TwoCircles.net Staff Reporter
नई दिल्ली : जामिया की फाइन आर्ट्स फैकल्टी के छात्र जामिया मिल्लिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन पर म्यूरल पेंटिंग बनाएंगे. इस पेंटिंग के ज़रिए यूनिवर्सिटी के अब तक के सफ़र को दर्शाया जाएगा.
यूनिवर्सिटी की ऐतिहासिकता को दर्शाते हुए पेंटिंग में दिखाया जाएगा कि किस तरह पुरानी इमारतों से नवीन आर्किटेक्चर की इमारतें जामिया में निर्मित हो गई हैं और अब यूनिवर्सिटी का क्या स्वरूप है.
पेंटिंग में जामिया का लोगो भी बनाया जाएगा. जामिया के तराने की एक लाइन भी इस पेंटिंग में शामिल की जाएगी. फाइन आर्ट्स फैकल्टी के अध्यापक शाह अबुल फ़ैज़ की देख-रेख में उनके छात्र ये पेंटिंग बनाएंगे.
इसी साल अगस्त में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ए.पी. सिद्दीक़ी की तरफ़ से मेट्रो स्टेशन पर जामिया के छात्रों द्वारा म्यूरल पेंटिंग बनाने का प्रस्ताव दिया गया था.
डीएमआरसी पहले ही मेट्रो स्टेशन की दीवारों पर पेंटिंग का काम किसी दूसरे आर्टिस्ट को दे चुका था, लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ़ से लगातार कोशिशों की वजह से डीएमआरसी मान गया और आख़िरकार यूनिवर्सिटी को म्यूरल पेंटिंग बनाने की इजाज़त दे दी.
डीएमआरसी ने न सिर्फ पेंटिंग की मंज़ूरी दे दी है बल्कि पेंटिंग बनाने के लिए ज़रूरी सामग्री का खर्च और छात्रों को मानदेय देने का भी फैसला किया है.
डीएमआरसी ने जामिया को इसके लिए डिमांड ड्राफ्ट भी दे दिया है और काम जल्द होने की उम्मीद है.
जामिया के फाइन आर्ट्स फैकल्टी के लिए जाने वाले गेट से लगे मेट्रो स्टेशन साइड की टिकट विंडो के बगल की बड़ी दीवार पर ये पेंटिंग बनाई जाएगी.
बता दें कि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर तलत अहमद की मंज़ूरी मिलने के बाद पेंटिंग करने का प्रस्ताव जामिया की तरफ से डीएमआरसी को जुलाई 2017 में भेजा गया. इसके बाद एक बार जामिया और डीएमआरसी की टीम ने मौक़े पर जा कर मुआयना किया था. जामिया की कोशिश थी कि प्रस्ताव को मंज़ूरी मेजेंटा लाइन के उद्घाटन से पहले मिल जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
अब मेट्रो की तरफ़ से मंज़ूरी मिलने के बाद जामिया के वाईस चांसलर प्रोफेसर तलत अहमद काफी संतुष्ट हैं.
उन्होंने TwoCircles.net के साथ बातचीत में कहा कि, मेट्रो स्टेशन से गुज़रने वालों को इस पेंटिंग के द्वारा जामिया की ऐतिहासकिता के बारे में पता चल सकेगा. जामिया में पुरानी इमारतों के साथ-साथ नई इमारतों का अनूठा मिश्रण है. हमने इस पेंटिंग को नए साल के कार्ड में भी छापा है. उम्मीद है लोगों को पसंद आएगा.
डीएमआरसी नीति के तहत अपने स्पेस को कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए करती है. जामिया के पहले भी कई स्टेशन पर इस तरह के प्रयोग किये गए हैं.
अब मेट्रो की मंज़ूरी के बाद जामिया के छात्र जल्द ही साइट पर काम शुरू करेंगे.