरटीआई से ये महत्वपूर्ण सूचना नई दिल्ली में भारतीय सामाजिक संस्थान से जुड़े आरटीआई कार्यकर्ता सैय्यद परवेज़ ने हासिल की है.
सैय्यद परवेज़ बताते हैं कि ये सूचना काफ़ी महत्वपूर्ण है. ये आंकड़ें बताते हैं कि सरकार मासूम बच्चों के प्रति गंभीर नहीं है. जबकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट देश के कई राज्यों को फटकार लगा चुकी है, उनमें उत्तर प्रदेश भी हासिल है. ये बेहद चिंता का विषय है.