By TCN news
पटना: ‘भाजपा के कथनी और करनी में काफी फर्क है. एक तरफ़ नरेन्द्र मोदी कहते है कि चाय बेचते-बेचते हिन्दी सीखी थी और दूसरी तरफ़ महाराष्ट्रा में जहां भाजपा की सरकार है, हिन्दीभाषियों पर हमला बोला जा रहा है, जहां लाखों लोगों के पेट पर लात मारने की कोशिश की जा रही है. ये बिहारियों के खिलाफ़ साजिश है.’
यह बातें आज जनता दल (यू) के प्रदेश कार्यालय में आज पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहीं. इस कांफ्रेस को पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार, राजीव रंजन प्रसाद, डॉ. अजय आलोक एवं डॉ. निहोरा प्रसाद यादव और प्रदेश महासचिव डॉ. नवीन कुमार आर्य ने संयुक्त रूप से संबोधित किया.
जदयू के प्रवक्ताओं ने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार ने कल एक आदेश जारी कर कहा है कि 1 नवम्बर से मुम्बई में सिर्फ मराठी बोलने वाले को ही ऑटो एवं टैक्सी चलाने का परमिट मिलेगा. जो 1 लाख नए ऑटो एवं टैक्सी परमिट दिए जाएंगे, उनके लिए डोमिसाईल सर्टिफिकेट पेश करना है कि वह 15 वर्षों से महाराष्ट्र में रह रहे हैं. 15 साल से जो बिहारी महाराष्ट्र में रह रहे है और मराठी जानते है, उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा. यही नहीं, सरकार ने 1.40 लाख परमिट कैंसिल भी कर दिए. ऐसे में एक परिवार में 5 लोगों को जोड़े तो 7 लाख लोगों के पेट पर लात मारकर उनकी आर्थिक हत्या महाराष्ट्र सरकार कर रही है, जो सामान्य हत्या से भी जघन्य है.’
प्रवक्ताओं ने कहा कि यह पहली घटना नहीं है कि बिहारियों को अपमानित किया गया है. पूर्व में भी बिहारी छात्रों को भाजपा एवं उनके समर्थकों द्वारा मुम्बई एवं महाराष्ट्र में पीटा गया.
प्रवक्ताओं ने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी ने अपने नारे में साफ कहा था कि ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’, लेकिन अब नरेन्द्र मोदी का बिहार विरोधी चेहरा सामने आ गया है. महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार है और उत्तर भारत के लोग तकरीबन 2.50 लाख ऑटो रिक्शा तथा 2 लाख टैक्सी चलाते हैं. मोदी इस पर खामोश क्यों हैं?’
जदयू के प्रवक्ताओं ने कहा कि मुम्बई किसी के बाप की जागीर नहीं है कि कोई अपने मन के मुताबिक तुगलकी फ़रमान जारी कर दे, जो कि संविधान का खुला उल्लंघन है. हम भाजपा को चेतावनी देते हैं कि वह 7 लाख बिहारियों की आर्थिक हत्या करने की कोशिश ना करे. पेट पर लात लगने से चूहा भी शेर बन जाता है. हम तो बिहारी हैं और सब पर भारी है.’
इस प्रेस कांफ्रेस में प्रवक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया, ‘भाजपा बात तो करती है राष्ट्रवाद की लेकिन बढ़ाती है क्षेत्रवाद को. इसके पहले पूर्व झारखण्ड में भी बिहारियों के साथ पूर्वाग्रह का नंगा प्रदर्शन किया जा चुका है. झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली घोषणा की कि ग्रुप डी सर्विस में बिहार के लोगों को जगह नहीं दी जायेगी. दूसरा ज्वलंत उदाहरण है विजय गोयल का, जो दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं वर्तमान में राज्यसभा सदस्य है. उन्होंने राज्यसभा में पुरजोर मांग उठायी थी कि दिल्ली विश्वविद्यालय में 80 प्रतिशत आरक्षण दिल्ली के छात्रों के लिए किया जाये, क्योंकि बिहार के छात्र ज्यादा सीट पाने में कामयाब हो जाते हैं. यानी अब बिहारी छात्रों के मेरिट को आरक्षण से रोकने की कोशिश की जा रही है.’