हरियाणा के गुरुग्राम में खुले में नमाज़ नही पढ़ सकेंगे, 8 जगह की अनुमति रद्द

स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net

हरियाणा के गुरुग्राम में सार्वजनिक और खुले स्थान पर नमाज पढ़े जाने को लेकर चल रहा विवाद लगातार गहराता जा रहा है। अब गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने के विरोध के कारण जिला प्रशासन ने 8 जगहों पर नमाज़ पढ़ने को दी परमिशन को रद्द कर दिया हैं। प्रशासन ने रद्द करने का कारण स्थानीय निवासी और रेज़िडेंट वेलफ़ेयर एसोसिएशन द्वारा दर्ज कराई आपत्ति को बताया हैं। साथ ही प्रशासन ने यह भी कहा हैं कि अगर दूसरी जगहों पर भी ऐसी ही आपत्ति दर्ज की जाएगी, तो वहाँ से भी अनुमति रद्द कर दी जाएगी। हालांकि पिछले कुछ समय से हिंदूवादी संगठन लगातार खुलें में नमाज़ अदा करने का विरोध करते आ रहे हैं, जिसके बाद प्रशासन द्वारा यह फैसला लिया गया।


Support TwoCircles

2018 में शुक्रवार को खुलें में नमाज़ अदा करने के लिए गुरुग्राम प्रशासन द्वारा 37 जगहों को नमाज़ पढ़ने के लिए चिन्हित किया गया था। लेकिन पिछले कुछ समय से हिंदूवादी संगठन और कई सेक्टरों के स्थानीय निवासी खुलें में नमाज़ पढ़ने का विरोध कर रहे थे। स्थानीय लोगों और हिंदूवादी संगठनों के विरोध के चलते गुरुग्राम प्रशासन ने मंगलवार शहर में 8 स्थानों की परमिशन रद्द कर दी है, जहां खुले में नमाज पढ़ी जाती थी। पुलिस के अनुसार अन्य जगहों से भी लोगों की आपत्ति मिलने पर वहां भी रोक लगाई जा सकती है.

जिन आठ स्थानों की परमिशन रद्द करी गईं हैं उनमें सेक्टर 49 स्थित बंगाली मार्केट के पास डीएलएफ फेज तीन के वी ब्लाक, सूरत नगर फेस वन, खेड़ी माजरा गांव के बाहर दौलताबाद गांव के पास द्वारका एक्सप्रेस-वे पर तथा सेक्टर 68 रामगढ़ गांव, डीएलएफ स्क्वायर टावर तथा गांव रामपुर में नखडौला रोड शामिल हैं। प्रशासन द्वारा जारी करे गए आदेश के अनुसार अब शुक्रवार से इन जगहों पर सामूहिक रूप से नमाज़ अदा नहीं की जाएंगी।

गुरुग्राम प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार सार्वजनिक और खुली जगहों पर नमाज़ पढ़ने के लिए प्रशासन की अनुमति लेना आवश्यक है। साथ ही प्रशासन ने यह भी कहा हैं कि अगर स्थानीय निवासी दूसरी जगहों पर भी आपत्ति दर्ज करते हैं, तो वहाँ भी नमाज़ अदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर यश गर्ग द्वारा नमाज अदा किए जाने वाले स्थानों को चिन्हित करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। कमेटी में एसडीएम, एसीपी स्तर के पुलिस अफ़सर, हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग और सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हैं। यह कमेटी सभी पक्षों से बातचीत कर यह निर्णय लेगी कि भविष्य में किन स्थानों पर जुमे की नमाज अदा की जाए। यह निर्णय लेते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि स्थानीय लोगों को नमाज अदा करने से कोई परेशानी न हो। यह कमेटी यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसी भी सड़क, मार्ग या सार्वजनिक स्थान पर नमाज अदा न की जाए।‌

दरअसल विश्व हिन्दू परिषद, संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति समेत कई अन्य हिंदूवादी संगठनों द्वारा ऐलान किया गया था कि जिन 37 जगहों को खुले में नमाज करने के लिए चिन्हित किया गया है, उन सभी जगहों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। हिंदूवादी संगठनों ने इन सभी 37 जगहों पर गोवर्धन पूजा और भजन-कीर्तन करने का ऐलान किया था। संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति का कहना था कि किसी भी सूरत में खुले में जुमे की नमाज नहीं करने दी जाएगी। हालांकि प्रशासन का कहना है कि स्थानीय निवासियों और रेज़िडेंट वेलफ़ेयर एसोसिएशन की आपत्ति के बाद आठ स्थानों पर जुमे की नमाज़ अदा करने की परमिशन को रद्द किया गया है।

गुरुग्राम के कई इलाकों में पिछले कई दिनों से खुले में नमाज़ अदा करने को लेकर स्थानीय निवासी और हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले हफ्ते गुरुग्राम के सेक्टर 12 और सेक्टर 47 में जुमे की नमाज़ के दौरान विरोध प्रदर्शन करें गए थे।‌ इस मामले में पुलिस ने 30 लोगों को गिरफ्तार भी किया था। इसके बाद से लगातार वहां पर टकराव की स्थिति बनी हुई थी।

हिंदूवादी संगठनों द्वारा खुलें में नमाज़ पढ़ने को लेकर मुसलमानों पर आरोप लगाया है कि खुले में नमाज अदा करना अंतर्राष्ट्रीय साजिश है।‌ हिंदूवादी संगठनों के अनुसार लोग लव जिहाद और भूमि जिहाद की साजिश के तहत नमाज अदा कर रहे हैं। अगर आवाज नहीं उठाई तो वे यहां मस्जिद बना देंगे।

नागरिक एकता मंच के शहज़ाद ख़ान के अनुसार जिन जगहों पर जुमे की नमाज अदा की जाती है, वहां इससे किसी भी तरह की रुकावट पैदा नहीं होती। संविधान में शांति से किसी भी धर्म के लोगों को अपनी धार्मिक गतिविधियों को जारी रखने का अधिकार है। हालांकि भाईचारा कायम रहे इसलिए वे आम सहमति से ही नमाज अदा करते आए हैं।

SUPPORT TWOCIRCLES HELP SUPPORT INDEPENDENT AND NON-PROFIT MEDIA. DONATE HERE