TwoCircles.net News Desk
लखनऊ : ‘इस्लाम शांति और सलामती का धर्म है और हज़रत मोहम्मद ﷺ अमन के पैग़म्बर. ऐसे में ईद-मिलादुन्नबी किसी मज़हब से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि ये पूरी इंसानियत के लिए ख़ुशी का मौक़ा है.’
ये विचार आज ऑल इंडिया उलेमा मशाइख बोर्ड के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष सैय्यद मोहम्मद अशरफ़ किछौछवी ने लखनऊ कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किया.
अशरफ़ किछौछवी ने साफ़ तौर पर कहा कि हम भी मानते हैं कि छुट्टियों से काम प्रभावित होता है, लिहाज़ा इन्हें कम किया जाना चाहिए, लेकिन ईद मिलादुन्नबी की छुट्टी ख़त्म करना सही फैसला नहीं है. क्योंकि यह त्यौहार शांति का त्यौहार है. शांति पर्व के तौर पर मनाया जाता है.
मुफ़्ती सैय्यद अज़बर अली ने भी ईद मिलादुन्नबी की छुट्टी को ख़त्म किये जाने पर अफ़सोस ज़ाहिर किया.
इस बैठक में मस्जिदों के इमामों की समस्याओं पर गौर किया गया और यह प्रस्ताव रखा गया कि मस्जिद के इमामों का एक संगठन बनाया जाए, जिसके तहत मस्जिद के इमामों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित किया जाएगा और उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा ताकि उनके आर्थिक समस्याओं के हल में मदद मिल सके.