बिहार-लिंच विहार : 72 घंटे में तीन मॉब लिंचिंग

फ़हमीना हुसैन, TwoCircles.net

बिहार के नालंदा और अररिया जिले में भीड़ ने महज 72 घंटे के अन्दर पीट-पीटकर तीन लोगों की हत्या कर दी. लगातार हुई तीन मॉब लिंचिंग की घटना ने बिहार की कानून व्यवस्था पर  सवालिया निशान लगा दिया हैं.


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बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने 2 जनवरी को मुख्यमंत्री नितीश कुमार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया—बिहार अब लिंच विहार बन गया हैं. 24 घंटे में 3 लोग मोब लिंचिंग के शिकार, बीते 24 घंटे में सात हत्या. कानून व्यवस्था आउट ऑफ़ कण्ट्रोल है क्यूंकि नितीश सरकार क्रिमिनल्स से मिली हुई हैं.

पहली घटना बिहार के अररिया जिले के सिकटी थाना क्षेत्र के सिमरबनी गांव में मवेशी चोरी के शक में ग्रामीणों ने काबुल मियां (55) की पीट-पीट कर हत्या कर दी. ये घटना 30 दिसंबर की रात हुई थी. इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बुधवार को पुलिस हरकत में आई. स्थानीय मीडिया के अनुसार पुलिस ने अज्ञात लोगो के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया हैं. ऐसा भी बताया जा रहा हैं कि हमलावर भीड़ में कई लोग काबुल मियां के जानने वाले और मुस्लिम समुदाय के ही थे.

इसके बाद 2 जनवरी को नालंदा में मॉब लिंचिंग की एक और घटना हुई. नालंदा जिले में दीपनगर थाना क्षेत्र के काको बिगहा मघड़ा सराय गांव में राजद नेता इंदल पासवान को अज्ञात लोगों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गई. जिसके बाद इस घटना के विरोध में दो गांवों के बीच विवाद बढ़ा. देखते देखते 500 की संख्या में आये आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की मौजूदगी में ही हत्या के शक के आधार पर तीन दलित परिवारों के घरों में तोड़फोड़ कर एक घर में आग लगा दी. हत्या के बाद शक के आधार पर भीड़ ने घर से खींचकर संटू मालाकार को ईंट-पत्थर से पीट-पीट कर मार डाला. साथ ही रंजन कुमार की घर में घुसकर पत्थर व ईंट से मार-मार कर हत्या कर दी. पुलिस ने इस घटना में चार केस दर्ज किये हैं और 10 लोगो को गिरफ्तार किया हैं.

इन घटनायों से  पहले भी अक्टूबर 19/20 को उत्तर बिहार के सीतामढ़ी में दंगाई भीड़ ने जैनुल अंसारी (82) की हत्या कर गौशाला चौक पर खुलेआम जला दिया था.

इस मामले में बिहार सरकार दोषी अधिकारीयों और दंगाइयों पर कारवाही करने के बजाये मामले को दबाने में लगी थी. लेकिन घटना से जुड़े तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद सीतामढ़ी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष गैयूरुल हसन से मिल कर कार्यवाही की मांग की. उसके बाद आयोग ने बिहार के गृह मंत्रालय को नोटिस भेज कर घटना की जांच कर एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा हैं.

इन घटनाओं पर विपक्षी पार्टी आरजेडी प्रवक्ता शिवानंद तिवारी का मानना है कि बिहार में राज्य सरकार लॉ एंड ऑर्डर को लेकर ज़रा भी गंभीर नहीं है. प्रदेश में बलात्कार, रंगदारी, मर्डर, लूट समेत हर अपराध अपने चरम पर है.

वहीँ युवा कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद शम्स शाहनवाज के अनुसार बिहार में मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को लगातार अंजाम दिया जा रहा है. ऐसे राज्य सरकार की चुप्पी और बिहार सरकार की लापरवाही, तानाशाही रवैये को लेकर भी नीतीश सरकार के शासन राज पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं.

 

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