2014 में केन्द्र में एनडीए सरकार आने के बाद देश में हिंदुवादी संगठनों ने अंतरधार्मिक शादियों के ख़िलाफ अभियान चलाना शुरु कर दिया। इन संगठनों के मुताबिक़ हिंदु युवती की मुस्लिम युवक से शादी ‘लव जिहाद’ है, जबकि हिंदु युवक की मुस्लिम युवती से शादी स्वेच्छा से प्रेम विवाह है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा नवंबर 2020 में बुलंदशहर की एक रैली में बयान दिया गया था कि लव जिहाद करने वालों की ‘अंतिम यात्रा’ निकाली जाएगी, इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ग़ैरकानूनी धर्मांतरण क़ानून बनाया। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह क़ानून पक्षपातपूर्ण है? इसकी ज़मीनी सच्चाई कुछ और कहानी कहती है –
Twocircles.net के लिए वसीम अकरम त्यागी की यह रिपोर्ट पढिये
कुशीनगर की रहने वाली वकीला ख़ातून(बदला हुआ नाम) इन दिनों लखनऊ की एक झुग्गी झोपड़ी में रहती है। वकीला तक़रीबन आठ साल पहले बाराबंकी के रानी कटरा के रहने वाले अधेड़ उम्र के सुरेश कुमार यादव के संपर्क में आई थी। लगभग दो साल तक ये दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहे और उसके बाद दोनों ने शादी कर ली। वकीला ने सुरेश यादव से शादी करने के लिये अपना धर्म परिवर्तन कर लिया, और अपना नाम सोनी रख लिया। वकीला से सोनी बनी इस महिला ने महिलाओं के अधिकारों की आवाज़ उठाने वाले संगठन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेंस एसोसिएशन (AIDWA) का दरवाज़ा खटखटाया है। सोनी बताती हैं कि मेरे पति सुरेश यादव लोहिया अस्पताल के पास स्थित पॉवर सबस्टेशन पर लाइनमैन हैं। सुरेश ने विवाहित होने के बाद भी मेरे को बहला-फुसलाकर कर मेरे साथ धोखाधड़ी करके विवाह किया। मैं उनके दो वर्ष के बच्चे की मां भी हूं। सुरेश विवाह के बाद मुझे अपने घर नहीं ले गये, मुझे एक झुग्गी में रखा। मुझे पता लगा कि सुरेश पहले से विवाहित थे और उनका परिवार भी है। अभी वे मेरे साथ मारपीट करते हैं और मुझे और बेटे के खर्च का पैसा भी नहीं देते हैं। मैं भुखमरी की कगार पर आ गई हूं।
सुरेश यादव का दो साल का बच्चा लेकर अपनी भविष्य की चिंता में डूबी सोनी के साथ क़ुदरत ने भी अजीब खेल खेला है। वकीला का जन्म कुशीनगर के रामकोला थाना क्षेत्र के पठानपट्टी में रहने वाले मुस्तफा के घर में हुआ था। वकीला के जन्म के कुछ महीने बाद ही उनके माता-पिता में पारिवारिक कलह शुरु हो गई, जिसके बाद उनके पिता ने अपनी पत्नी वकीला की मां को तलाक दे दिया। वे अपना बच्चा लेकर मायके में आ गईं। अभी अदालत का ‘इंसाफ बाक़ी’ था, उसे यह तय करना था कि बच्चे की परवरिश की ज़िम्मेदारी किसकी होगी? वकीला जब पांच वर्ष की हुई तो अदालत ने उसे उसकी मां से अलग कर उसके पिता के हवाले कर दिया। तब तक वकीला के पिता दूसरी शादी कर चुके थे।
वकीला बताती हैं कि उसके साथ उसकी सौतेली मां का बर्ताव ठीक नहीं रहा, मैं पहले नानी और फिर अपनी दादी के पास रही, उसके पिता मुंबई में टेलर मास्टर हैं, वे कभी कभार ही घर आते थे। वकीला बताती है कि उस वक्त मैं 14-15 वर्ष की रही होगी जब उनके घर वालों ने इम्तियाज नाम के एक ‘पागल’ युवक से उसकी शादी कर दी। शादी के बाद ससुराल वालों ने उसे दहेज के लिये प्रताड़ित करना शुरु कर दिया, वकीला ने अपने दादी से इसकी शिकायत की तो उन्होंने ग़रीबी का हवाला देकर दहेज़ देने से साफ इनकार कर दिया। वकीला के मुताबिक़ आए दिन उसे दहेज के लिए ताने और गालियां सुननी पड़तीं, पति के पागल होने की वजह से ससुराल में कोई भी शख्स ऐसा नहीं रहा जो उसकी बेबसी को समझता, जब यह प्रताड़ना बढ़ती ही गई, तो एक दिन वह अपनी ससुराल से भागकर लखनऊ में आ गई।
वकीला के मुताबिक़ जब वह लखनऊ पहुंची तो लखनऊ में पॉलोटेक्निक चौराहे के पास उसकी मुलाक़ात सुरेश यादव से हुई। उसने सुरेश से कहा कि मैं इस शहर में अभी इस शहर में आई हूं, मेरे पास कोई आसरा नहीं है, कोई काम मिलेगा? इस पर सुरेश ने मुझे काम दिलाने का वादा किया, और मुझे चिन्हट क्षेत्र में एक झुग्गी झोपड़ी में ले गए। वकीला बताती है कि सुरेश ने मुझसे कहा कि मैं शादीशुदा नहीं हूं, मैंने शादी जरूर की थी लेकिन लेकिन बीवी से बन नहीं पाई तो उसे तलाक दे दिया। दो वर्षों तक हम दोनों बिना शादी किए साथ रहे, उसके बाद कैसरबाग़ स्थित कोर्ट में हमने शादी कर ली। वकीला के मुताबिक़ सुरेश ने मुझसे कहा था कि अगर शादी करनी है तो मुझे धर्मपरिवर्तन करना पड़ेगा, मैने धर्मपरिवर्तन कर लिया, और अपना नाम सोनी रख लिया। अब मैं वकीला नहीं बल्कि सोनी हूं, लेकिन मेरी तकलीफें अभी भी वैसी ही हैं, जैसी वकीला की थीं, नाम बदलने, और धर्म परिवर्तन करने के बाद भी मेरे दुःखों में कोई कमी नहीं आई है।
सोनी बताती है कि शादी के बाद एक बार भी सुरेश यादव मुझे अपने पैतृक गांव लेकर नहीं गए। दो साल पहले मैंने बच्चे को जन्म दिया था, यह बच्चा बड़े ऑपरेशन से हुआ था। उसके बाद से सुरेश ने मुझसे निगाहें फेरना शुरु कर दीं, वह रात-रात भर घर नहीं आते, और जब आते हैं तो मेरे साथ मार पीट करते हैं। मैंने इस मार पीट की एक बार पुलिस से भी शिकायत की थी, लेकिन तब सुरशे ने मौहल्ले वालों के सामने वादा किया था, वह अब मार पीट नही करेगा, लेकिन वह अपने वादे पर क़ायम न रह सके।
सोनी बताती है कि उसके पति के एक दूसरी महिला के साथ संबंध हैं। रंजू नाम की यह महिला बिहार की रहने वाली है, और लखनऊ के ही गोमतीनगर के विजयखंड में रहती है। सोनी बताती हैं कि पति का दिल जीतने के लिये मैं वह सब करती हूं जो वे चाहते हैं, मैं मंदिर जाती हूं, पूजा करती हूं। क्योंकि सुरेश ने मुझसे कहा था कि मेरे साथ रहना है तो हिंदू बनकर रहना पड़ेगा। लेकिन इसके बावजूद मेरे साथ उनका व्यवहार नहीं बदला, आए दिन मेरे साथ मार पीट होती, गाली गलौज होती है। बहुत बार उन्होंने मुझे रात रात भर झुग्गी से बाहर खड़ा रखा, अब मेरी गोद में उनका बच्चा है, उन्हें इसे लेकर कहां जाऊं? सोनी पर खौफ का आलम यह है कि उन्होंने इस संवाददाता से गुजारिश की कि मेरे पति से आप कोई बात न करना, वरना मेरे साथ फिर मार पीट होगी।
सोनी बताती हैं कि उनके पति के लखनऊ में ही दो मकान हैं, एक मकान एशबाग़ में है, और दूसरा मकान विरामखंड पांच में है। मुझे उन मकानों पर कभी नहीं ले जाया गया, मैं यहां झुग्गी झोपड़ी में रहती हूं। मुझे वे खर्चा भी नहीं देते, कई बार भूखे मरने की नौबत आई है।
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेंस एसोसिएशन (AIDWA) की उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष मधु गर्ग बताती हैं, सुरेश यादव बिजली विभाग में लाईनमैन है। हमने सोनी के पति की शिकायत उप्र पावर कारपोरेशन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर से की थी, लेकिन वहां से भी निराशा ही हाथ लगी, शक्ति भवन ने सुरेश के ख़िलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। मधु के मुताबिक़ यूपी सरकार द्वारा बनाया गया ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानून सिर्फ एक समुदाय विशेष को प्रताड़ित करने के लिये हैं। मधु बताती हैं कि यह कानून मुस्लिम लड़कियों को लेकर पक्षपातपूर्ण है। मधु कहती हैं कि किसी भी कानून को धार्मिक चश्मे के तहत नहीं देखा जा सकता, हिंदू और मुस्लिम लड़कियों के लिए समान क़ानून होना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से, जिन मुस्लिम लड़कियों को हिंदू पुरुषों द्वारा धोखा दिया गया, उन्हें धर्मांतरण के लिये मजबूर किया, और फिर उन्हें दर दर भटकने के लिये छोड़ दिया, यह क़ानून उनके साथ न्याय नहीं करता।
मधु गर्ग उत्तर प्रदेश महिला आयोग पर भी सवाल उठाती हैं। उनके मुताबिक़ यूपी में महिला आयोग सिर्फ नाम मात्र के लिये ही है, इस तरह की घटनाओं पर महिला आयोग को एक्शन लेना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से यह संस्था भी नाम मात्र के लिये रह गई है। सोनी के मामले में पर टिप्पणी करते हुए मधु कहती हैं कि हमने पहले उप्र पावर कारपोरेशन लिमिटेड से शिकायत की है, लेकिन वहां से निराशा लगी है, साथ ही वे यह भी कहतीं हैं कि हम पुलिस से भी इसकी शिकायत करेंगे। यह पूछे जाने पर कि अभी तक पुलिस से शिकायत क्यों नहीं, इस पर मधु का कहना है कि हमें लगा कि पुलिस से पहले सुरेश के एमडी से शिकायत करें ताकि ज्यादा बात बिगड़े मामला सुलझ जाए, लेकिन वहां से निराशा हाथ लगने के बाद अब हमारे पास आगे का रास्ता खुला है, हम अब इस घटना के लिये महिला थाने में शिकायत दर्ज कराएंगे। मधु कहती हैं कि क़ानून समान होना चाहिए, लेकिन वर्तमान हालात काफी निराशजनक हैं।