अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी के ज़रिए लगाए गए पोस्टर व होर्डिंग फ़र्ज़ी साबित होते नज़र आ रहे हैं. इस होर्डिंग में दिख रहे एक मौलाना ने आरोप लगाया है कि उनसे बग़ैर पूछे उनके फोटो का इस्तेमाल किया गया है. इस मामले में उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे ज़िला के पुलिस कमिश्नर के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई है. यह होर्डिंग सोशल मीडिया में खासे चर्चे में रहा था. इस होर्डिंग में लिखा नारा कुछ इस प्रकार है —‘मुस्लिमों का यही अरमान, हो जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण’
इस होर्डिंग में पुणे के मौलाना डॉ. शबीह अहसन काज़मी की भी तस्वीर है. जिसे लेकर मौलाना शबीह ने गुरूवार के दिन पुणे शहर के कमिश्नर को एक लिखित शिकायत दी है. इस शिकायत में उन्होंने कहा है कि, ‘यूपी में राम मंदिर के समर्थन में लगाए गए इस होर्डिंग से मेरा कोई संबंध नहीं है. मेरा फोटो लगाने से पहले मुझसे किसी ने भी परमिशन नहीं लिया है और न ही मैं इन लोगों को जानता हूं. इस होर्डिंग की वजह से मैं मानसिक रूप से परेशान हुआ हूं, इसलिए दोषियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाए.’
मौलाना शबीह ने मीडिया को जारी अपने बयान में कहा है कि, ‘ये मेरी शख़्सियत को बदनाम करने की साज़िश है. इस होर्डिंग और इस नारा से मेरा कोई रिश्ता नहीं है. ये मेरे ख़िलाफ़ एक साज़िश है.’
आगे उन्होंने ये भी कहा कि, ‘मैं पुणे में रहता हूं और होर्डिंग हज़ारों किलोमीटर दूर लखनऊ में लगाया गया है. बाबरी मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. अब अयोध्या में मंदिर बनेगा या मस्जिद, ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ही करेगा. इस मामले में बोलने का मैं कोई अधिकार नहीं रखता हूं. मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं. मेरा काम मुहब्बत का पैग़ाम देना है. इस पोस्टर से मुझे काफी तकलीफ़ हुई है.’
वो बताते हैं कि, ‘पोस्टर को देखते ही मालूम होता है कि ये कुंवर इक़बाल हैदर नाम के किसी व्यक्ति ने लगाया है, जिसे मैं जानता ही नहीं. मेरा उससे कोई संबंध नहीं है और न ही कभी कोई राब्ता रहा है. फिलहाल मैंने पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज करा दी है. अगर पुलिस की ओर से कोई क़दम नहीं उठाया जाता है तो आगे क़ानूनी कार्रवाई करूंगा.’
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समर्थन में पूरे शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले सलाह दी थी कि इस विवाद का निपटारा आपसी रज़ामंदी से हो तो बेहतर है. इसके बाद ये पोस्टर देखने को मिले हैं.