आकिल हुसैन। Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक अधेड़ दलित की हत्या का मामला सामने आया है। मृतक के परिजनों ने जातीय भेदभाव के चलते उच्च जाति के लोगों पर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि व्यक्ति को इसलिए पीट-पीटकर मार दिया गया क्योंकि उसने दुर्गा पंडाल में लगीं मां की मूर्ति को छू लिया था। वहीं प्रतापगढ़ पुलिस इस बात से इनकार कर रही है। प्रतापगढ़ पुलिस ने मारपीट की वजह बहन को छोड़ने के लिए बाइक न देना बताया है। जबकि मृतक दलित के परिजनो का आरोप है कि पुलिस मामले को गलत मोड़ देने में जुटी है।
मामला प्रतापगढ़ के पट्टी थाना क्षेत्र के उड़ैयाडीह इलाके के जजनीपुर गांव का हैं। नवरात्र के चलते गांव में ही शिरोमणि मिश्रा के घर दुर्गा पंडाल लगा हुआ था। बीते शुक्रवार 30 सितंबर को गांव के ही रहने वाले 50 वर्षीय जगरूप गौतम दुर्गा पंडाल में माता का दर्शन करने गए और इस दौरान उन्होंने मूर्ति के पैर छू लिए। तभी पंडाल में ही मौजूद उच्च वर्ग के लोगों ने जगरूप को जातिसूचक अपशब्द कहे और लाठी डंडों से बुरी तरह पीटा।
पीटने के बाद आरोपी जगरूप को घायल हालत में उसके घर पर छोड़ गए। पिटाई में बुरी तरह से घायल जगरूप को इलाज़ के लिए परिजनों ने 1 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती करवाया वहीं इलाज़ के दौरान 2 अक्टूबर को जगरूप की मृत्यु हो गई।
मृतक जगरूप के परिजनों का कहना है कि निचली जाति से होने के चलते जगरूप को पीटा गया था। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पंडाल में ही मौजूद गांव के कुलदीप, संदीप ने यह कहकर जगरूप से झगड़ा शुरू कर दिया कि ‘तुम अछूत हो, कैसे दुर्गा जी के पैर छुए’। इसके बाद दोनों ने अपने साथियों के साथ मिलकर बेरहमी से पीटा जिसके चलते जगरूप की मृत्यु हो गई।
जगरूप के साथ मारपीट का एक सीसीटीवी फुटेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। यह फुटेज लगभग 7 सेकेंड का हैं। फुटेज में साफतौर पर देखा जा सकता है कि कैसे कुलदीप, संदीप और मुन्नापाल जगरूप को गिराकर पीट रहे हैं।
वहीं इस मामले में पुलिस की थ्योरी ही अलग हैं। पुलिस ने मृतक जगरूप के परिजनों के उस आरोप को नाकारा हैं जिसमें आरोप लगाया गया है कि दुर्गा प्रतिमा को छू लेने के कारण जगरूप को पीटा गया। प्रतापगढ़ एएसपी विद्यासागर मिश्र ने मीडिया से बताया कि जगरूप हरिजन गांव में रामशिरोमणि मिश्रा के घर पर लगे पंडाल में पूजा देखने गए थे। वहां पहले से कुलदीप और संदीप मिश्र मौजूद थे। जगरूप ने उन्हें मोटरसाइकिल से छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने मना कर दिया।इसी पर कुलदीप और संदीप ने मारपीट की और उन्हें घर जाकर छोड़ दिया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
मृतक जगरूप की पत्नी राधा देवी द्वारा पट्टी थाना में दी गई तहरीर में भी मूर्ति छूने या उसके कारण मारपीट का जिक्र नहीं है। उन्होंने तहरीर में कहा है कि जगरूप ने आरोपियों से अपनी बहन को मार्केट तक मोटरसाइकिल से छोड़ने के लिए कहा था और इसी बात को लेकर पिटाई कर दी।
मृतक जगरूप के परिजनों ने पुलिस पर ग़लत एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने दबाव बनाकर एफआईआर का शिकायती पत्र लिखवाया है। इस कारण से आरोप और दर्ज एफआईआर में अंतर आया है। परिजन का कहना है कि जगरूप को देवी मां की मूर्ति छूने के कारण पीटकर मारा गया।
मृतक जगरूप की पत्नी राधा देवी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी संदीप, कुलदीप, मुन्ना पाल के विरुद्ध आईपीसी की धारा 304 और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। एएसपी विद्यासागर मिश्र ने मीडिया से बताया कि संदीप, कुलदीप, मुन्ना पाल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। मामले में एक आरोपी कुलदीप मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पोस्टमार्टम के बाद जब सोमवार दोपहर जगरूप का शव परिवार को सौंपा गया तो परिवार वालों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। परिजन प्रशासन से आरोपियों की गिरफ्तारी, एक करोड़ रुपए की मदद, शस्त्र लाइसेंस, पांच बीघा जमीन की मांग की ज़िद पर अड़ गए। वहीं भीम आर्मी के कार्यकर्ता प्रेमचंद और प्रदीप कुमार भी मृतक जगरूप के परिजनों से मिलने पहुंचे। भीम आर्मी से जुड़े प्रदीप ने कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
मंगलवार को भी गांव पहुंचे एसडीएम पट्टी देशदीपक व सीओ दिलीप सिंह परिजनों समेत अन्य लोगों से कई राउंड बातचीत किए मगर कामयाबी नहीं मिली। दोपहर में पहुंचे प्रमुख बेलखरनाथ सुशील सिंह ने परिजनों को अपनी ओर से आर्थिक मदद दी। अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को तैयार किया। मगर वहां पहुंचे भीम आर्मी के बड़े पदाधिकारियों ने कई मांगें पूरी करने का ज्ञापन दिया। चेताया कि मांग पूरी होने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार होगा। बसपा नेता अश्वनी राणा ने भी परिजनों की मांगों का समर्थन किया।
लगभग एक दिन तक चले मान मनौव्वल के बाद पुलिस प्रशासन के मांगों को पूरा करने के आश्वासन के बाद परिजनों ने शव का मंगलवार को अंतिम संस्कार किया। प्रशासन ने भूमि आवंटन और 5 लाख रुपए मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
मृतक जगरूप की पत्नी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में वो कहती हैं कि मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दुर्गा की मूर्ति छूने के कारण उनकी पिटाई की गई थी। हम न्याय चाहते हैं। जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा हम चैन से नहीं बैठेंगे।
इस मामले में भीम आर्मी के उत्तर प्रदेश संयोजक कुलदीप भार्गव कहते हैं कि न्याय की लड़ाई में भीम आर्मी पीड़ित परिवार के साथ हैं। उत्तर प्रदेश में लगातार दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं। योगी सरकार दलितों के दमन पर पूरी तरह से निर्मम हो चुकी है।
पिछले दिनों में यह दूसरा दलित उत्पीडन का बड़ा मामला सामने आया है। इससे पहले औरैया में एक दलित छात्र की उच्च वर्ग के टीचर की पिटाई के कारण मृत्यु का मामला सामने आया था। इस मामले ने काफी तूल भी पकड़ा था।