आकिल हुसैन। Two circles.net
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे होने पर शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में हालांकि वे वर्चुअल रूप से उपलब्ध रहेंगे। इस कार्यक्रम में उनके साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल होंगे। बता दें कि यह ऐसा पहला मौका है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी AMU के किसी कार्यक्रम में भाग लेने वाले हैं।
एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है। बता दें कि अभी तक एएमयू के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन मुख्य अतिथि के बदलाव पर अंतिम समय में फैसला लिया गया है।
एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक वर्ष के दौरान विश्वविद्यालय का और अधिक विकास होगा, जिससे छात्रों को निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में नियुक्ति में मदद मिलेगी। प्रोफेसर मंसूर ने विश्वविद्यालय के समुदाय, कर्मचारियों, सदस्यों, छात्रों और पूर्व छात्रों से आगामी कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि शताब्दी समारोह में सभी लोग राजनीति से ऊपर उठकर शामिल हो। प्रोफेसर तारिक मंसूर ने सभी संबंधितों से शताब्दी कार्यक्रम को राजनीति से ऊपर रखने की अपील की है।
एएमयू कुलपति तारिक मंसूर ने कहा कि कोविड-19 के कारण एएमयू द्वारा कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किए जा रहे हैं। कुलपति ने सभी वर्गों से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सहयोग करने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि पीएम की उपस्थिति से देश और दुनिया में फैले एएमयू समुदाय को एक महत्वपूर्ण संदेश मिलेगा। तारिक मंसूर ने आगे कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय के लिए शताब्दी वर्ष यादगार साल होता है।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय इस साल अपनी स्थापना के सौ साल पूरे कर रहा है। सर सैयद अहमद खां ने इस विश्वविद्यालय को शुरू किया था।1877 में मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल (एमएओ) कॉलेज स्थापित किया गया था। एमएओ कॉलेज को विश्वविद्यालय 1920 में बनाया गया। मुहम्मद एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज दिसंबर 1920 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना था। अब ये इदारा 100 साल का हो गया है। बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की उत्तर भारत की प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शुमार है।
एएमयू का भाजपा के साथ कांटेदार संबंध रहा है, भाजपा नेताओं ने विश्वविद्यालय के छात्रों की बार-बार आलोचना की और यहां तक कि यह भी सुझाव दिया कि संस्था का नाम बदल दिया जाए। आइये जानते हैं एएमयू छात्रों से पीएम नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाने पर उनके विचार –
एएमयू के छात्र नेता हम्ज़ा मसूद कहते हैं कि ‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को हमेशा नीची नज़र से देखा हैं मोदी सरकार ने। कुछ दिन पहले टाइम्स नाउ की एक डिबेट में भाजपा के एक प्रवक्ता ने एएमयू संस्थापक सर सय्यद को गद्दार और संप्रदायिक कहा था। लगातार बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एएमयू और उसके छात्रों को निशाना बनाया जाता रहा है’।
एएमयू के हिंदी विभाग से पीएचडी कर रही दीबा नियाज़ी कहती हैं ‘एक संवैधानिक पद पर होने के नाते नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाने का रस्मन स्वागत करते हैं, लेकिन उनकी सरकार की विचारधारा और ग़लत नीतियों का हमेशा विरोध करा जाएगा’।
एएमयू के विधि विभाग के छात्र राहिल माबूद कहते हैं ‘ अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के 100 साला जश्न के मौके पर ऐसे व्यक्ति को आमंत्रित करना जिसकी विचारधारा के लोग हमेशा से अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के विरोध में रहे हो यहाँ तक कि उनके ही राजनीतिक दल की नीतियाँ युनिवर्सिटी के विरोध में रही है। बतौर प्रधानमंत्री उनका स्वागत है, लेकिन युनिवर्सिटी प्रशासन को ऐसे किसी भी कार्यक्रम से बचना चाहिए जिससे छात्रों के विरोधाभास का अंदेशा हो’।
एएमयू के विधि विभाग के छात्र नोफिल मेराज कहते हैं कि ‘ अगर उनके आने से विश्वविद्यालय का फायदा होता है तो उनका स्वागत है। विरोध अपनी जगह हैं परंतु उनके आने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं तो स्वागत होना चाहिए’।
एएमयू के कामर्स फैकल्टी के छात्र समीर खान कहते हैं ‘ प्रधानमंत्री के मुख्य अतिथि के तौर पर आने से सकारात्मक पहल की शुरुआत होंगी। उनसे वैचारिक मतभेद अपनी जगह हैं , लेकिन एक केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते वे एएमयू को बहुत कुछ दे सकते हैं’।