मुलायम सिंह आपराधिक तत्वों के हितों को साधने की कोशिश कर रहे हैं – रिहाई मंच

By TCN News,

लखनऊ: मुलायम सिंह यादव द्वारा आजमगढ़ के मुस्लिम आबादी विहीन तमौली गांव को गोद लिए जाने पर रिहाई मंच ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मुलायम सिंह भी मोदी की राह पर चल रहे हैं. मंच ने आरोप लगाया है कि आरएसएस के सर्वे के आधार पर मोदी ने जिस तरह से वाराणसी के मुस्लिम आबादी विहीन जयापुर गांव को गोद लिया, ठीक उसी सर्वे के मुताबिक मुलायम ने भी मुस्लिम विहीन आबादी वाले गांव को ही चुना.


Support TwoCircles



Mulayam Singh Yadav (Photo courtesy: The Hindu)

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि, ‘सपा मुखिया और आजमगढ़ से सांसद मुलायम सिंह यादव द्वारा सांसद आदर्श योजना के तहत गोद लिए गांव तमौली में कुल 3632 लोगों की आबादी है लेकिन इसमें एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता है. जबकि मुलायम सिंह यादव खुद को धर्मनिरपेक्ष और मुसलमानों के विकास के लिए समर्पित होने का दावा करते हैं.’ उन्होंने कहा कि, ‘पिछले दिनों आए एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि भाजपा सांसदों ने संघ परिवार के सर्वे के आधार पर ऐसे ही गांव को गोद लिया है जिसमें मुस्लिम बिल्कुल नहीं हैं. ऐसे में मुलायम सिंह यादव द्वारा भी मुस्लिम विहीन गांव को गोद लेने से स्पष्ट हो जाता है कि मुलायम सिंह भी मोदी और आरएसएस की राह पर चल रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि, ‘मुलायम सिंह को अब छुप कर संघ परिवार का एजेंडा लागू करने के बजाय संघ परिवार द्वारा मुस्लिम विहीन गावों के चयन वाले सर्वे को खुद जारी कर एक बार में ही अपने धर्मनिरपेक्ष होने के भ्रम को तोड़ देना चाहिए.’

रिहाई मंच के सदस्यों ने मुलायम सिंह द्वारा अपने 75वें जन्मदिन पर मुस्लिम आबादी विहीन तमौली गांव को गोद लेने को संघ परिवार को तोहफ़ा करार दिया. रिहाई मंच आजमगढ़ के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि मुलायम सिंह को जवाब देना चाहिए कि संघ परिवार के सर्वे पर गांव को गोद लेकर क्या वे आरएसएस के हिन्दू राष्ट्रवादी एजेंडे से से सहमत हैं? उन्होंने कहा कि, ‘मुस्लिम विहीन गांव को गोद लेकर मुलायम ने साबित कर दिया है कि वे अकारण ही आडवानी की तारीफ नहीं करते हैं और उनकी मंशा भी पूरी तरह से संघ परिवार के सांप्रदायिक एजेण्डे को लागू करना है. जिस तरह से मुलायम सिंह ने मुस्लिम आबादी विहीन गांव को चुना है, उससे साफ है कि अगर सपा अपने विकास का खाका पेश करेगी तो ऐसी अल्पसंख्यक विरोधी उसकी और बहुत-सी योजनाएं जनता के सामने आ जाएंगी और सरकार की बची-खुची कलई भी खुल जाएगी.’ अपनी बात को आगे बढाते हुए संजरी ने कहा, ‘सपा सरकार ने गांवों का कैसा विकास किया है, उसे हम सबने मुजफ्फरनगर-शामली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में देखा है.’

रिहाई मंच के नेता राजीव यादव ने कहा, ‘आजमगढ़ के जिस गांव तमौली को गोद लिया गया है, वह आजमगढ़ शहर से मात्र पांच किलोमीटर दूर है और आजमगढ़ के सैकड़ों पिछड़े गांवों से ज्यादा विकसित है. गौरतलब है कि तमौली गांव कभी भी पिछड़ेपन के कारण चर्चा में नहीं रहा है बल्कि पिछले कुछ सालों में आपराधिक गतिविधियों से जुड़े कुछ लोगों के कथित एनकाउंटर के कारण सुर्खियों में रहा है. जिससे सपा सरकार के प्रति उपजी नाराज़गी को संतुलित करने की यह कोशिश मात्र है. यानी विकास के नाम पर मुलायम सिंह आपाराधिक तत्वों के हितों को साधने का काम कर रहे हैं, जैसा कि उन्होंने सपा के शुरुआती दिनों में रमाकांत यादव, दुर्गा यादव, उमाकांत यादव, अंगद यादव जैसे आपराधिक छवि के नेताओं को सामाजिक न्याय के नाम पर पाला पोस कर किया था, जिसने रमाकांत जैसे साम्प्रदायिक तत्वों को जन्म दिया.’ राजीव ने आगे कहा कि, ‘सपा के मुख्य जनाधार यादवों को समझ लेना चाहिए कि मुलायम तमौली गांव को विकास के लिए नहीं बल्कि अपनी जातीय आपराधिक राजनीति को साधने के लिए कर रहे हैं जिसका नुकसान उन्हें ही उठाना पड़ेगा.’

SUPPORT TWOCIRCLES HELP SUPPORT INDEPENDENT AND NON-PROFIT MEDIA. DONATE HERE