बिहार चुनाव में ताल ठोंक रहे मुस्लिम उम्मीदवार

अक़ील हुसैन Twocircles.net के लिए 

बिहार विधानसभा चुनाव में राजनैतिक दलों ने तमाम पढ़ें लिखे युवाओं, छात्र नेताओ को चुनाव लडने का अवसर दिया है। सबसे ज्यादा महागठबंधन ने अब तक 34 मुस्लिम समाज से टिकट दिए हैं। इनके सबके बीच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र नेता भी विभिन्न दलों से चुनावी मैदान में हैं। चर्चित मुस्लिम चेहरों के बीच युवाओं पर समाज की खास नज़र है। इन्हें ही बिहार में मुसलमानों का भविष्य का नेतृत्व समझा रहा है। इन चर्चित चहेरों सहित समस्त मुस्लिम उम्मीदवारों पर यह रिपोर्ट पढ़िए – 


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सय्यद हस्सान उल हक़ ,खजौली 

एएमयू छात्र राजनीति से चर्चित हुए हस्सान का  जन्म बिहार के जयनगर में 23 जुलाई 1994 को हुआ जो मधुबनी जिले के अंतर्गत आता है। उनके परदादा एक स्वतंत्रता सेनानी थे। हस्सान के पिता का नाम सैय्यद एनामुल हक़ हैं जो स्वयं एएमयू के छात्र रहे हैं। सैय्यद एनामुल हक़ एक शिक्षाविद रहे हैं, इमाम मोहम्मद इब्ने सऊद इस्लामिक यूनिवर्सिटी में एसिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रहे हैं और वर्तमान में बिहार में  स्कूल भी चलाते हैं। शिक्षाविद होने के साथ साथ उनके पिता एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वर्तमान में जयनगर के शहर क़ाज़ी के पद पर हैं। तीन बहनों और तीन भाइयों में हस्सान भाइयों में सबसे छोटे हैं। हस्सान की परिवारिक पृष्ठभूमि राजनैतिक और सामाजिक रही है।

Hasanul Haq

हस्सानुल हक “हस्सान” की प्रारंभिक शिक्षा जयनगर के मार्डन चिल्ड्रेन स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने अलीगढ़ के तामीर-ए-मिल्लत इस्लामिया स्कूल से इस्लामिक शिक्षा हासिल की, इसके पाश्चातय वापस जयनगर मधुबनी अपने घर को रूख किया फिर वहां से अपनी इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करी और फिर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कानून विभाग में दाखिला लिया और हाल ही में पिछले साल कानून की डिग्री हासिल की हैं। हस्सान के कानून की डिग्री के लेने का मक़सद गरीबों, अल्पसंख्यको , पिछड़ों-दलितो , वंचितों को न्याय दिलाना था जो न्याय के लिए दर दर भटकते हैं। शुरू से ही हस्सान का रुझान  कानून की पढ़ाई की तरफ रहा। सामाजिक कार्यों के प्रति उनका झुकाव कम उम्र से बना रहा।

हस्सान तमाम मुद्दों के साथ साथ समाजिक न्याय के लिए भी परस्पर लड़ते रहे। हस्सान कहते हैं कि “उनकी लगातार कोशिश रही है कि समाज के अंदर एक सद्भाव बना रहे जिससे समाज की तरक्की और देश आगे बढ़े”। हाल ही में सरकार द्वारा लाए गए सीएए के विरोध में हस्सान बिहार में एक मुखर आवाज़ बनकर उभरे। बिहार में 300 से ज्यादा सीएए विरोधी प्रदर्शनों का हिस्सा बने।

Mashkoor Usmani

मशकूर उस्मानी,जाले 

बिहार के दरभंगा निवासी डा मशकूर उस्मानी 2017 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष रहें हैं। मशकूर उस्मानी ने हाल ही में पिछले वर्ष अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीडीएस की है। मशकूर उस्मानी एएमयू में छात्र राजनीति का एक बड़ा चेहरा रहें हैं। एएमयू में हुए जिन्ना प्रकरण में वो एक मजबूत चेहरा बन कर उभरे। मशकूर उस्मानी ने पिछले कुछ वर्षों से लगातार छात्र हितों की बात की हैं चाहे वो कैंपस का मुद्दा रहा हो या यूजीसी का घेराव करना रहा हो । जेएनयू छात्र नजीब के गायब होने का मुद्दा रहा हो या संविधान विरोधी सीएए कानून का मुद्दा रहा हो ,हर मुद्दे पर बेबाकी दिखाई है चाहे वो दिल्ली की सड़कों पर लाठियां खानी रही हो या अलीगढ़ में पुलिस की लाठी। तमाम जनहित के मुद्दों पर, सरकार की ग़लत नीतियों का विरोध करना रहा हो हर मुद्दे पर मशकूर अलीगढ़ से दिल्ली, दिल्ली से बिहार तक नज़र आए।

एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखने वाले मशकूर अपने संघर्ष के दम पर आज बिहार में महागठबंधन के कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार के तौर पर दरभंगा की जाले विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहें हैं। मशकूर उस्मानी एक गांधीवादी विचारधारा के शिक्षित युवा हैं जो अपने क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि जनहित के मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में हैं। मशकूर उस्मानी शिक्षा के मुद्दे को लेकर अपने क्षेत्र में पहले से काफी प्रयासरत रहे हैं।

Minnat Rahmani

मिन्नत रहमानी,सुपौल

मिन्नत रहमानी बिहार की सुपौल विधानसभा से महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हैं। मिन्नत रहमानी पिछले कई वर्षों से कांग्रेस में सक्रिय  हैं, तमाम पदों पर रहते हुए वर्तमान में बिहार अल्पसंख्यक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। मिन्नत रहमानी की पहचान एक शिक्षित, संघर्षशील, युवा राजनीतिज्ञ  के रूप में होती है। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र रहें हैं मिन्नत रहमानी भी छात्र राजनीति का हिस्सा रहें हैं। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से हुई।

मिन्नत रहमानी अल्पसंख्यको ,पिछड़ों-दलितो, वंचित समाज के हक , शिक्षित समाज, रोजगार के अवसर, कानून व्यवस्था , किसानों की समस्या आदि और भी ऐसे जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर जनता के बीच उतरे हैं। मिन्नत पूर्व से लगातार  अल्पसंख्यक समाज , दलित समाज के मुद्दों को उठाते चले आए हैं।

Taukeer Alam

तौकीर आलम, प्राणपुर 

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से निकले तौकीर आलम कटिहार की प्राणपुर विधानसभा से महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। तौकीर आलम  जेएनयू से डाक्टरेट की डिग्री लिए हुए है। तौकीर आलम अपने छात्र जीवन से ही कांग्रेस से जुड़े रहें हैं। वर्तमान में कांग्रेस की युवा इकाई के राष्ट्रीय सचिव हैं। तौकीर आलम शुरुआती छात्र राजनीति से ही संघर्ष, जुझारू रहें हैं। विभिन्न जनहित के मुद्दों और सरकार की  जन विरोधी नीतियों को लेकर दिल्ली से लेकर बिहार तक सड़कों पर लड़ाई लड़ रहे हैं। और इस बार उन मुद्दों को सदन में उठाने को लेकर चुनावी मैदान में हैं। तौकीर अल्पसंख्यकों और युवाओं के मुद्दों को लेकर भी सक्रिय रहते हैं।

तौकीर आलम अच्छी शिक्षा, अच्छी स्वास्थ्य सेवा, सड़कों का निर्माण, किसानो, कामगारों, उद्योग की समस्या  खासकर युवाओं से जुड़ीं समस्याओं के वादे के साथ है।

बिहार में चुनाव लड़ रहे महागठबंधन के मुस्लिम प्रत्याशी 

1. कांटी –  मो इस्राइल मंसूरी
2. सिमरी बख्तियारपुर – चौधरी युसुफ कैसर
3. केवटी – अब्दुल बारी सिद्दीकी
4. बिस्फी- फैय्याज़ अहमद
5. गोविंदपुर – मो कामरान
6. रफीगंज – मो नेहाल उद्दीन
7. बांका – जावेद अंसारी
8. सुरसंड – सैयद अबू दोजाना
9. नरकटिया – शमीम अहमद
10. बरौली – रेयाजुल हक राजू
11. ढाका – फैसल रहमान
12. बायसी – हाजी अब्दुस सुभान
13. समस्तीपुर – अख्तरुल इसलाम शाहीन
14. जोकीहाट – मो सरफराज आलम
15. गोराबोराम – मो अफजल खान
16. कोचाधमन – सीमा इंतेखाब
17. ठाकुरगंज – सयूद असरार नदवी
18. नाथनगर – अली अशरफ सिद्दीक़ी
 
१9- मिन्नत रहमानी – सुपौल
20- मशकूर उस्मानी – जाले दरभंगा
21 – आसिफ़ गफ़ूर – गोपालगंज
22- तौसीफ़ आलम – बहादुरगंज
23- इजहारुल – किशनगंज
24- जलील मस्तान – अमौर पूर्णिया
25 -ओवैदुर्रहमान – अररिया
26- डॉ शकील खान – कदवा
27- जाकिर – फारबिसगंज
28- तौकीर आलम – प्रानपुर
29- आफ़ाक आलम – कस्बा पूर्णिया
30- जलील मस्तान – अमौर
31 – कयामिद्दीन अंसारी – आरा
32- आफताब आलम- औराई
33- महबूब आलम- बलरामपुर
34- मोहम्मद कामरान- नौतन
 

जेडीयू मुस्लिम प्रत्याशी 

1- खुर्शीद (फिरोज़ अहमद)- सिकटा विधानसभा क्षेत्र (पूर्वी चंपारण)
 
2- शरफुद्दीन – शिवहर विधानसभा क्षेत्र (शिवहर)
 
3- शगुफ्ता अज़ीम – अररिया विधानसभा क्षेत्र (अररिया)
 
4- नौशाद आलम – ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र (किशनगंज)
 
5- मोहम्मद मुजाहिद आलम- कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र (किशनगंज)
 
6- सबा जफर- अमौर विधानसभा क्षेत्र (पूर्णिया) 
 
7- फ़राज़ फातमी- दरभंगा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र ( दरभंगा)
 
8- मोहम्मद जमाल – कांटी विधानसभा क्षेत्र (मुजफ्फरपुर)
 
9- अल्ताफ़ राजू- मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र (सारण)
 
10- आस्मा परवीन- महुआ विधानसभा क्षेत्र (वैशाली)
 
11- अंजुम आरा- डुमरांव विधानसभा क्षेत्र (बक्सर)
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