विशेष संवाददाता। Twocircles.net
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मऊ विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल शिफ्ट कर दिया गया हैं। मुख्तार अंसारी को जेल में शिफ्ट करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार पूर्व सांसद अतीक अहमद को गुजरात से वापस लाने की कवायद के लिए जुट गई है। इससे पहले मुख्तार अंसारी को अब उत्तर प्रदेश वापस लाया गया हैं। देवरिया कांड के बाद अतीक को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अहमदाबाद जेल में भेजा गया था। तबसे अतीक वहीं पर है।
मऊ विधायक मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश में 52 मुकदमे दर्ज हैं। 14 आपराधिक मुकदमों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को मुख्तार अंसारी की कस्टडी की दरकार थी। उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश वापस लाने कई बार पंजाब भी पहुंची लेकिन हर बार पंजाब सरकार ने मुख्तार को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपने से इंकार कर दिया। इसके बाद यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्तार को वापस यूपी लाने के लिए याचिका दायर की थी जिसमें यूपी सरकार ने कहा था कि मुख्तार की अनुपस्थिति के कारण उसके मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया कि मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपा जाए।
मुख्तार अंसारी को बांदा जेल पहुंचा दिया गया और बांदा पहुंचते ही मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। लखनऊ की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने 21 साल पुराने लखनऊ जेल केस के मामले में तलब किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस 10 गाड़ियों के साथ 150 पुलिसकर्मी लेकर मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश वापस लेने पहुंची थी। बांदा जेल में मुख्तार अंसारी को बैरक नंबर 16 में रखा गया है।
मुख्तार अंसारी को यूपी लाने से पूर्व उनकी पत्नी और उनके भाई सांसद अफज़ाल अंसारी ने मुख्तार की जान का खतरा बताया था। उनकी पत्नी ने बांदा ले जाने के दौरान मुख्तार अंसारी की सुरक्षा की मांग भी करी थी और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मुख्तार अंसारी की सुरक्षा सुनिश्चित कराने की भी लगाई गुहार लगाई थी। इसके साथ ही मुख्तार की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की है। दायर याचिका के अनुसार उनकी पत्नी ने मुख्तार को जेल में सुरक्षा और कोर्ट में पेशी समेत अन्य मौकों पर सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश देने की मांग की हैं।
मुख्तार अंसारी पिछले 16 वर्षों से जेल में बंद हैं। मुख्तार अंसारी बहुजन समाज पार्टी के विधायक भी हैं। वे पिछले 25 वर्षों से मऊ सदर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते आए हैं। मुख्तार अंसारी के भाई अफज़ाल अंसारी गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और दूसरे भाई सिबाकातुल्लाह अंसारी भी बसपा से विधायक रह चुके हैं।
अतीक अहमद को भी अब अहमदाबाद से उत्तर प्रदेश लाया जा सकता है। इसकी चर्चा होने लगी है। 19 अप्रैल 2019 में चुनाव आयोग ने अहमद को देवरिया जेल से नैनी जेल भेज गया था। इसके बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अहमद को गुजरात की जेल भेज दिया गया। वर्तमान में अतीक अहमद अहमदाबाद की साबरमती जेल में है। योगी सरकार आने के बाद से लगातार अतीक अहमद पर शिकंजा कसा गया है ,अतीक अहमद की इलाहाबाद में अवैध संपतियों को नष्ट कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने दावा किया है कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब से लाने के बाद योगी सरकार अब माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद को गुजरात से उत्तर प्रदेश लाएगी। अतीक अहमद के खिलाफ हत्या, रंगदारी और धमकी के अलावा अब पिस्टल और राइफल छिपाने के कई मामले दर्ज हैं। अतीक अहमद के खिलाफ कई मामलों में सीबीआई जांच भी चल रही है। अतीक अहमद का नाम वर्ष 2005 में बीएसपी एमएलए राजू पाल की हत्या में आया था। राजू पाल ने अतीक के भाई अशरफ को चुनाव में हराया था।
अपराध जगत में अतीक शुरुआत 1979 में इलाहाबाद में हत्या के मामले से हुई थी। उस समय अतीक की उम्र मात्र 17 साल की थी। कभी अतीक अहमद की इलाहाबाद, फूलपुर समेत कई अन्य जिलों में तूती बोलती थी। अतीक अहमद डॉन से 1989 में नेता हो गए। वर्ष 2004 तक वह छह बार चुनाव जीते। इसमें पांच बार वह इलाहाबाद पश्चिम सीट से विधायक और एक बार फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे। अतीक ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी लेकिन बाद में उन्होंने समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली। वर्ष 2004 के चुनाव में अतीक ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर फूलपुर लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी लेकिन वर्ष 2014 के चुनाव में उन्हें असफलता हाथ लगी। वर्ष 2018 के लोकसभा उपचुनाव में अतीक अहमद चुनाव लड़े और उन्हें शिकस्त मिली।