नेहाल अहमद | TwoCircles.net
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईएमआरसी) नई दिल्ली ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) को कोरोना वायरस वैक्सीन के परीक्षण कार्यक्रम में शामिल कर लिया गया है।
एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में भारत बायोटेक (हैदराबाद) द्वारा निर्मित कोरोना वायरस के टीके ‘कोवासीन’ का परीक्षण 14 नवम्बर से शुरू किया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी आयु वर्ग- सामाजिक पृष्ठभूमि के लोगों से परीक्षण में शामिल होने की अपील की है। एक हज़ार वोलियंटर्स को पंजीकरण के लिए आमंत्रित किया गया है।
आईएमआरसी और भारत बायोटेक के सहयोग से होने वाली इस परीक्षण हेतु पंजीकरण की शुरूआत आगामी 10 नवम्बर से की जा रही है जो एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (जेएनएमसीएच) के ओल्ड ओपीडी ब्लॉक हॉल में सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगी। इस पंजीकरण एवं इससे जुड़े पहलुओं के जानकारी की पूछताछ के लिए एएमयू ने एक मोबाइल नम्बर 7455021652 भी जारी किया है जिस पर इच्छुक लोग संपर्क कर के इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस टीके का ट्रायल जनवरी के अंत तक चलेगा।
क्लीनिकल परीक्षण के आयोजन के लिए डॉक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अधिवक्ताओ पर आधारित एक ‘नैतिकता समिति’ का गठन कर लिया गया है। मनुष्यों में इस टीके के परीक्षण के दौरान, पहले चरण में, एंटीबॉडी के उत्पादन का परीक्षण किया जाएगा जिसकी शुरुआत उपर्युक्त लिखित दिनांक 14 नवम्बर से होगी। बाद के चरण में ये देखा जाएगा कि यह टीका लोगों को बीमार होने से बचाता है या नहीं। इस परीक्षण से यह भी पता चलेगा कि टीका प्रभावी और सुरक्षित है। ट्रायल में भाग लेने वाले वोलियंटर्स को वैक्सीन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी।
इस संबंध में वाइस चांसलर प्रो. तारिक़ मंसूर ने ट्वीट कर कहा कि ‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के राष्ट्र सेवा एवं मानव कल्याण से समृद्ध इतिहास को जारी रखते हुए एएमयू जेएन मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल की ख़बर की घोषणा करते हम लोगों को गर्व हो रहा है कि आईसीएमआर के स्वीकृति के बाद हैदराबाद के ‘भारत बॉयोटेक’ के सहयोग से एएमयू में कोविड-19 वैक्सीन ‘कोवासीन’ का ट्रायल हो रहा है। एएमयू इस ट्रायल और अध्ययन के माध्यम से इस मामले में पहले से बेहतर शोध कर बेहतर बचावों एवं इलाज को विकसित कर सकेगा।कोविड वैक्सीन ‘कोवासीन’ का ट्रायल कर रहा एएमयू उत्तर प्रदेश का तीसरा केंद्र है जो इस ट्रायल का तीसरे चरण को संचालित कर रहा है। ‘एएमयू’ कोविड वैक्सीन पर परीक्षण कराने वाला शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत प्रथम विश्वविद्यालय में से एक है। हम अपने सभी साथी नागरिकों को वहनीय टीका उपलब्ध कराने के सामूहिक प्रयासों में अपना योगदान देने के लिए प्रयास कर रहे हैं।’
एएमयू वाइस चांसलर प्रो.तारिक मंसूर एवं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी समय-समय पर इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की जा रही है।
एएमयू जे एन मेडिकल कॉलेज के रेसिडेंट डॉक्टर और सामाजिक संस्था ‘सोच’ के अध्यक्ष डॉ. सलीम मोहम्मद खान ने twocircles.net से कहा कि ” एएमयू का हमेशा से राष्ट्रनिर्माण में एक अहम भूमिका है। एक तरफ़ जहां कोविड के बुरे दौड़ ने एक अहम भूमिका निभाई वहीं दूसरी ओर अब एएमयू में कोरोनावायर्स के टीके का ट्रायल यहां के लिए एक बड़ी बात है और साथ ही बड़ी उपलब्धि है। तमाम डॉक्टर्स, स्वास्थ्यकर्मी एवं अलीग बरादरी को बधाई के हकदार है। उम्मीद यह है कि कि यह ट्रायल हमें एक अच्छे नतीजे पर ले चलेगा और मजाज़ के तराने की पंक्ति ‘जो अब्र यहां से उठेगा वो सारे जहां पर बरसेगा’ को देश-दुनियां में चरितार्थ करेगा “।’
ज़ाहिर है कि कई विवादित एवं झूठे मनगढ़ंत मुद्दों में एएमयू को सुर्खियों में रख बदनाम करने की साजिश रचने वाले मीडिया के एक बड़े वर्ग को चाहिए कि वो एएमयू के इन योगदान पर नज़र दोहराये तो कई बातें पता चलेगी।
ज्ञातव्य हो कि कोविड-19 के बुरे दौर में यूपी में कोरोना टेस्ट सेंटर केवल (3) थे। जिसमें एएमयू का मेडिकल उनमें से एक है। कोरोना को लेकर पीएम केयर फंड में सबसे ज़्यादा रुपये का राष्ट्र सेवा में (1.33 करोड़) रुपये भेजने वाली यूनिवर्सिटी में एएमयू का पहला स्थान है और कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए अगस्त 2020 से जेएन मेडिकल कॉलेज में प्लाज़मा थेरेपी भी की जा रही है।