ISIS से जुड़े गिरफ़्तार संदिग्ध दंपति पर संस्पेंस, पुलिस की कहानी में कई झोल, दोनों को इलाक़े में नहीं जानता कोई

  • ओखला विहार से कश्मीरी दंपति की गिरफ़्तारी का मामला गहराया
  • पुलिस ने माकन मालिक और ब्रोकर को हिरासत में लेकर की पूछताछ
  • रेंट एग्रीमेंट नहीं था, किराएदार का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं कराया गया
  • पति-पत्नी छह महीने से रह रहे थे, लेकिन गलियों में कोई नहीं जानता था।
  • गिरफ़्तारी रविवार को घर से नहीं, शनिवार की रात गली में ही हो गई थी

ज़ियाउर्रहमान के साथ यूसुफ़ अंसारी, twocircles.net

नई दिल्ली: जामिया नगर के ओखला विहार से आईएसआईएस से ताल्लुक रखने के आरोप में कश्मीरी दंपति की हुई गिरफ़्तारी के बाद इस इलाक़े में सन्नाटा पसरा है। सोमवार को जामिया नगर थाने की पुलिस मकान मालिक और इस दपंति को मकान दिलाने वाले ब्रोकर को भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले गई। इससे यहां और भी ख़ौफ़ छा गया। कई घंटे इस इलाक़े की ख़ाक छानने के बाद भी इस दंपति के बारे में कोई ख़ास जानकारी हाथ नहीं लगी।


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ww.twocircles.net के लिए रिपोर्टर ज़ियाउर्रहमान ने सोमवार इस इलाक़े की गलियों में कई घंटे बिताए। कई घंटे यहां की तंग गलियों की ख़ाक छानने के बाद बस इतना ही पता चल पाया कि यह दंपति पिछले छह महीने से यहां रह रहा था। मकान मालिक सईद अब्बासी को तो पुलिस सुबह ही पूछताछ के लिए ले गई थी। लिहाज़ा उनसे मुलाक़ात नहीं हो सकी। अलबत्ता उनके बेटे से ज़रूर मुलाक़ात हुई। उन्होंने इस बारे में सिर्फ इतना बताया कि छह महीने पहले स्थानीय ब्रोकर शुजा ने उन्हें मकान किराए पर दिलवाय था। दोनों के बीच रेंट एग्रीमेंट नहीं हुआ था इस लिए किराएदार का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं कराया गया था।

लोगों को कुरेदने पर इतना ज़रूर पता चला कि कश्मीरी दंपति को रविवार को उनके घर से गिरफ़्तार नहीं किया गया, बल्कि शनिवार देर रात ही क़रीब एक से डेढ़ बजे के बीच उनके घर वाली गली के सुनसान से कोने से उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था। रात में गलियों में सन्नाटा था। लिहाज़ा किसी को उनकी गिरफ़्तारी की भनक तक नहीं लगी। टीवी चैनलों पर ख़बर चलने के बाद ही यहां के लोगों को इस बारे में पता चला। पास के ही एक दुकानदार ने कहा, “गिरफ़्तारी के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। गिरफ़तारी या तो हमारी दुकान बंद होने के बाद हुई होगी या फिर दुकान खुलने से पहले अहले सुबह। दिन में हुई होती तो हमें ज़रूर पता चलता।”

यहां पूछताछ करने पर पता चला है कि जहानजेब सामी और उसकी पत्नी हिना बशीर बेग़ इस इलाक़े में पिछले साल अक्तूबर से रह रहे थे। पिछले छह महीने से ये दोनो ओखला के विहार के फ्लैट न. सी-4 में रह रहे थे। यहां उनके कोई रिश्तेदार हैं या नही किसी को कुछ नहीं पता है। यहां तक कि सामने के लोगों को भी नहीं पता था कि कश्मीर के रहने वाले मियां-बीवी यहां रहते हैं। हमारे रिपोर्टर ने इस इलाक़े की गलियों की ख़ाक छानते वक़्त स्थानीय लोगों से बात की, तो ज़्यादातर लोग इस ख़बर से अनजान थे। कुछ लोगों के पास आधी-अधूरी जानकारी थी। उनके बग़ल वाले घर के मालिक को भी नहीं पता था उनके बग़ल के मकान से मियां-बीवी को आतंकवाद के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। घर के सामने के कुछ दुकानदारों को इस बारे में पता था, लेकिन वो इतने डरे हुए हैं कि कुछ भी बताने से बच रहे हैं।

हमारे रिपोर्टर ने आस पास रहन वाले कई कश्मीरी लोगों से बात करके गिरफ़्तार मियां-बीवी के बारे में कुछ जानकारी हासिल करने की कोशिश की। लेकिन एक भी कश्मीरी ऐसा नहीं मिला जो उन्हें जानता हो। घर आने-जाने की बात तो बहुत दूर क है। जब आसपास के दुकानदारों से उनके बार में पूछा गया तो ज्यादातर का कहना था कि वो यहां दो-तीन साल से दुकान चला रहे हैं, लेकिन कभी उन दोनों को नहीं देखा। हाँ, माकन मालिक सईद अब्बास को आस-पास के सभी दुकानदार अच्छी तरह जानते हैं। सभी उनके ‘बहुत अच्छे इंसान’ होने की गवाही भी देते हैं। लेकिन उनके यहां पिछले चह महीन से किराए पर रह रहे दंपति को कोई नहीं जानता।

इस बीच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पकड़े गए जहानजेब सामी और उसकी पत्नी हिना बशीर बेग़ को पटियाला कोर्ट की विशेष अदालत में पेश कर 14 दिन की रिंमाड ले ली है। पुलिस ने दोनों से पूछताछ के बाद कई बड़े खुलासे किए हैं। पुलिस के मुताबिक दोनों मियां-बीवी आईएसआईएस के ख़ुरासान मॉडयूल से जुड़े हैं। पुलिस का दावा है कि इन दोनों की फिदाईन हमलों से दिल्ली को दहगलाने की साज़िश थी। पुलिस के मुताबिक़ सामी ने बताया है कि वो दिल्ली में पिछले साल श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हुए सीरियल ब्लास्ट जैसे बड़े धमाके चाहता था। पुलिस के मुताबिक़ धमाके के लिए ठीक वैसा ही केमिकल भी जुटाया गया है, जैसा कोलंबो बलास्ट के लिए इस्तमाल किया गया था।

दिल्ली पुलिस का दावा है कि उसकी स्पेशल सेल ने आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल के दो संदिग्धों की बीच हुई बातचीत को इंटरसेप्ट किया है। इस बातचीत में उन्होंने ‘Triacetone Triperoxide (TATP)’ विस्फोटक का नाम लिया था, जिसे ‘Mother of Satan’ भी कहा जाता है। इसी से इस पति-पत्नी के इस मामले में शामिल होने की लीड मिली था। पकड़े गए इन दो संदिग्धों में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने सबसे पहले पति जहानजेब सामी की वेब चैट इंटरसेप्ट की थी। IB को ये लीड दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ही दी थी। सामी ने बताया है की वो दुबई भी जा चुका है, लेकिन उसने पाकिस्तान की नीलम वैली जाना नहीं क़ुबूला है। जांच एजेंसी को उसके सीरिया जाने का भी शक है।

पुलिस के मुताबिक़ इन दोनों पर सुरक्षा एजेंसियों की नज़र काफ़ी दिनों से थी। ये दोनों इसी साल अगस्त के महीने में कश्मीर से दिल्ली आए थे और किराए के मकान में ओखला विहार में रह रहे थे। पति जहानजेब सामी दिल्ली में एक निजी कंपनी में जॉब कर रहा था। स्पेशल सेल ने दोनों के कब्जे से जेहादी मटेरियल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी बरामद किए हैं। स्पेशल सेल के मुताबिक जहानजेब सामी आईएसआईएस के खुरासान विंग के कमांडर हुजैफा अल बाकिस्तानी के सम्पर्क में था। हुज़ैफा पाकिस्तानी नागरिक था, जो पहले लश्कर-ए-तैयबा में शामिल था और बाद में यह आईएसआईएस में शामिल हो गया। हुज़ैफा एक ड्रोन हमले में मारा गया, उसकी मौत की ख़बर पिछले साल जुलाई में पुष्टि हुई थी।

पुलिस के मुताबिक़ पूछताछ में जहानजेब सामी ने क़ुबूल किया है कि वो अल-क़ायदा के लिए भी काम कर चुका है। अब ISIS के लिए कर रहा था। उसने बताया कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद होने के बाद उन्होंने अपना बेस दिल्ली बना लिया था। यहां से ये नौजवानों को सोशल मीडिया के ज़रिए जेहाद के लिए तैयार करने की मुहिम में जुटे थे। सोशल मीडिया पर जहानजेब सामी ने अपना अकाउंट दाऊद और अल-हिंदी के नाम से बना रखा था। सामी युवाओं को आईएसआईएस ज्वाइन करने के लिए ब्रेनवॉश करता था। सबसे पहले उसकी पति हिना बशीर बेग नौजवानों से सोशल मीडिया पर संपर्क करती थी और जब वो काम करने के लिए तैयार हो जाते थे, तो उन्हें सामी से मिलाती थी।

पुलिस के ये तमाम दावे अभी सवालों के घेरे में हैं। उसकी कहानी में कई झोल हैं। मसलन अभी तक पुलिस ने यह नहीं बताया कि दोनों किस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे थे। हिना पर आईसएआएस की मैग्ज़ीन में लेख लिखने का आरोप है। दोनों पर नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ मुस्लिम नौजवानों को भड़काने का आरोप है। लेकिन इसका कोई सुबूत अभी तक सामने नहीं आया है। पुलिस के मुताबिक़ इनके पास से बरामद भड़काऊ लिटरेचर भी अभी तक सामने नहीं आया है।

ग़ौरतलब है कि आईएसआईएस से ताल्लुक़ रखने के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार किए इन मियां-बीवी और इनके इरादों के बारे में बारे में जो भी जानकारी मीडीया में आ रही है वो पुलिस सूत्रों के हवाले से आ रहीं हैं। पुलिस की तरफ से इस बारे मे कोई प्रेस कांफ्रेस नहीं की गई है और न ही कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है। पुलिस जब इस मामले की चार्जशीट दाख़िल करेगी तब कहीं जाकर पता चलेगा कि सूत्रों के हवाले से दी गईं ख़बरों में कितनी सच्चाई है।

सामी की मां और बहन ने अपन बेटे और बहू को बेक़ुसूर बताया है। उनका कहना है कि उनदोनों ने कभी कश्मीर के बंद या किसी और आंदोलन मे हिस्सा नहीं लिया तो वो भला दिल्ली में क्यों किसी धरने प्रदर्शन का हिस्सा बनेगें। उनके मां बाप सामी और उसक पत्नी को क़ैनूनी मदद देने के लिए दिल्ली आ गए हैं। पुलिस का दावा है कि दोनं इतने शातिर है कि उन्होंने अपने कारनामों का भनक अपने घर वालों तक को नहीं लगने दी। वहरहाल दिल्ली पुलिस पर इन्हें अदालत में दोषी साबित करने का दारोमदार है वहीं इन दोनोंके सामने ख़ुद को बेक़ुसूर साबित करने की चुनौती है।

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