एक बार फिर जंतर मंतर पर जुटे किसान, लगाया वादाखिलाफी का इल्ज़ाम

स्टाफ रिपोर्टर। Twocircles.net

दिल्ली के जंतर-मंतर में आज संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ने लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों को इंसाफ और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी समेत कई मांगों को लेकर महापंचायत रखीं। महापंचायत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों से किसान शामिल हुए।‌ हालांकि पुलिस की ओर से किसान संगठनों को महापंचायत करने की अनुमति नहीं दी गई थी। जिसके चलते किसान संगठनों के कई नेताओं को दिल्ली के बार्डरो पर ही रोक दिया गया। इस महापंचायत के जरिए किसानों ने सरकार को यह बताने की कोशिश करी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द से जल्द अमल नहीं किया गया तो फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा।


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14 महीने चलें किसान आंदोलन के खत्म होने के लगभग 7 महीने बाद किसान एक बार फिर से दिल्ली पहुंचे और जंतर-मंतर पर विभिन्न मुद्दों को लेकर महापंचायत की।‌ दरअसल किसान पंचायत की तरफ से कई मांगे की जा रही थी जिसको लेकर महापंचायत में चर्चा की गई और उन मांगों को पूरा करने के लिए सरकार से मांग रखी गई।

महापंचायत संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक के संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। मोर्चा के नेता अभिमन्यु सिंह कोहार ने पंचायत में कहा कि,’ किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने हमारी सभी मांगों को पूरी करने का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं किया। यहां हम एक बार फिर से अपनी मांगों को उठाने और भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने के लिए जुट हैं।’

किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा है कि,’अभी हमारा आंदोलन सिर्फ फिल्म से पहले का ट्रेलर है। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो बड़े आंदोलन के जरिए पूरी फिल्म दिखाएंगे। हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक है और आंदोलन के पहले दिन से साफ था। आज यूपी, हरियाणा और पंजाब समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या किसान आए है जो इस संगठन की जीत। हमारी मांग है कि लखीमपुर खीरी मामले में गृह राज्यमंत्री का इस्तीफा लिया जाए। आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए।’

इस बार किसानों का कहना है कि उनसे जो वादे किए थे वो जुमला निकले है …

महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ने सरकार से विभिन्न मांगों को मानने की बात कही है जिसमें प्रमुख मांग यह है कि लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ मिले, वहीं जेलों में बंद किसानों की रिहाई व नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की जाए। इसके अलावा स्वामी नाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार MSP की गारंटी का कानून बनाया जाए और देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त करे जाने की मांग की है। इसके अलावा किसानों की प्रमुख मांग ये भी है कि गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरन्त किया जाए और वहीं किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लेने के साथ अग्निपथ योजना को भी वापस लेने की मांग की गई है। किसान संगठनों ने इन सभी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को 15 दिन का समय दिया है।

किसान नेता इंद्रजीत सिंह पन्नू ने कहा कि, ‘किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा कानून वापस लेते समय दिए गए आश्वासनों पर अमल न होने पर आंदोलन करने को मजबूर हैं। हमने अपनी बात आज महापंचायत में बता दी है। यदि अगले 15 दिनों में हमारी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो किसान बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे। उन्होने कहा कि मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक के किसान नेता बैठक कर आगे की रणनीति के बारे में फैसला करेंगे।’

महापंचायत के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया कि दूसरे राज्यों से आ रहे किसानों को दिल्ली पुलिस जंतर-मंतर आने से रोकने की कोशिश की। किसान महापंचायत को देखते हुए दिल्ली पुलिस गाजीपुर बार्डर, टिकरी बार्डर पर भारी संख्या में तैनात रहीं। किसानों को बैरिकेड लगाकर रोकने की भी कोशिश की गई।

इससे पहले 19 अगस्त को लखीमपुर में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 75 घंटे का धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया था जिसमें देशभर के किसान इकट्ठा हुए थे। इस धरना प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत के अलावा योगेन्द्र यादव भी शामिल हुए थे।

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