मुजफ्फरनगर-
आस मोहम्मद कैफ,TwoCircles.net
मुजफ्फरनगर से देहरादून जाने के रास्ते में आधे घंटे के सफर के बाद चाट की मशहूर दुकानों का बाज़ार जहाँ दिखाई दे वो पुरकाजी है।
यहाँ की आबादी तक़रीबन 30 हज़ार है और मुस्लिम बहुल इस कस्बे में महिलाओं के लिए अत्याधुनिक साजो सामान वाला बेहतरीन जिम बना है। बड़ी संख्या में आ रही महिलाओं को वरज़िश की दीवानगी हो गई है।
उत्तर प्रदेश में यह एक बड़ी और नई बात है ।
हालांकि मुजफ्फरनगर शहर में महिलाओं के प्राइवेट जिम है मगर पूरे प्रदेश में किसी भी नगर पंचायत ने इससे पहले ऐसा नही किया था। इसमे कुल 25 लाख रुपये खर्च हुए है। इसे नगर पंचायत दफ्तर परिसर में ही बनाया गया है। जिम में तमाम अत्याधुनिक मशीने हैं।
सरकारी तौर पर यह अनोखा जिम है और इसमें अब तक 300 महिलाएँ रजिस्ट्रेशन करा चुकी है। इस जिम को लेकर रोचक प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है। महिलाओं में इसे लेकर अत्यधिक उत्साह है। जिम का उदघाटन मंगलवार को कस्बे की 80 साल की एक बुजुर्ग महिला ने किया।
इस जिम को शुरू करने का श्रेय पुरकाजी के चेयरमैन जहीर फारूकी को जाता है। पेशे से वकालत करने वाले जहीर फारूकी दो साल पहले ही यहां चेयरमैन चुने गए और उसके बाद से उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि अगर एक रचनात्मक दृष्टिकोण वाला पढ़ा लिखा व्यक्ति चुना जाता है तो वो किस तरह का परिवर्तन ला सकता है।
जी०टी रोड पर बसी हुई पुरकाजी पूरी तरह नेट कनेक्टिविटी के साथ सीसीटीवी कैमरों से लैस है और पुलिस इन्ही कैमरों के जरिए कई घटनाओं का खुलासा कर चुकी है। उन्हें बेहतर बाजारी रखरखाव, अतिक्रमण रहित व्यवस्था और साफ सफाई के लिए भी सराहना मिलती है, साथ ही जनपद की सर्वश्रेष्ठ गौशाला भी उन्ही के नगर पंचायत पुरकाजी की है।
मुस्लिम बहुसंख्यक आबादी वाला यह कस्बा अचानक कई मायनों में तारीफ पा रहा है। एनएच 58 दिल्ली हरिद्वार मार्ग पर होने के कारण हाल ही में लाखों कावंड़िये भी यहीं से गुजरे थे जबकि मुस्लिमों ने उनके लिए आदर्श व्यवस्था की थी।
यह अलग बात है कि यह कस्बा रोजगार की भारी किल्लत से जूझ रहा है । मगर यहाँ के लोगों का दिल बहुत बड़ा है। कस्बे के सलीम अहमद बताते हैं कि रोजगार की यह किल्लत पिछले 3 सालों में चरम पर पहुंच गई है। पुरकाजी सड़क के किनारे बसा हुआ कस्बा है मगर बाईपास बन जाने के कारण अब मुसाफ़िर अंदर नही आ पाते हैं। इससे रोजगार बेहद प्रभावित हो गया है। यहां के लोगो ने बाईपास न बनने का काफी विरोध किया था मगर वो कामयाब नही हो पाए।
फिलहाल पुरकाजी की पहचान ही यहाँ के चेयरमैन जहीर फारूकी बन गए हैं । वो रोज एक आइडिया लेकर आ रहे हैं । वो कहते हैं “शासन प्रशासन का सहयोग मिल रहा है, जिम खोलने का आइडिया घर से ही मिला जहाँ महिलाओं की हालत फिजिकली बिगड़ती देखकर उन्हें लगा कि फिटनेस की तरफ ध्यान देना चाहिए। फिर यह भी हुआ है कि पुरकाजी के बहुत संपन्न लोग शहर में जाकर बस गए हैं और उनकी महिलाएँ निजी जिम में जाती है तब मुझे लगा कि हमें यह हक़ गरीब परिवार की महिलाओं को भी देना चाहिए। शुरुआत में बोर्ड(नगर पंचायत) की मीटिंग में कुछ सभासदों ने हमारा विरोध किया। उन्होंने कहा यह निर्रथक कार्य है मगर बाद में ज्यादातर हमारे पक्ष में आ गए।”
उस समय के जिलाधिकारी राजीव शर्मा को यह सुझाव बहुत पसंद आया, सिर्फ 3 महीने में आज जिम अस्तिव में है। 900 वर्ग फ़ीट के एक हॉल में संचालित किए जा रहे इस जिम में 25 लाख रुपये की मशीनें गुड़गांव से खरीदी गई है। जहीर बताते हैं “हमने जब यह वायदा किया कि हम टॉप क्लास जिम देंगे तब हमनें क्वालिटी से कोई समझौता नही किया। पूरे हॉल में रेड कार्पेट बिछाया गया है। अब हम पुरकाजी में महिलाओं के लिए स्विमिंग पूल और विद्यार्थियों के लाइब्रेरी बनाना चाहते हैं जहाँ तमाम ज्ञानवर्धक किताबें हो “।
पुरकाजी की महिलाओं के लिए तो यह शानदार तोहफे की तरह है। शादाब अंसारी के मुताबिक आजकल फिट रहना और दिखना दोनों बहुत महत्वपूर्ण है। पुरकाजी बहुत पिछड़ा हुआ कस्बा है। यहाँ दूसरे कस्बे भी ऐसे ही हैं। यहाँ महिला जिम की कल्पना करना भी मुश्किल है जबकि पुरकाजी में पुरुषों के लिए 15 जिम है हालांकि वो सब निजी जिम है ।मगर यह तो एकदम सरकारी खर्चे पर बना जिम है।
जिम में ट्रेनर के लिए भी अखबार में विज्ञापन दिया गया और बाकायदा इंटरव्यू हुआ । जहीर कहते हैं “हम कोई कसर नही छोड़ना चाहते, कोई औपचारिकता भी नही करना चाहते, इलाके में महिलाओं में इससे बराबरी और आत्मविश्ववास पैदा होगा और वो बराबरी की दिशा में बढ़ेंगी।”
जिम की शुरुआत मंगलवार को हुई जब इसका उद्घाटन 80 साल की एक फिट महिला राजबाला ने की। जिम के प्रति महिलाओं के उत्साह का आलम यह था कि पहले दिन ही 300 महिला रजिस्ट्रेशन कराने पहुँच गई। पुरकाजी की रहने वाली महिला हितों के लिए लड़ने वाली अस्तित्व संस्था की अध्यक्षा रेहाना अदीब के अनुसार समाज में बहुत से काम पुरुषों के वर्चस्व के हो गये है। महिलाओं ने बहुत से क्षेत्रों अपनी पकड़ बनाई है। इससे निश्चित तौर पर महिलाओं में बराबरी का भाव पैदा होगा। वो फिट रहेंगी और हिट भी रहेंगी।