जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ऑमिक्रॉन के सामने आते ही एक बार फिर से पूरी दुनिया सहमी सी नज़र आने लगी है। कई विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के इस वेरिएंट को पिछले वेरियंटों से ज़्यादा खतरनाक बताया है। विशेषज्ञ ऐसे मौके पर लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं। भारत में अब तक इस वेरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में इस वेरियंट से अनुमानित खतरे को देखकर कुछ जानकार लोग, आने वाले समय में एक बार फिर से पूरे देश में लॉकडाउन लगने की आशंका ज़ाहिर कर रहे हैं।
हमने इस संभावित चुनौती के बारे में बिहार राज्य के लोगों से बात की, कि अगर फिर से लॉकडाउन लग जाता है तो उन्होंने क्या तैयारी कर रखी है। हालांकि उनमें से ज्यादातर लोग पिछले कोरोना लहर से हुए नुकसान से ही अबतक नही उभर पाए हैं।
मधुबनी ज़िला के समीप एक छोटे से गांव, बढ़ियापुर में सड़क के किनारे जल-सिंघाड़ा बेचने वाली शालिनी देवी को इस नए वेरिएंट के बारे में कोई जानकारी नहीं है, वो कहती हैं, “जो भाग्य में होगा उसको कौन बदल सकता है। TwoCircles.Net ने जब उनसे पिछले लॉकडाउन को लेकर सवाल किया तो उनकी आंखें भर आईं। उन्होंने उस लॉकडाउन में कोरोना की वजह से अपना पति खो दिया था।
“हमारे पास जितना पैसा था हमने सब उनके इलाज में झोंक दिया था फिर भी उन्हें नहीं बचा सके, अब कोरोना फिर से आएगा भी तो क्या ले जायेगा हमारा, सब तो पहले ही गंवा चुके हैं।” शालिनी देवी ने नम आखों से बताया।
शालिनी देवी इस मौसम में रोज़ाना नेशनल हाईवे 57 के समीप एक छोटी सड़क पर बैठकर जल-सिंघाडा बेचती हैं। उनके घर में एक बेटा है जो मेहनत-मजदूरी किया करता है और बहु दूसरों के घरों में काम मकरती हैं। शालिनी आगे कहती हैं, “लॉकडाउन में हमारे पास आमदनी रुक गई थी और ऊपर से जो भी जमा पूंजी थी वो इनके (पति के) इलाज में चला गया। कई दिन हमारे खाने के लाले पड़ने लगे थें।” उन्होंने कहा, “अगर फिर से लॉकडाउन लग जाएगा तो हमारा गुज़ारा कैसे होगा? अब तो भगवान जो करे, भाग्य पर ही छोड़ देते हैं।”
शालिनी देवी के जैसी मिलती-जुलती परस्थिति राजू पासवान की भी है। जिन्होंने पिछले लॉकडाउन में अपने जीवन के सबसे कष्टदाई समय को देखा है। दरभंगा शहर के बीचों-बीच चौराहे पर राजू अपना एक छोटा सा होटल चलाया करते हैं। “अगर फिर से लॉकडाउन लग जायेगा तो हम बरबाद हो जाएंगे।” राजू ने अपनी चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा, “हमारा होटल अगर फिर से पिछली बार की तरह बंद हो गया तो हम सड़कों पर आ जायेंगे चूंकि हमारे ऊपर लाखों रुपयों के उधार चल रहे।”
राजू पासवान की ये परेशानी कोई अकेले व्यक्ति की नहीं है, इनके जैसे हज़ारों लोगों की परेशानियां एक समान है। पिछले लॉकडाउन ने एक तरफ लोगों को कोरोना से तो बचाया लेकिन गरीबों को बदतर गरीबी के मुहाने पर भी लाकर खड़ा कर गई। छोटे व्यवसायिक लॉकडाउन से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए। कई व्यवसायिकों के सर पर उधारों का भारी भरकम भार चढ़ चुका है, जिसे वो लगातार उतारने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में अगर फिर से लॉकडाउन लग जाता है या नया वेरिएंट उत्पात मचाता है तो इसका सीधा प्रभाव उनके जीवन यापन पर पड़ेगा।
अललपट्टी में अंडों की छोटी दुकान चलाने वाले वरुण कुमार रावत कहते हैं, “अगर फिर से लॉकडाउन लगता भी है, तो लोग ही नही मानेंगे, वरना उनके पास खाने पीने को कुछ बचेगा कहां?” वरुण ने पिछले लॉकडाउन में स्कूलों द्वारा की गई मनमानी को लेकर भी खासी नाराज़गी ज़ाहिर की, “एक तो खाने को पैसे नही थें ऊपर से स्कूल वालों ने फीस का एक रुपया भी कम नहीं किया, इतनी महंगी किताबें और कॉपियों को खरीदते खरीदते हमारी कमर टूट जाया करती है।” वरुण अपनी बेटी के शिक्षा को लेकर काफी गंभीर हैं, उन्होंने उसका एडमिशन पास के ही एक प्राइवेट स्कूल में करवा रखा है।
वरुण आगे कहते हैं, “हम गरीबों के बारे में कौन सोचता है, हर तरफ महंगाई बढ़ रही है, गैस सिलेंडर के दाम आसमान छूने को हैं, लेकिन हमारी आमदनी आज भी उतनी ही है। ऐसे में अगर लॉकडाउन लगता है तो हमारा क्या होगा?” उनसे जब सरकार द्वारा की गई किसी तरह की मदद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “हमें सरकार की तरफ से मदद के नाम पर सिर्फ कुछ अनाज मिल जाया करता है, लेकिन उससे क्या होगा इंसानों की दूसरी जरूरतें भी तो हैं।”
ऑमिक्रोन से होने वाले संभावित खतरे से पहले की तैयारी को लेकर एक निजी मेडिकल फर्म, “डॉक्टर फॉर यू”, से भी बात की, वहां मौजूद एक स्टाफ, साजिद खान ने बताया, “समय के साथ टीकाकरण की प्रक्रिया में काफी तेज़ी आई है, उम्मीद है कि जल्द ही इलाके के सारे लोगों को टीका लग चुका होगा।” हालांकि उसके बावजूद साजिद ने लोगों को संयम बरतने की अपील की है चूंकि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट, ऑमिक्रॉन बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने लोगों से अपील भी की, “कि जिन्होंने अबतक टीका नही लिया है वो बिना कोई देर किए टीका ले लें।”