TwoCircles.net Staff Reporter
कोटद्वार : पिछले सप्ताह हरिद्वार के रायवाला और कनखल में हुई अल्पसंख्यकों के विरुद्ध साम्प्रदायिक हिंसा की तपिश अभी शांत भी नहीं हुई थी कि मंगलवार को पौड़ी गढ़वाल जनपद के नजीबाबाद से सटे सबसे बड़े क़स्बे कोटद्वार में मुसलमानों के ख़िलाफ़ सामूहिक हिंसा का मामला सामने आ गया. हिंसा के पीछे एक मुस्लिम युवक का एक हिन्दू युवती से प्रेम-प्रसंग होने की आशंका बताई जा रही हैं.
यहां अल्पसंख्यकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. रायवाला की तर्ज पर रिक्शा और रेहड़ी वालों के साथ मारपीट की गई. आरोप है कि बड़े पैमाने पर मुस्लिमों को चिन्हित कर उनकी पिटाई की जा रही है.
पीड़ितों के मुताबिक़, यह सब हिन्दू संगठनों ने किया और वो ये कह रहे थे कि देवभूमि को मुसलमानों से मुक्त किया जाएगा.
कोटद्वार छोड़कर नजीबबाद लौट आए चश्मदीद अहसान के मुताबिक़, हमलावरों ने कहा कि जब कश्मीर में पंडित नहीं रह सकते तो हम देवभूमि में मुसलमानो को रहने नहीं देंगे.
पौड़ी गढ़वाल के एसएसपी जगतराम जोशी ने कोटद्वार में कैम्प कर रहे हैं. पुलिस ने हिन्दू संघटनो के 6 लोगों के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज किया है.
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह हरिद्वार के रायवाला और कनखल में एक युवक की ट्रेन से कटकर मौत हो जाने के बाद रायवाला में अल्पसंख्यकों पर हमले हुए थे. युवक लक्ष्मण सिंह एक मुस्लिम लड़की पर शादी का दबाव बना रहा था, जबकि वो पहले से शादीशुदा था. बाद में उसकी ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी. युवक के परिजनों ने युवती के परिजनों पर हत्या का आरोप लगाया था, जिसके बाद तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई थी.
मगर इसके बाद हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों ने रायवाला और कनखल में समूह बनाकर मुस्लिमों के ख़िलाफ़ एक तरफ़ा हिंसा की थी. जिसमें मुस्लिमों की संपत्ति को भारी नुक़सान पहुंचाया गया था. दो दिन तक की गई अल्पसंख्यकों के विरुद्ध इस हिंसा में उत्तराखण्ड पुलिस असहाय महसूस हुई थी. बाद में पुलिस ने डेयरी स्वामी अब्दुल रहीम की तहरीर पर 14 लोगों के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज कर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया था.
अब कोटद्वार में भी यही हुआ है. रायवाला में भी हमलावर मुसलमानों को पीटते हुए देवभूमि छोड़ने के लिए कह रहे थे.
दरअसल कोटद्वार में हिंसा का आधार सरफ़राज़ नाम के युवक के एक हिन्दू युवती को भगा ले जाना बना है. ख़ास बात यह है कि दोनों जगह बवाल की वजह प्रेम-प्रसंग बना है. रायवाला में लड़की मुस्लिम थी और कोटद्वार में हिन्दू है, मगर दोनों जगह मुस्लिमों पर कहर ढाया गया है.
बताते चलें कि उत्तराखंड में मुस्लिमों की आबादी बेहद कम है. पहाड़ी इलाक़ों में सिलाई और नाई की ज्यादातर दुकानें मुसलमानों की हैं. इसके अलावा रिक्शे और सड़क किनारे ठेली लगाने वाले ज्यादातर लोग भी मुसलमान हैं. इन्हीं लोगों के ख़िलाफ़ यह हिंसा की जा रही है. लगातार होती इन घटनाओं से मुसलमान पूरी तरह डर गया है. उत्तराखंड में लगातार मुसलमानों के विरुद्ध हो रही ये घटनायें एक ख़तरनाक साज़िश की ओर संकेत कर रही हैं.
फिलहाल कोटद्वार में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है.