TwoCircles.net Staff Reporter
पटना : बिहार में दरभंगा ज़िला के हावीडीह गांव में पुलिस फायरिंग में हुए एक दलित युवक की मौत की घटना की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कड़ी निन्दा की है. साथ ही कहा है कि, दरभंगा सदर एसडीओ के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाए तथा मृतक एवं घायल के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए.
पार्टी की ओर से जारी अपने बयान में सत्य नारायण सिंह ने कहा कि, दरभंगा ज़िलान्तर्गत बहेड़ी थाना के हावीडीह गांव में दरभंगा सदर एसडीओ की मौजूदगी में पुलिस ने 5 मई को दलितों पर अंधाधुंध बर्बरतापूर्ण फायरिंग की, जिससे एक 23 वर्षीय दलित युवक विजय राम की मौत हो गई और अन्य बुरी तरह घायल हो गए.
कम्युनिस्ट नेता ने कहा कि पुलिस का विवाद को सुलझाना है. लेकिन पुलिस ने इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीक़े से सुलझाने के बजाए दलितों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं. इसके लिए सदर एसडीओ पूरी तरह जिम्मेवार हैं, क्योंकि उनकी आंखों के सामने यह घटना हुई. इसलिए उक्त एसडीओ को तुरंत निलंबित किया जाए तथा उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मुक़दमा दर्ज किया जाए.
सत्य नारायण सिंह ने मांग की है कि, मृतक युवक के परिवार को दस लाख रूपये तथा प्रत्येक घायल को दो-दो लाख रूपये बतौर मुआवजा दिया जाए.
बताते चलें कि हावीडीह में पहले से ही दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा है. सोमवार सुबह एक बच्चे की मौत के बाद उसे क़ब्रिस्तान में दफ़नाने के लिए ले जाया गया था. लेकिन दूसरे पक्ष ने इसका विरोध कर दिया. पुलिस के मुताबिक़, वो इस मामले को शांत कराने गई थी, लेकिन पुलिस पर रोड़े बरसाए गए. पुलिस की गाड़ी फूंक दी गई. पहले भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठियां बरसाईं. स्थिति अनियंत्रित होते देख पुलिस फ़ायरिंग शुरू करनी पड़ी. फायरिंग में विजय राम की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए. घायलों का इलाज डीएमसीएच में चल रहा है.
डीएम डॉ.चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक़, स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि क़ब्रिस्तान की ज़मीन पर कोई विवाद नहीं है. क़ब्रिस्तान की बाउंड्री हो चुकी है, इसके बाहर की ज़मीन पर विवाद है. इसके बाद भी कुछ लोग क़ब्रिस्तान में शव दफ़नाने से मना कर रहे थे. इसी बात पर दोनों पक्षों के बीच तक़रार शुरू हुई थी.