A poem in lighter vein
By Dr Nadeem Zafar Jilani
मोदी जी रॉयल्टी दो,
मुझ को गाली दे देकर
इतने वोट बटोरे हैं,
मुझे कोस कर जीत गए,
जितने गदहे, घोड़े हैं!
मुझे हटा कर आप के पास,
बचते सिर्फ पकौड़े हैं!!
मुझ को गाली दे देकर
इतने वोट बटोरे हैं,
मुझे कोस कर जीत गए,
जितने गदहे, घोड़े हैं!
मुझे हटा कर आप के पास,
बचते सिर्फ पकौड़े हैं!!
थोड़ा sense of loyalty दो
मोदी जी रॉयल्टी दो।
बाबर, अकबर, औरंगज़ेब
मेरा इन से लेना क्या?
इनकी आड़ में रह रह कर
मुझ को ताने देना क्या,
आप को लगते हैं हम सब,
पाकिस्तान की सेना क्या?
लाँछन, में कुछ quality दो
मोदी जी रॉयल्टी दो!!
हुम् जो न होंगे तो सच मुच्
आप का कहिये होगा क्या?
किस का ख़ौफ़ दिखाओगे?
कैसे ज़हर पिलाओगे?
किसका खून बहाओगे?
कितनी सीटें पाओगे?
Hate का copyright रखो
पर Credit, की गारंटी दो,
मोदी जी रायल्टी दो!!
Dr. Nadeem Zafar Jilani can be reached at [email protected]
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